कार्तिक शुक्ला द्वादशी एक हिंदू कैलेंडर, भारतीय धार्मिक और ज्योतिषीय तिथियों का एक प्रमुख हिस्सा, जो चंद्रमा के चक्र के अनुसार निर्धारित होती है की एक विशेष तिथि है। यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की बारहवीं तिथि होती है, जब चंद्रमा अपनी चमक बढ़ाता है और ऊर्जा का सबसे अच्छा समय होता है। इस दिन को ज्योतिष, भारतीय तारों और ग्रहों के प्रभाव को समझने की प्राचीन विधा के अनुसार बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन बृहस्पति और चंद्रमा का संयोग वित्त, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास के लिए अनुकूल होता है। यह तिथि शुक्ला द्वादशी, चंद्रमा के शुक्ल पक्ष की बारहवीं तिथि, जिसे विष्णु भक्ति और शुभ कार्यों के लिए विशेष माना जाता है का ही एक रूप है, लेकिन कार्तिक माह में इसका अलग ही विशेष अर्थ होता है।
इस दिन लोग विष्णु और शिव की पूजा करते हैं, और कई धर्मग्रंथों में इसे संकल्प रखने और नए शुरुआत के लिए बेहतरीन माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन लगाए गए संकल्प अधिक ताकतवर होते हैं, खासकर जब बृहस्पति अपने शुभ स्थान पर हो। इसलिए जिन लोगों के मूलांक 5 या 9 होता है, उनके लिए यह दिन वित्तीय लाभ, नौकरी में उन्नति और रिश्तों में सुधार का अवसर बन जाता है। यही कारण है कि अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में जब कार्तिक शुक्ला द्वादशी आती है, तो लोग नए व्यापार, निवेश या शिक्षा के लिए शुभ मुहूर्त तलाशने लगते हैं। यह तिथि सिर्फ एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि एक भारतीय त्योहार, जिसमें आध्यात्मिकता और दैनिक जीवन के निर्णयों का संगम होता है भी है, जिसका असर आज के भारतीय घरों में भी दिखता है।
आपके लिए यहां इस तिथि से जुड़े कई रियल-वर्ल्ड उदाहरण मिलेंगे — जैसे कि किस दिन बड़े निवेशकों ने अपना पोर्टफोलियो अपडेट किया, कौन से लोगों ने इस दिन नई नौकरी शुरू की, या किस राज्य में इस दिन विशेष आयोजन हुए। आपको यहां वो सब मिलेगा जो आपके जीवन में इस तिथि को असली तौर पर काम आए।
तुलसी विवाह 2025 2 नवंबर को मनाया जाएगा, जो चतुर्मास के अंत और विवाह ऋतु की शुरुआत का संकेत है। विवाह समस्याओं के लिए शालिग्राम और तुलसी का गठबंधन और दान उपाय अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
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