'कल्कि 2898 ए.डी.' का OTТ रिलीज़: नयी युग की विज्ञान-फंतासी
विज्ञान-फंतासी और हिंदू पौराणिक कथाओं का मिश्रण 'कल्कि 2898 ए.डी.' अब OTТ प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ हो चुकी है। इस फिल्म का निर्देशन नाग अश्विन ने किया है और इसमें प्रभास, दीपिका पादुकोण, और अमिताभ बच्चन जैसे बड़े सितारे मुख्य भूमिकाओं में हैं। ‘कल्कि 2898 ए.डी.’ को पहली बार 27 जून 2024 को थिएटर में रिलीज़ किया गया था, और अबतक इसने दुनिया भर में ₹1,041.65 करोड़ की कमाई की है।
नाग अश्विन की इस फिल्म को बड़े पैमाने पर सराहा गया है। उन्होंने इस फिल्म को भारतीय पौराणिक कथाओं को वैश्विक स्तर पर पेश करने का एक अवसर समझा, और दर्शकों ने इसे उत्साहपूर्वक स्वीकार किया। OTТ प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज होने से अब दर्शक इसे अपने घरों में अपनी पसंद की भाषा में देख सकते हैं।
OTТ पर फिल्म की उपलब्धता
‘कल्कि 2898 ए.डी.’ की OTТ रिलीज़ रणनीति अनोखी है। यह फिल्म हिंदी में नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है, जबकि तेलुगु और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में इसे अमेज़न प्राइम वीडियो पर देखा जा सकता है। यह दोहरी प्लेटफॉर्म रणनीति दर्शकों की अधिकतम संख्या तक पहुंचने और उपभोक्ताओं की विविध भाषाई जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाई गई है।
इस तरह की रणनीति से भविष्य में और भी बड़ी सफलता की उम्मीद की जा सकती है, ठीक वैसे ही जैसे प्रभास की पिछली फिल्म ‘सलार: पार्ट 1-सिज़फायर’ ने की थी।
फिल्म का प्रभाव
‘कल्कि 2898 ए.डी.’ की सबसे ख़ास बात यह है कि यह फिल्म भारतीय समाज की गहरी जड़ों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जोड़ती है। फिल्म के दृश्य प्रभाव और कहानी के मिश्रण ने दर्शकों को बांधकर रखा। कमल हासन, दिशा पटानी, अन्ना बेन, ससवता चटर्जी और शोभना जैसे कलाकारों के साथ यह फिल्म और भी प्रभावी हो गई है।
वैजयंती मूवीज़ द्वारा निर्मित इस फिल्म की चर्चा हर जगह है। भारतीय पौराणिक कथाओं में बसे ‘कल्कि’ के चरित्र को वैज्ञानिक युग के साथ जोड़ने का नाग अश्विन का दृष्टिकोण दर्शकों को बेहद पसंद आया है।
भविष्य की संभावनाएं
‘कल्कि 2898 ए.डी.’ की सफलता फिल्म की कहानी और उसकी प्रस्तुतिकरण की गहराई को दिखलाती है। यह फिल्म भारतीय पौराणिक कथाओं की उन कहानियों को दर्शाती है जिन्हें आनेवाले भविष्य के परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। इसके प्रभाव से फिल्म उद्योग में और भी कई अभिनव प्रयोगों की संभावना बनती है।
इस फिल्म की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय सिनेमा किसी भी प्रकार की कहानी को बड़े पैमाने पर पेश करने में सक्षम है और इसे दुनिया के सामने गर्व से प्रस्तुत कर सकता है। इसके साथ ही OTТ प्लेटफॉर्म्स पर फिल्म की रिलीज ने दर्शकों को नयी उचाईयों पर पहुँचाया है।
टिप्पणि
Tushar Kumbhare
23 अगस्त 2024अरे वाह, अंतहीन रोमांच! 🚀
Arvind Singh
23 अगस्त 2024देखो भाईसाहब, फ़िल्म को OTT पर छोड़ने का मतलब ये नहीं कि दर्शकों ने इसे दोबारा देखना ही पड़ेगा, बल्कि इससे ‘क्लिक‑बेट’ की सच्ची मिस्ट्री खुलती है।
पहले पिक्चर थियेटर में ₹1,041.65 करोड़ कमाई, अब वही फ़्लॉप नेटफ्लिक्स पर बिन‑चार्ज़ स्ट्रिमिंग पर।
जिसने समझा कि क्विक‑बिट्स वाले प्लेटफ़ॉर्म पर फ़िल्म डालने से रोज़गार बढ़ेगा, वही शायद काम से निपटा नहीं।
इंटरनेट की ग़रीबी को देखते हुए, ओटीटी पर फ़िल्म डालना तो क़ूबंडली कॉम्प्लेक्स को मात दे रहा है।
भर्ती की ज़रूरत नहीं, बस एक क्लिक और सभी इस “सब्र” को देखते हैं।
अब कवि‑संकट में, जब लोग ‘डबल‑कॉम्प्लेक्स’ प्लेटफ़ॉर्म की बात करते हैं, तो असली इंटेलिजेंस जनरेटर्स को भूलते नहीं।
हमारा यहाँ पोस्टर व्यू नहीं, बल्कि AI‑इनोवेशन से जुड़ी फैंटेसी की बौछार हो रही है।
खरीदारी के बगैर महँगा ‘इकॉनॉमी‑बूस्ट’ फ़ील्ड नहीं बनता।
फिर भी, एक बात तो सच्ची है, जो फ़िल्म ने व्यावसायिक रूप से खींच ली, वह थी ‘डिजिटल‑डाइट’।
अब सवाल है कि क्या दर्शक‑भाई तभी समझेंगे कोई फ़ाइल को ‘डेटा‑ड्राइव’ में लेजाएँगे?
तकनीकी रूप से यह ‘डिजिटल‑स्ट्रिमिंग’ तो एक नई डिग्री है, पर सामाजिक रवैया अभी भी ‘फ़ार्माडे’ बना हुआ है।
रिव्यू‑साइकल को देखते हुए, इससे पहले भी कई फ़िल्में ‘विचर‑स्ट्रेंथ’ को टॉस कर चुकी हैं।
समय पर ‘सेवन‑बिट’ की गिनती कम नहीं होनी चाहिए, नहीं तो मनोरंजन के ‘कोई‑टून’ में उलझनें पैदा होंगी।
संभवतः आज़ाद विचारों के ‘फोकस‑पॉइंट’ को सिंगल‑क्लिक एरे पर लिटाई कर दिया गया है।
समग्र रूप से, यह OTT रिलीज़ ‘क्लस्टर‑करंट’ को चुनौती देती है, और दर्शकों को ‘ट्रेंड‑फ़ॉरवर्ड’ की दिशा में ले जा रही है।
Vidyut Bhasin
23 अगस्त 2024भाई, बिल्कुल प्रतिकूल दिशा में ले जाया गया है ये OTT कदम।
फिल्म के मिथक‑वैज्ञानिक मिश्रण को डिजिटल धुंध में विसर्जित करने से अर्थ का सर्वाइवल नहीं होता।
ऐसे डिप्लोमैटिक प्लान से बेहतर पुनर्विचार की ज़रूरत है।
हमारी पौराणिक धरोहर को इस तरह के ‘स्ट्रिम‑फ़ैशन’ में नहीं खिलवाना चाहिए।
यदि यह ही भविष्य है, तो दर्शन शास्त्र भी ‘प्लेटफ़ॉर्म‑डेटा’ बन जाता है।
nihal bagwan
23 अगस्त 2024फ़िल्म की प्रस्तुति में राष्ट्रीय गर्व की कमी स्पष्ट है।
भारत की पौराणिक कथा को वैज्ञानिक तर्क के साथ जोड़ना सराहनीय था, पर OTT पर डालकर उसकी आध्यात्मिक शक्ति कम हो गई।
सही समय पर सही माध्यम चुनना चाहिए था।
Arjun Sharma
23 अगस्त 2024यार ये OTT वाला प्लान तो बिलकुल बिंदास है, काफी जर्गन लग भी रहा है. नेटफ्लिक्स पर हिन्दी, फिर अमेज़न पर तेलुगु, ऐसा बना के हमको फ़्लेक्सिबिलिटी मिली ह। मस्ट‑वाच डैड!!
Sanjit Mondal
23 अगस्त 2024यदि आप विभिन्न भाषा विकल्पों की तलाश में हैं, तो कृपया नेटफ़्लिक्स के भाषा सेटिंग में हिन्दी चुनें और अमेज़न प्राइम में ‘ऑडियो और सबटाइटल’ सेक्शन से अपने इच्छित भाषा का चयन करें। इस प्रकार आप फिल्म को अपनी सुविधा अनुसार उपभोग कर सकते हैं।
Ajit Navraj Hans
23 अगस्त 2024देखो, कल्कि 2898 ए.डी. नेटफ्लिक्स पर है और अमेज़न पर भी‑भाषा में मिलती है.
arjun jowo
23 अगस्त 2024सरल शब्दों में कहूँ तो, आप Netflix खोलें, सर्च बॉक्स में फिल्म का नाम डालें, फिर ‘Hindi’ चुनें. अमेज़न में भी वही प्रक्रिया दोहराएँ, बस भाषा बदल दें.
Rajan Jayswal
23 अगस्त 2024फ़िल्म देखो, मज़ा ही मज़ा! 🌟