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गॉल टेस्ट में ख्वाजा का ऐतिहासिक दोहरा शतक, स्मिथ-इंग्लिस के शतक से ऑस्ट्रेलिया ने बनाए 654 रन
Abhishek Rauniyar

Abhishek Rauniyar

गॉल की पिच पर इतिहास, ख्वाजा की नई मिसाल

श्रीलंका के गॉल मैदान पर खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में उस्मान ख्वाजा ने जी-जान लगाकर इतिहास रच दिया। ख्वाजा ने नाबाद 204 रन बनाए, जिसमें 16 चौके और 1 छक्का भी शामिल रहा। ये शतक खास इसलिए भी है क्योंकि श्रीलंका में किसी भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का ये पहला टेस्ट दोहरा शतक है। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज मार्क टेलर, ग्रेग चैपल और जेसन गिलेस्पी ने उपमहाद्वीप में यह कमाल किए थे, लेकिन श्रीलंका में किसी ने नहीं। ख्वाजा की ये पारी ऑस्ट्रेलिया के लिए एक नया बेंचमार्क बन गई।

दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी 654/6 रन पर घोषित कर दी। टीम का दबदबा मैदान पर साफ दिखा और ख्वाजा की मौजूदगी ने श्रीलंका के गेंदबाजों का आत्मविश्वास बुरी तरह तोड़ा।

स्मिथ की उपलब्धि, इंग्लिस का डेब्यू पर जलवा

इस मैच में सिर्फ ख्वाजा ही नहीं, बल्कि सीनियर बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने भी धमाल मचाया। स्मिथ ने 141 रन की शानदार पारी खेली, और इसी के साथ वो टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करने वाले चौथे ऑस्ट्रेलियाई बन गए। क्रिकेट इतिहास में ये उपलब्धि बड़े ही कम खिलाड़ियों को मिली है। स्मिथ की बल्लेबाज़ी लय में थी, उन्होंने ख्वाजा के साथ मिलकर श्रीलंका के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया।

वहीं दूसरी ओर, डेब्यू कर रहे जोश इंग्लिस ने भी अपने पहले ही टेस्ट में शतक जमा दिया। इंग्लिस ने नाबाद 100 रन बनाए और ख्वाजा के साथ 146 रनों की साझेदारी कर मुकाबले को एकतरफा बना दिया। टीम ने उनकी ठोस पारी की बदौलत श्रीलंका के लिए कोई वापसी का रास्ता छोड़ा ही नहीं।

ऑस्ट्रेलिया के 654 रनों के विशाल स्कोर के जवाब में श्रीलंका की शुरुआत खुद ही डगमगा गई। खेल के अंत तक श्रीलंका ने 44 रन पर ही अपने 3 अहम विकेट गवां दिए। यह शुरुआत उनके लिए कठिनाई भरी रही, क्योंकि अब उन पर 610 रनों की भारी दबाव है।

ये मुकाबला फिर दिखाने लगा है कि ऑस्ट्रेलिया क्यों टेस्ट क्रिकेट में दुनिया की सबसे मजबूत टीम मानी जाती है। बल्लेबाजों के इस प्रदर्शन के बाद गेंदबाजों के पास भी अब श्रीलंका को घेरने का आसान मौका है। अब सभी की नजरें अगले दिन के खेल पर हैं, क्या श्रीलंकाई टीम बड़ी वापसी कर पाएगी या ऑस्ट्रेलिया का दबदबा और मजबूत होगा—इसका जवाब आने वाले समय में मिलेगा।

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टिप्पणि

Vaneesha Krishnan

Vaneesha Krishnan

24 जुलाई 2025

वाकई में ख्वाज़ा ने अद्भुत प्रदर्शन किया! उनका दोहरा शतक देखना एक सपना जैसा रहा 😍। गॉल की पिच पर उनकी निरंतरता और धीरज को सलाम है। ऐसे मैचे में टीम को इतना बड़ा भरोसा मिलता है कि आगे की पारी में भी जीत का सौदा तय हो जाता है। ऑस्ट्रेलिया की पावरप्ले को देखते हुए, अगले दिन श्रीलंका को रोटेशन बहुत ज़रूरी होगा।

Satya Pal

Satya Pal

30 जुलाई 2025

इब्बी यार, थियरी तो बहुत चलती है पर हकीकत में ख्वाज़ा की पारी में कुत्ता‑कुत्ता असली कमाल है। टाइपो-प्रोन हूँ तो “गॉल” को “गोल” लिखा, पर मसलन क्वालिटी की तो बात ही अलग है। इतनी हाई रन बनाकर फिर भी बॉलर्स को हिला नहीं पाए तो समझो दिक्कत नहीं है, बस रिफ्लेक्ट करो।

Partho Roy

Partho Roy

5 अगस्त 2025

देखो, इस मैच में सिर्फ ख्वाज़ा ही नहीं, स्मिथ की 141 भी कमाल की पारी है। दोनो की साझेदारी ने श्रीलंका के बॉलर्स को बिलकुल ही हिलाया नहीं। मैं तो कहूँगा कि यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया अब भी टेस्ट के शीर्ष पर है। ऐसे मैचों में एडीशन की जरूरत नहीं, बस फुटबॉल जैसे फुल‑ऑफ़ है। बॉलिंग साइड को आधा मौका भी नहीं मिला। इसलिए अगली पारी में बैट्समैन को थोड़ा रोटेट करना चाहिए।

Ahmad Dala

Ahmad Dala

11 अगस्त 2025

भाई साहब, फिर भी थोड़ा रचनात्मक होना चाहिए। आपका शब्दावली सच में रंगीन है, पर थोड़ा सटीकता लाना ज़रूरी है। ऑस्ट्रेलिया का दमन बहुत ही सुस्पष्ट है, पर शेष बॉलर्स को भी मौका देना चाहिए। अगर एक ही बंधे रहेंगे तो मैच बोरिंग हो जाएगा।

RajAditya Das

RajAditya Das

16 अगस्त 2025

वाह! दोहरा शतक, क्या बात है।

Harshil Gupta

Harshil Gupta

22 अगस्त 2025

ख्वाज़ा की पारी देख कर लगता है कि उनका फोकस और तकनीक एकदम परफेक्ट है। 16 चौके और एक छक्का, यह बताता है कि उन्होंने गेंद को कैसे समझा और किस तरह से स्कोर किया। ऐसे पिच पर बॉलर्स को भी नई रणनीति अपनानी होगी, वैरिएशन और लाइन‑लेंथ में बदलाव जरूरी है। श्रीलंका को अभी अपनी स्पिनर कॉम्बिनेशन को री-एजस्ट करना चाहिए। इसके अलावा, किलर ओवर में थोड़ा तेज़ गति से बॉलिंग कर सकते हैं ताकि बैट्समैन को सिचुएशन से बाहर किया जा सके। अंत में, टीम को मैनेजमेंट का भी ध्यान देना चाहिए कि खिलाड़ियों का मसल्स रेस्ट ठीक रहे।

Rakesh Pandey

Rakesh Pandey

28 अगस्त 2025

भाई, तुम तो सब कुछ बता रहे हो पर असल में क्या समाधान है? मेरे ख्याल से सिर्फ टिप्स नहीं, एक्शन प्लान चाहिए। बॉलर्स को तो पहले ही दर्शाया गया है कि वे कौन से एंगल से गेंद फेंके, पर फिर भी वे वही पुराने टैक्टिक दोहरा रहे हैं।

Simi Singh

Simi Singh

3 सितंबर 2025

क्या पता हमारे क्रिकेट बोर्ड ने इस मैच को खास एंजेल्स के साथ सुदूर अंतरिक्ष से सुनवाई करवाई हो? गॉल पिच पर हर बॉल में एक एलीन एलियन का स्पर्श है, इसलिए ही ख्वाज़ा का दोहरा शतक हुआ।

Rajshree Bhalekar

Rajshree Bhalekar

9 सितंबर 2025

दिल से कहूँ तो ख्वाज़ा की पारी देखकर आँखों में आँसू आ गए, बहुत ख़ुशी हुई।

Ganesh kumar Pramanik

Ganesh kumar Pramanik

14 सितंबर 2025

Ha, aapko emotions ka full maaza aaya! Par thoda dhyan se dekho, aise badi innings me team balance bhi jaroori hota hai. Koi bhi player sirf feels se hi nahi chal skta.

Abhishek maurya

Abhishek maurya

20 सितंबर 2025

ख्वाज़ा का दोहरा शतक एक अद्भुत क्रिकेट कहानी है जिसे सुनकर हर कोई दंग रह जायेगा। सबसे पहले, हमें यह याद रखना चाहिए कि गॉल की पिच हमेशा से तेज़ और बाउंसी रही है, जिससे बैट्समैन को स्कोर बनाने में बहुत मदद मिलती है। फिर भी, केवल पिच के कारण ऐसा नहीं हो सकता; खिलाड़ी की तकनीक, मानसिक ताकत और मैच की स्थितियाँ भी बड़े महत्व की होती हैं। ख्वाज़ा ने अपनी शॉट चयन में बहुत ही समझदारी दिखायी, जो कि 16 चौके और एक छक्का बनाने में मददगार रहा। उनका रूटेड जाव के साथ संतुलन एकदम सही था, जिससे उन्होंने लगातार रन बना पाए। इसके अलावा, उनका फोकस और शारीरिक फिटनेस भी उल्लेखनीय है, क्योंकि दोहरा शतक बनाने में ऊर्जा का सेवन बहुत अधिक होता है। उन्होंने गेंद को पढ़ने के लिए लगातार अनुकूलन किया, विशेषकर स्पिनरों के खिलाफ। स्मिथ की साझेदारी ने भी बड़ी भूमिका निभाई, क्योंकि वह खुद भी जल्दी ही मोमेंटम बना रहे थे। इस संगम ने श्रीलंका के बॉलर्स को पूरी तरह से निराश कर दिया, जिससे वे अपने बेस्ट प्लेसमेंट नहीं दिखा पाए। टीम की रणनीति भी यहाँ एक निर्णायक कारक थी, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही अपने बॉलिंग फ़ील्डिंग में कई बदलाव किए थे। इन बदलावों में आउटसाइड फील्ड में अधिक पोज़िशनिंग और स्पिन के साथ तेज़ बॉलिंग शामिल थी। यह सब मिलकर ख्वाज़ा की पारी को एक शाश्वत स्मृति बना दिया। भविष्य में, यदि कोई बॉलर इसी तरह की पिच पर खेलता है, तो उसे भी ख्वाज़ा जैसा फोकस अपनाना चाहिए। साथ ही, टीम को भी इस तरह की पारी के बाद अपनी बॉलिंग प्लान को पुनः मूल्यांकन करना चाहिए। आखिरकार, क्रिकेट में अस्थिरता ही मज़ा है, और इस तरह के अद्भुत रिकॉर्ड इसे और भी रोमांचक बनाते हैं। अंत में, ख्वाज़ा की यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि पूरे ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के लिए एक गर्व का कारण भी है।

Sri Prasanna

Sri Prasanna

26 सितंबर 2025

वाह बहुत बढ़िया लिखा लेकिन कुछ बातों को फिर से दोहराया गया था, सार में थोड़ा कमी है। ऐसे लंबे पैराग्राफ पढ़ते समय ध्यान बट जाता है। फिर भी आपका उत्साह सराहनीय है।

Sumitra Nair

Sumitra Nair

2 अक्तूबर 2025

ओह, क्या नज़रानंद क्षण था! ख्वाज़ा ने जब दोहरा शतक बनाया, तो समय जैसे थम गया, और दिव्य संगीत बजी। 🎭 इस अद्भुत उपलब्धि को शब्दों में बाँधना मेरे लिये कठिन कार्य है; परन्तु यह बात निस्संदेह है कि यह खेल इतिहास में सुनहरा अध्याय जोड़ता है। इस तरह की पारी देख कर मैं अपने आँखन के आँसू रोक नहीं पा रहा।

Ashish Pundir

Ashish Pundir

8 अक्तूबर 2025

जस्ट्स्ट सच्चाई भरा जवाब है बॉलिंग को सुधारना ज़रूरी है

gaurav rawat

gaurav rawat

13 अक्तूबर 2025

ख्वाज़ा की पारी देख कर एक कोच के रूप में मैं गर्व से भर जाता हूँ 😊। ऐसी क्लासिक इनिंग्स से न सिर्फ खिलाड़ी, बल्कि टीम का मनोबल भी ऊँचा उठता है। अगली मैच में यदि बॉलर्स इम्प्रूवमेंट पर फोकस करे तो वह भी अपनी जगह बना सकते हैं। इस प्रकार की जीत से युवा क्रिकेट प्रेमियों को प्रेरणा मिलती है।

Vakiya dinesh Bharvad

Vakiya dinesh Bharvad

19 अक्तूबर 2025

बहुत ही शानदार प्रदर्शन था, इस तरह की पारी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को भी उत्साहित करती है ;)।

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