सगिलिटी इंडिया के आईपीओ की तैयारी के बीच बड़ा निवेश
बेंगलुरु स्थित सगिलिटी इंडिया का नाम इन दिनों हर किसी के जुबान पर है। ऐसे में इसका आईपीओ सुर्खियों में है, जो 5 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। इस कंपनी में बड़े-बड़े संस्थागत निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है। यह कंपनी अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में टैक्नोलॉजी-सक्षम सेवाएं प्रदान करती है, जो बीमाकर्ताओं और प्रदाताओं दोनों को समाधान देती है।
निवेश और आईपीओ की रूपरेखा
कंपनी के प्रवर्तक सगिलिटी BV ने अपनी कंपनी का 70.2 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के रूप में रखा है। इस IPO का आकार ₹2,107 करोड़ होने जा रहा है, जिसका मूल्य बैंड ₹28-30 प्रति शेयर है। निवेशकों के लिए आकार 75% संस्थागत खरीदारों के लिए, 15% गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए और 10% खुदरा निवेशकों के लिए तय किया गया है।
प्रमुख निवेशक और धन संग्रहण
इस निवेश के प्रमुख नायक के रूप में गौतम अडानी की अदानी प्रॉपर्टीज ने 0.14% हिस्सेदारी ₹20 करोड़ में खरीदी है। इसके अलावा, 360 ONE, अवेंडस फ्यूचर लीडर्स फंड II जैसा अन्य निवेशकों का भी नाम शामिल है। इस निवेश ने कंपनी को ₹366 करोड़ से भर दिया है, जिससे वे अपने विस्तार और विकास को और गति दे सके।
वित्तीय आंकड़े और संभावनाएं
अगर हम कंपनी के पिछले वित्तीय प्रदर्शन पर गौर करें, तो इसकाFY24 राजस्व ₹4,753.56 करोड़ का रहा जिसने पिछले वर्ष से 12.7% की वृद्धि दर्शाई। वहीं इसका कर के बाद मुनाफा ₹228.27 करोड़ तक पहुंच गया जो 50% की वृद्धि को दर्शाता है। Q1 FY25 में, कंपनी ने ₹1,223.33 करोड़ के राजस्व और ₹22.29 करोड़ के कर-पश्चात लाभ की रिपोर्ट दी।
मार्चांति अधिग्रहण और प्रगति
मार्च में, कंपनी ने बिर्च AI का अधिग्रहण किया जिससे उसकी AI-शक्तिशाली ग्राहक सहायता क्षमताएं और भी मजबूत हुईं। इससे सगिलिटी इंडिया को एक नया आयाम मिला और उसने अपनी तकनीकी सेवाओं का क्षितिज और भी व्यापक किया।
मानव संसाधन पहलू
कंपनी के पास 31 मार्च तक 35,044 कर्मचारी थे, जिनमें से 60.52% महिलाएं हैं। कर्मचारियों की यह अधिक संख्या न केवल कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारी की ओर प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि कार्यस्थल में विविधता और समानता को भी प्रमुखता देती है।
फंड मैनेजर्स और होने वाला लिस्टिंग
इस IPO की लीड मैनेजर्स में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, IIFL सिक्योरिटीज, जैफरीज इंडिया और जेपी मॉर्गन इंडिया शामिल हैं। सगिलिटी इंडिया के शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर होगी जहां निवेशकों की बड़ी भीड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह आईपीओ भविष्य के लिए एक मजबूत आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
टिप्पणि
Sri Prasanna
5 नवंबर 2024सगिलिटी का IPO इतना हाइलाइट नहीं होना चाहिए क्योंकि बड़ी कंपनियों के पास पहले से ही बहुत सारी पूँजी है और यह छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचा सकता है
Sumitra Nair
21 नवंबर 2024आदरणीय महोदय, इस निवेश को केवल एक वित्तीय अवसर के रूप में नहीं बल्कि समग्र सामाजिक संरचना पर एक प्रश्न के रूप में देखना आवश्यक है। यदि हम गहराई से विचार करें तो अर्थव्यवस्था के इस ध्रुवीकरण को नीतियों की अराजकता के समान माना जा सकता है। यह एक अभिव्यक्ति है कि कैसे पूँजी का संग्रहण परिप्रेक्ष्य को बदलता है। 🤔
परंतु, एक मूलभूत नैतिकता यह है कि सभी वर्गों को समान अवसर मिलना चाहिए, न कि केवल शक्तिशाली संस्थानों को। 🎭
Ashish Pundir
7 दिसंबर 2024इसे बड़े निवेशकों की पसंद समझना चाहिए
gaurav rawat
23 दिसंबर 2024बिलकुल सही कहा yaar, ऐसा मौका हाथ से ना गुजरने दो 🚀👍
Vakiya dinesh Bharvad
8 जनवरी 2025देश के विकास में इस तरह के पहल जरूरी हैं :) सगिलिटी जैसे विदेशी फर्म का भारत में प्रवेश स्थानीय प्रतिभा को भी बढ़ावा देगा
Aryan Chouhan
25 जनवरी 2025मजाक नही! ये तो बस एक और बड़ी कंपनी है जो पैसा बचा रही है और छोटो को धुंधला कर रही है… फक दैट! 😂
Tsering Bhutia
10 फ़रवरी 2025सगिलिटी के AI अधिग्रहण ने वास्तव में उनके प्रॉडक्ट ऑफर को मजबूत किया है। यदि आप हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश पर विचार कर रहे हैं तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा, कंपनी के कर्मचारियों में महिलाओं का उच्च प्रतिशत सामाजिक जिम्मेदारी दर्शाता है। भविष्य में इस कंपनी की ग्रोथ को देखें तो निरंतर लाभ की संभावना है।
Narayan TT
26 फ़रवरी 2025सिर्फ पूँजी की खोज नहीं, यह अस्तित्व की खोज है - सगिलिटी जैसा कोरपोरेशन ही प्रगति की सच्ची दिशा दिखा सकता है।
SONALI RAGHBOTRA
14 मार्च 2025सगिलिटी इंडिया का आईपीओ भारतीय बाजार में स्वास्थ्य‑सेवा टेक्नोलॉजी को नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके माध्यम से कंपनी अपने AI‑आधारित प्लेटफ़ॉर्म को स्केल करने और अधिक क्लाइंट्स को जोड़ने में सक्षम होगी।
निवेशकों को यह समझना चाहिए कि इस कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा बीमा कंपनियों और अस्पतालों के साथ अनुबंधों से आती है।
FY24 में कंपनी ने 12.7% की राजस्व वृद्धि दर्ज की है जो इस क्षेत्र में एक सकारात्मक संकेत है।
कर‑पश्चात मुनाफ़ा 50% बढ़कर ₹228 करोड़ तक पहुँचा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार हुआ है।
मार्च में बिर्च AI का अधिग्रहण कंपनी की तकनीकी क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देगा।
इस अधिग्रहण से सगिलिटी को रीयल‑टाइम डेटा एनालिटिक्स और ग्राहक समर्थन में बेहतर समाधान मिलेंगे।
महिलाओं का 60.52% अनुपात न केवल सामाजिक जिम्मेदारी दर्शाता है बल्कि विविध विचारों को भी बढ़ावा देता है।
निवेशकों के लिए यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि शेयरों की बँटवारा 75% संस्थागत, 15% गैर‑संस्थागत और 10% खुदरा निवेशकों के बीच तय किया गया है।
यदि आप दीर्घकालिक निवेश की तलाश में हैं तो इस तरह के डिविडेंड‑उन्मुख स्टॉक्स को पोर्टफ़ोलियो में शामिल करना लाभदायक हो सकता है।
साथ ही, ICICI, IIFL, जेएफ और जेपी मॉर्गन जैसे प्रमुख ब्रोकरों की भागीदारी यह दर्शाती है कि मार्केट में भरोसे का स्तर उच्च है।
लिस्टिंग के बाद शुरुआती ट्रेडिंग सत्र में वॉल्यूम की निगरानी करना आवश्यक होगा, क्योंकि इससे बाजार की वास्तविक रुचि का पता चलेगा।
आप अगर छोटे निवेशक हैं तो 10% खुदरा हिस्से का उपयोग करके कम जोखिम के साथ एंट्री ले सकते हैं।
याद रखें, आईपीओ में हमेशा कुछ अनिश्चितताएँ रहती हैं, इसलिए अपने रिस्क प्रोफ़ाइल के अनुसार निवेश करें।
यदि आप वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेते हैं तो वह आपके पूँजी संरचना के अनुसार उचित तरलता बनाए रखने में मदद करेगा।
अंत में, सगिलिटी की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि वह अपने तकनीकी लाभ को वास्तविक चिकित्सीय सुधारों में कैसे परिवर्तित करता है, और इस दिशा में निवेशकों का समर्थन बहुत मायने रखता है।