वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) को राहत देने के लिए कई महत्वाकांक्षी उपायों की घोषणा की है। इस बजट में ₹100 करोड़ की क्रेडिट गारंटी योजना प्रस्तावित की गई है, जिसमें बिना किसी गिरवानी या तीसरे पक्ष की गारंटी के मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए ऋण की सुविधा मिलेगी।
सीतारमण का यह कदम MSMEs के विकास तथा उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को MSMEs के लिए कर्ज़ का आकलन करने में पारंपरिक संपत्ति या टर्नओवर-आधारित आकलन से दूर हटकर अपनी खुद की क्षमता विकसित करने की जरूरत होगी।
इस बजट में MUDRA लोन की सीमा को 'तरुण' श्रेणी में ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दिया गया है। इससे उन उद्यमियों को लाभ होगा जिन्होंने पहले के ऋण को सफलतापूर्वक चुकाया है। यह निर्णय उन उद्यमियों को बढ़ावा देगा जो अपने व्यवसाय को और भी बड़ी ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं।
बजट में अनिवार्य ऑनबोर्डिंग के लिए टर्नओवर थ्रेसहोल्ड को ₹500 करोड़ से घटाकर ₹250 करोड़ कर दिया गया है, जिससे 22 और CPSEs और 7,000 और कंपनियां इस प्लैटफार्म पर आ जाएंगी। इसमें मध्यम उद्यम भी शामिल हैं। इसका उद्देश्य MSMEs की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना और उन्हें बेहतर व्यापारिक अवसर प्रदान करना है।
सरकार अगले तीन वर्षों में 168 से 242 MSME क्लस्टर क्षेत्रों में SIDBI (लघु औद्योगिक विकास बैंक) की शाखाओं का विस्तार करेगी। यह कदम MSMEs के लिए वित्तीय सेवाओं की आसान उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को और विकसित करने का अवसर मिलेगा।
ई-कॉमर्स निर्यात हब को सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मोड में विकसित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और MSMEs को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करने के लिए सक्षम बनाना है। इससे न केवल उनकी वैश्विक पहचान बनेगी, बल्कि उनके उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी।
MSMEs को बढ़ावा देने के लिए 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इर्राडिएशन यूनिट्स और 100 फूड क्वालिटी और सेफ्टी टेस्टिंग लैब्स स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। ये सभी प्रयोगशालाएं NABL से मान्यता प्राप्त होंगी। इस कदम से खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता बने रहने के साथ ही, उनके सुरक्षित उपभोग का भरोसा कायम रहेगा।
राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर कार्यक्रम के अंतर्गत 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, औद्योगिक श्रमिकों के लिए PPP मोड में रेंटल हाउसिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस पहल से श्रमिकों को काम के पास रहकर कार्य करने का मौका मिलेगा, जिससे उनका समय और ऊर्जा बच सकेगी।
ये सभी उपाय MSMEs के विकास और समृद्धि को सुनिश्चित करने और उन्हें वैश्विक मंच पर बेहतर प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह बजट देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने और उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ावा देने का प्रयास है।
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