फिल्म निर्माता कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार का कैंसर से संघर्ष के बाद निधन

फिल्म निर्माता कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार का कैंसर से निधन

फिल्म निर्माता कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार का निधन 21 साल की उम्र में हो गया है। तिशा का तीन साल से कैंसर का इलाज चल रहा था और अंततः उन्होंने 18 जुलाई को जर्मनी में अपनी अंतिम सांस ली।

कैंसर के साथ संघर्ष

तिशा कुमार, जो टी-सीरीज़ के चेयरमैन और फिल्म निर्माता भूषण कुमार की कजिन थीं, को तीन साल पहले कैंसर का निदान हुआ था। उसके बाद, उन्होंने विभिन्न प्रकार के इलाज और चिकित्सा प्रक्रियाओं का सहारा लिया, जिसमें स्थानीय उपचार और जर्मनी में उन्नत उपचार शामिल था। दुख की बात है कि डॉक्टरों के सभी प्रयास सफल नहीं हो सके और तिशा की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती गई।

कृष्ण कुमार का परिवार

तिशा का जन्म 6 सितंबर, 2003 को कृष्ण कुमार और तान्या सिंह के घर हुआ था। उनके पिता, कृष्ण कुमार, भारतीय फिल्म उद्योग के एक जाने-माने नाम हैं और 'बेवफा सनम', 'आजा मेरी जान', 'कसम तेरी कसम', और 'शबनम' जैसी कई फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। वह टी-सीरीज़ के सह-मालिक भी हैं और अपने भतीजे भूषण कुमार के साथ कारोबार में साझेदारी करते हैं।

तिशा की अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति

तिशा कुमार की अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति रणबीर कपूर की फिल्म 'एनिमल' के प्रीमियर पर नवंबर 2023 में थी। उस समय उन्हें स्वस्थ और हंसमुख देखा गया था, लेकिन वे कैंसर से जूझ रही थीं।

परिवार की प्रतिक्रिया

कृष्ण कुमार और उनके परिवार ने इस कठिन समय में निजता की अपील की है। परिवार ने कथित तौर पर अपने करीबी लोगों के साथ इस दुःख की घड़ी में समर्थन और सहानुभूति प्राप्त करने की उम्मीद की है।

तिशा कुमार की मामूली उम्र में निधन उनके परिवार और दोस्तों के लिए एक बड़ा झटका है। यह घटना याद दिलाती है कि बीमारी चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, जीवन की अनिश्चितता पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। इस दुखद घटना ने फिल्म उद्योग और तिशा के जानने वालों को गहराई से झकझोर दिया है। उनका असीम साहस और हिम्मत हमेशा उनके परिवार और मित्रों के दिलों में अमर रहेंगे।

कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसने न केवल तिशा बल्कि कई अन्य जीवनों को भी प्रभावित किया है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हों और अनुसंधान तथा उपचार में वृद्धि करें ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं का सामना न करना पड़े।

अभिनव निर्मल

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टिप्पणि

Rajan Jayswal

Rajan Jayswal

19 जुलाई 2024

तिशा की माताओं को हमारी गहरी शोक संवेदना।

Simi Joseph

Simi Joseph

30 जुलाई 2024

इसे और भी अधिक शोरगुल के साथ पेश किया गया है।

Vaneesha Krishnan

Vaneesha Krishnan

9 अगस्त 2024

तिशा की कहानी हमारे दिल को छू लेती है 😢 उनकी लड़ाई और हिम्मत सभी को प्रेरित करती है। हम सभी को इस दर्द में साथ देना चाहिए और कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए।

Satya Pal

Satya Pal

19 अगस्त 2024

जीवन एक दुविधा है, कभि हम समझते है क्यां करके हम हैं, कभि हम खो देते है राह। इस सबके पीछे एक गहरी कारण छिपा हो सकता है।

Partho Roy

Partho Roy

29 अगस्त 2024

आज हम तिशा कुमार के अकल्पनीय सफर पर विचार करते हैं
उनका छोटा लेकिन प्रभावशाली जीवन कई लोगों के दिल में गूंजता है
तीन साल का कैंसर संघर्ष उन्हें एक वीरांगना बनाता है
जर्मनी में किए गए उपचार ने उनके हौसले को और भी मजबूत किया है
परन्तु बीमारी की अनिवार्य शक्ति ने अंततः उनकी जिंदगी को समाप्त कर दिया
परिवार की पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती
फिल्म उद्योग भी इस नुकसान को महसूस कर रहा है
साथी कलाकारों की दुआओं का असर शायद ही शब्दों में उतरे
ऐसी घटनाएँ हमें जीवन की नाजुकता की याद दिलाती हैं
हम सबको स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता को बढ़ाना चाहिए
कैंसर के प्रति सामाजिक समर्थन और अनुसंधान में निवेश ज़रूरी है
सरकारी नीतियों को भी इस दिशा में अधिक सक्रिय बनाना चाहिए
हर एक रोगी और परिवार को उचित चिकित्सा और भावनात्मक सहायता मिलनी चाहिए
तिशा की याद में हमें सकारात्मक कदम उठाने चाहिए
उसके संघर्ष से हमें सीख मिलती है कि आशा कभी नहीं खोनी चाहिए
आइए हम सब मिलकर इस दिशा में काम करें

Ahmad Dala

Ahmad Dala

8 सितंबर 2024

कभी-कभी जीवन की कहानी बहुत ही नाटकीय हो जाती है, तिशा का संघर्ष एक कादंबरी जैसा था, लेकिन वास्तविकता ने इसे दर्दनाक बना दिया।

RajAditya Das

RajAditya Das

19 सितंबर 2024

अफसोस 😔

Harshil Gupta

Harshil Gupta

29 सितंबर 2024

कैंसर से लड़ने वाले सभी लोगों को मन से शक्ति देना महत्वपूर्ण है, साथ ही नियमित जांच और सही उपचार को अपनाना चाहिए, समाज को जागरूकता फैलानी चाहिए, और मरीजों के परिवार को दृढ़ समर्थन देना चाहिए।

Rakesh Pandey

Rakesh Pandey

9 अक्तूबर 2024

सच में? ये तो हर कोई कहता है, पर वास्तविक कार्य कहाँ है 😒

Simi Singh

Simi Singh

19 अक्तूबर 2024

क्या यह सब सिर्फ एक विज्ञापन नहीं है, बड़े फार्मास्युटिकल कंपनियों ने इस दुख को बढ़ा कर अपने मुनाफे को बढ़ाने की योजना बनाई होगी, यह सोचने लायक है।

Rajshree Bhalekar

Rajshree Bhalekar

29 अक्तूबर 2024

दिल बहुत दुख रहा है, तिशा को बहुत याद किया जाएगा।

Ganesh kumar Pramanik

Ganesh kumar Pramanik

8 नवंबर 2024

बिलकुल, ऐसे विचारों में काफी भाव है लेकिन हमें तथ्य पर भी देखना चाहिए, अंधविश्वास से दूर रहना चाहिए।

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