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पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के निधन पर पीएम मोदी और विपक्षी नेताओं ने जताया शोक
अभिनव निर्मल

अभिनव निर्मल

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन: एक राजनीतिक युग का अंत

पूर्व भारतीय विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन हो जाने पर पूरे देश ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और विपक्षी दलों के नेताओं ने उनकी निधन पर अपनी संवेदनाएँ प्रकट की। नटवर सिंह का निधन न केवल एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तित्व की सेवा का अंत है, बल्कि एक विशेष राजनीतिक युग का भी अंत है। उनका भारतीय राजनीति और विदेश नीति में योगदान अविस्मरणीय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा, 'नटवर सिंह एक अद्वितीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने विदेश नीति और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिए। उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा।' भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, 'सिंह के निधन से हम सभी स्तब्ध हैं। उनकी दूरदर्शी सोच और नेतृत्व ने भारतीय विदेश नीति को नया दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।'

विपक्षी दलों का भी सम्मान

नटवर सिंह का राजनीति में लंबा सफर काफी प्रभावशाली रहा है। कांग्रेस पार्टी, जिसके वे लंबे समय तक सदस्य रहे, ने भी संवेदनाएँ प्रकट कीं। कांग्रेस के नेताओं ने कहा, 'नटवर सिंह एक सशक्त और दूरदर्शी नेता थे। उनकी विदेश नीति में विशेषज्ञता ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने में मदद की। उनका निधन कांग्रेस परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है।'

विपक्षी दलों के अन्य नेताओं ने भी नटवर सिंह को श्रद्धांजलि दी। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, और अन्य क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने भी अपनी संवेदनाएँ प्रकट कीं। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा, 'नटवर सिंह का निधन न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी विद्वत्ता और अनुभव को सभी राजनीतिक दलों ने सराहा है।'

विदेश नीति में अमूल्य योगदान

नटवर सिंह का विदेशी मामलों से जुड़ा करियर भी काफी समृद्ध रहा। वे भारतीय विदेश सेवा के माध्यम से विदेश नीति में आए और बतौर विदेश मंत्री उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। उनकी विदेश नीति की समझ ने न केवल भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया, बल्कि कई द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती प्रदान की।

उनका यह योगदान तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब हम देखते हैं कि उन्होंने विभिन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने देश का नाम ऊँचा रखा। वे केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं थे, बल्कि एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समाज के अन्य वर्गों से भी संवेदनाएँ

राजनीतिक नेताओं के अलावा, सामान्य जनता और कई सामाजिक संगठनों ने भी नटवर सिंह को श्रद्धांजलि दी। सामाजिक संगठनों ने कहा कि नटवर सिंह का निधन देश की कूटनीति और राजनीतिक चर्चाओं में एक बड़ा खालीपन छोड़ देगा। कई शिक्षकों और विद्वानों ने नटवर सिंह के विद्वता की सराहना की और कहा कि उनकी कमी को पूरा करना मुश्किल होगा।

भारत के अनेक विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। एक प्रमुख विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने कहा, 'नटवर सिंह का जीवन हमारे लिए शिक्षा का स्रोत है। उनकी कूटनीति और राजनीति के प्रति उनकी सोच हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक होगी।'

नटवर सिंह का व्यक्तिगत जीवन

नटवर सिंह का व्यक्तिगत जीवन

नटवर सिंह का व्यक्तिगत जीवन भी राजनीति से कम नहीं दिलचस्प था। उनका जन्म 1931 में राजस्थान के भरतपुर में हुआ था। जिला स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने देहरादून स्थित दून स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से भी शिक्षा हासिल की, जहाँ से उन्होंने अपनी विद्वता को और निखारा।

उनका विवाह महारानी चंद्रवती कँवर से हुआ था, जो खुद भी समाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय थीं। उनके निजी जीवन में भी उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण देखने लायक थे। उनका यह जीवन संदेश देता है कि चाहे कितनी भी मुश्किल परिस्थितियाँ क्यों न हों, अगर संकल्प और समर्पण हो तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

देश की सेवा में अर्पित जीवन

नटवर सिंह ने अपने जीवन का अधिकांश समय देश की सेवा में बिताया। वे 1984 से 1989 तक भारतीय विदेश मंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण विदेशी मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की आवाज बने।

उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था, जो उनकी सेवाओं और योगदानों का एक प्रतीक है। उन्हें न केवल भारत सरकार ने, बल्कि विश्व समुदाय ने भी सराहा। उनके निधन से हम एक ऐसे महान नेता को खो बैठे हैं जिनकी कमी हमें हमेशा खलेगी।

उनका जीवन, उनकी सेवाएँ और उनकी विद्वता हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। उनकी प्रेरणा से हमें अपने देश और समाज के लिए कुछ करने की सिख मिलती है। आज नटवर सिंह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका आदर्श और उनकी विद्वता हमेशा हमारे साथ रहेगी।

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