भारतीय शेयर बाजार, जिसमें बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी50 शामिल हैं, आज अर्थात 17 जुलाई 2024 को मुहर्रम के अवसर पर व्यापार के लिए बंद हैं। यह अवकाश केवल इक्विटी बाजार ही नहीं बल्कि डेरिवेटिव और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB) सेगमेंट में भी लागू होता है। इसके साथ ही मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) भी सुबह सत्र के लिए बंद रहेगा लेकिन शाम को व्यापार फिर से शुरू होगा।
मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है और इसे मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक महत्वपूर्णता के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर भारतीय बाजार प्रणाली में अवकाश रखने का निर्णय लिया गया है ताकि सभी धार्मिक समुदायों को उचित सम्मान दिया जा सके। यह केवल मुस्लिम समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारतीय समाज के लिए धार्मिक सद्भाव का प्रतीक है।
साल 2024 में मुहर्रम के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण अवकाश भी हैं। इनमें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), महात्मा गांधी जयंती (2 अक्टूबर), दीपावली (1 नवंबर), गुरु नानक जयंती (15 नवंबर), और क्रिसमस (25 दिसंबर) शामिल हैं। यह सभी अवकाश भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं और उनके लिए विशेष महत्व रखते हैं।
पिछले व्यापार सत्र में भारतीय बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिला। एसपी बीएसई सेंसेक्स रिकॉर्ड हाई 80,716.55 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी 24,613 के साथ अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अच्छी बढ़त के कारण यह वृद्धि हुई थी, क्योंकि निवेशकों को उम्मीद थी कि सितंबर तक ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी और एशियन पेंट्स सेंसेक्स के शीर्ष प्रदर्शनकर्ताओं में शामिल थे। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और पॉवर ग्रिड ने अंडरपरफॉर्म किया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने नोट किया कि बाजार आने वाले दिनों में बजट प्रस्तावों की प्रत्याशा में प्रतिक्रियाशील रहेगा। निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि बजट विकासोन्मुखी और वित्तीय रूप से प्रूडेंट होगा।
बाजार के इन अवकाशों का समग्र प्रभाव व्यापार जगत पर पड़ता है, क्योंकि इन दिनों व्यापारिक गतिविधियाँ ठप रहती हैं। इससे व्यवसायिक जगत को अपनी योजनाओं और रणनीतियों को पुनः व्यवस्थित करने का समय मिलता है, जो लंबे समय में आर्थिक स्थिरता और निवेश वृद्धि में योगदान देती है।
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