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तुलसी विवाह: परंपरा, तिथियाँ और भारतीय संस्कृति में इसका स्थान

तुलसी विवाह एक तुलसी विवाह, हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की शादी का धार्मिक समारोह, जिसमें इसे भगवान विष्णु या उनके अवतार श्री कृष्ण के साथ जोड़ा जाता है। यह एक तुलसी का विवाह भी कहलाता है, और यह भक्ति और प्रकृति के बीच के संबंध का प्रतीक है। यह समारोह सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक अनुभव है, जो घरों में और मंदिरों में साल भर में एक बार होता है।

यह त्योहार कार्तिक मास, हिंदू कैलेंडर का एक पवित्र मास, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान और त्योहार बहुत अधिक होते हैं। के पहले शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है, जिसे तुलसी विवाह द्वादशी भी कहते हैं। इस दिन लोग तुलसी के पौधे को सजाते हैं, उस पर लाल कपड़े पहनाते हैं, और उसकी शादी श्री कृष्ण के एक मूर्ति या शलग्राम शिला के साथ करते हैं। इसका मतलब है कि तुलसी, जो भगवान की भक्ति का प्रतीक है, उसे भगवान के साथ जोड़ दिया जाता है। यह एक ऐसा विवाह है जिसमें न कोई लड़की है, न कोई लड़का — बल्कि एक पौधा और एक शिला हैं, जिनके बीच भक्ति का संबंध बन जाता है।

इस परंपरा के पीछे कृष्ण भक्ति, श्री कृष्ण के प्रति भक्ति का एक गहरा और भावुक संबंध, जिसमें तुलसी को उनकी आध्यात्मिक पत्नी माना जाता है। का अहम योगदान है। भक्तों का मानना है कि तुलसी एक भक्त थी, जिसे भगवान ने अपनी पत्नी बना दिया। इसलिए इस विवाह का अर्थ है — भगवान के प्रति अटूट भक्ति का जीवन भर का समर्पण। यह विवाह न केवल धार्मिक है, बल्कि इसमें प्रकृति के प्रति सम्मान का भाव भी छिपा है। तुलसी का पौधा सिर्फ एक घर का हिस्सा नहीं, बल्कि एक जीवित प्रार्थना है, जो हर दिन धूप, पानी और भजन सुनती है।

इस त्योहार को मनाने का तरीका हर जगह अलग होता है। कुछ घरों में बड़े-बड़े समारोह होते हैं, जहाँ बच्चे भी भाग लेते हैं। कहीं-कहीं तुलसी के पास गीत गाए जाते हैं, और कहीं इसके लिए एक छोटा सा मंच बनाया जाता है। यह त्योहार अक्सर दिवाली के बाद होता है, जिसका मतलब है कि यह एक नए शुभ आरंभ का संकेत देता है।

इस पेज पर आपको तुलसी विवाह से जुड़े कई अनुभव, रिवाज, और उसकी आध्यात्मिक गहराई के बारे में लिखे गए लेख मिलेंगे। कुछ में यह बताया गया है कि इस त्योहार को कैसे मनाया जाता है, कुछ में इसके धार्मिक कारण बताए गए हैं, और कुछ में इसका सामाजिक महत्व दर्शाया गया है। यहाँ आप न सिर्फ जानेंगे कि यह त्योहार क्या है, बल्कि यह भी समझेंगे कि यह भारतीय घरों में इतना क्यों जीवित है।

Tulsi Vivah 2025: 2 नवंबर को होगा शुभ विवाह, विवाह समस्याओं के लिए 5 उपाय
Abhishek Rauniyar

Abhishek Rauniyar

Tulsi Vivah 2025: 2 नवंबर को होगा शुभ विवाह, विवाह समस्याओं के लिए 5 उपाय

तुलसी विवाह 2025 2 नवंबर को मनाया जाएगा, जो चतुर्मास के अंत और विवाह ऋतु की शुरुआत का संकेत है। विवाह समस्याओं के लिए शालिग्राम और तुलसी का गठबंधन और दान उपाय अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

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