जब कोई खिलाड़ी एक ही खेल में तीन बार नेट में बॉल मारता है, तो उसे हम "हैट्रिक" कहते हैं। यह शब्द सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि मैच का मोड़ भी बदल देता है। अगर आप कभी स्टेडियम या टीवी पर ऐसे पलों को देखे हों, तो समझ जाएंगे कि क्यों हर फैन इसको लेकर इतना उत्साहित रहता है।
उदाहरण के लिए, यूएफए चैंपियंस लीग फाइनल में रियल मॅड्रिड ने Manchester City को 6‑3 से हराया। इस जीत का बड़ा कारण किलियन एम्बाप्पे की शानदार हैट्रिक थी। उन्होंने एक ही आधे में तीन गोल कर दुश्मन के बचाव को धूल चटा दिया। यह सिर्फ व्यक्तिगत शान नहीं, पूरी टीम के लिए आत्मविश्वास का इंधन बना।
पहला कारण – स्कोरिंग की जल्दी। तीन गोल एक ही क्वार्टर में मिलें तो विरोधी को दाव पर उतरना मुश्किल हो जाता है। दूसरा कारण – मनोवैज्ञानिक दबाव। जब कोई खिलाड़ी लगातार बॉल जाल में डालता है, तो प्रतिद्वंद्वी के खिलाड़ियों का धैर्य टूट जाता है और वे गलतियाँ करने लगते हैं। तीसरा कारण – फैंस की खुशी। हर हिट पर सोशल मीडिया ट्रेंड बन जाता है, विज्ञापनदाता भी इस ऊर्जा को इस्तेमाल करते हैं, इसलिए क्लबों को आर्थिक लाभ मिलता है।
हैट्रिक का असर सिर्फ बड़े मैचों में नहीं दिखता। लोकल लीग, कप फाइनल या यहां तक कि फ्रेंडली मैच में भी जब कोई खिलाड़ी तीन बार गोल करता है, तो स्टेडियम की हवा बदल जाती है। दर्शक चिल्लाते हैं, टीकटॉक पर हाइलाइट्स बनते हैं और अगले दिन अखबारों के सामने बड़े शीर्षक मिलते हैं।
अब बात करते हैं कैसे एक खिलाड़ी को हैट्रिक करने का मौका मिलता है। सबसे पहले तो उसकी पोजिशनिंग सही होनी चाहिए – स्ट्राइकर या वैरायटल फॉरवर्ड अक्सर इस मोड़ पर होते हैं। फिर डिफेंडर्स की कमी या गोलकीपर की खराबी भी मदद करती है। आखिरी बात, टीम की प्लेस्टाइल – अगर टीम तेज़ पास और दाव पर हमला करती है तो हैट्रिक का अवसर बढ़ जाता है।
अगर आप अपनी पसंदीदा टीम में इस तरह के पलों को देखना चाहते हैं, तो इन चीजों पर नजर रखें: 1) मैच की शुरुआती पेस, 2) प्रमुख फॉरवर्ड की फ़ॉर्म, 3) डिफेंडर्स की कमजोरी। इन तीन बातों से आप आसानी से अनुमान लगा सकते हैं कि कब हैट्रिक होने वाली है।
कुल मिलाकर, हैट्रिक सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि फुटबॉल का वह जादू है जो मैच को यादगार बना देता है। चाहे वो किलियन एम्बाप्पे की फाइनल में चमक हो या किसी छोटे क्लब के खिलाड़ी की सिंगल मैच हिट, हर बार यह उत्साह, दाव और जीत की कहानी लाता है। अब जब आप अगली बार स्टेडियम या स्क्रीन पर हों, तो ध्यान रखें – अगले गोल का क़दम शायद ही नहीं, बल्कि तीसरा भी हो सकता है!
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने टी20 विश्व कप में लगातार दो मैचों में हैट्रिक लेकर इतिहास रच दिया है। कमिंस ने अफगानिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की। इस उपलब्धि के साथ ही कमिंस ने टी20 विश्व कप में अपनी छाप छोड़ी है।
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