आज हम बात करेंगे Nifty के बारे में, जो भारतीय शेयर बाजार का एक बुनियादी संकेतक है। जब Nifty, NSE में सूचीबद्ध 50 बड़ी कंपनियों का औसत मूल्य दर्शाता है, Nifty 50 की कीमत ऊपर‑नीचे होती है, तो निवेशकों को मार्केट की दिशा का अंदाज़ा लग जाता है। उसी तरह Sensex, BSE का 30 स्टॉक्स वाला सूचकांक, BSE Sensex भी बाजार की धारा को प्रतिबिंबित करता है। Nifty और Sensex दोनों मिलकर भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को मापते हैं; जब एक उछलता है, तो दूसरा भी अक्सर साथ चलना चाहता है। यह संबंध इस बात को दिखाता है कि बड़ी कंपनियों की कमाई और सरकारी नीतियाँ बाजार को सीधे प्रभावित करती हैं।
बेरशे मार्केट की पकड़ में भारतीय शेयर बाजार में उथल‑पुथल बन गयी। Sensex 388 अंकों से गिरा, Nifty 97 अंकों की कमी दर्ज की, जबकि Adani Enterprises ने 5% से अधिक उछाल दिखाया। बैंकिंग और IT सेक्टर में बेचाव बढ़ा, मिडकैप में छोटी‑छोटी खरीदारी ने समर्थन दिया। विदेशी फंड के निकास और वैश्विक बाजार संकेतों ने भावना को झुङ्का। ट्रेडर्स अब वैश्विक सेंट्रल बैंक और कंपनियों की कमाई रिपोर्ट पर नजर रखे हुए हैं।
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