अगर आप स्क्रीन पर चमकना चाहते हैं या पर्दे के पीछे का काम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले समझें कि फ़िल्म इंडस्ट्री में कई रोल होते हैं – एक्टिंग, डायरेक्शन, लिखाई, एडिटिंग वगैरह। हर रोल की अलग‑अलग स्किल्स और रास्ता होता है। इसलिए अपने इंटरेस्ट को पहचानना पहला कदम है।
बहुतेर लोग सिर्फ़ अभिनेता बनना चाहते हैं, पर कई बार उन्हें नहीं पता कि ऑडिशन कैसे तैयार करें. एक छोटा ट्रायल वीडियो बनाइए, उसपर फीडबैक लें और लगातार सुधारें। अपने चेहरे के एक्सप्रेशन, आवाज़ की टोन और बॉडी लैंग्वेज का अभ्यास रोज़ाना 30 मिनट रखें।
ऑडिशन में सफलता का रहस्य दो चीज़ों में है – तैयारी और आत्मविश्वास. स्क्रिप्ट को समझें, उसका भाव निकालें और बिना रुकावट के पढ़ें। अगर सीन में डायलॉग नहीं है तो खुद से एक छोटा मोनोलॉग तैयार करें, इससे आपका इम्प्रोवाइजेशन कौशल भी बढ़ेगा।
एक और बात – सही पोशाक और टाइमिंग. अक्सर लोग देर से आते हैं या बहुत फॉर्मल कपड़े पहन लेते हैं. ऑडिशन के अनुसार ड्रेस को एडेप्ट करें, ताकि कास्टिंग डायरेक्टर आपको जल्दी याद रख सके.
अगर कैमरा पीछे काम करना आपके दिमाग में है, तो सबसे पहले छोटे प्रोजेक्ट्स पर हाथ आज़माएँ. यूट्यूब या इंस्टा पर 5‑10 मिनट की शॉर्ट फ़िल्म बनाकर आप अपने स्टोरीटेलिंग स्किल को दिखा सकते हैं। स्क्रीनराइटिंग के लिए बुनियादी स्ट्रक्चर (सेटअप, कॉन्फ्लिक्ट, रिज़ॉल्यूशन) सीखें और रोज़ एक छोटी कहानी लिखें.
डायरेक्शन में हाथ आज़माने के लिए स्थानीय थिएटर या इंडी प्रोडक्शन हाउस से जुड़ें. वहाँ पर आपको सेट अप, लाइटिंग, साउंड आदि का अनुभव मिलेगा। यह अनुभव बड़े प्रोजेक्ट्स में काम करने से पहले बहुत काम आता है.
नेटवर्क बनाना भी जरूरी है – फ़िल्म फेस्टिवल, वर्कशॉप या ऑनलाइन फ़ोरम में भाग लें. कभी‑कभी एक छोटा कॉन्टैक्ट आपको बड़ी ब्रेक दे सकता है। याद रखें, सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं, पर सही दिशा और मेहनत से आप फ़िल्म करियर में आगे बढ़ सकते हैं.
तो अब तय करें कि आपका फ़ोकस क्या है – एक्टिंग या बैकएंड काम? फिर एक प्लान बनाइए, रोज़ अभ्यास की रूटीन रखें और अवसरों को पकड़ने के लिए हमेशा तैयार रहें. आपके सपनों का पर्दा सिर्फ़ एक कदम दूर है!
कावियूर पोन्नम्मा की सिनेमाई यात्रा की चर्चा करती यह लेख, जिसमें उनके करियर के शुरुआती दौर, प्रमुख फिल्मों और विविध भूमिकाओं को उजागर किया गया है। उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'कुडुम्बिनी' में शीला की माँ का किरदार निभाया था। उन्होंने महान कलाकारों के साथ काम किया है और मलयालम सिनेमा में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है।
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