आज भारतीय इक्विटी मार्केट में बियरिश दबाव साफ़ दिखा। Sensex ने 388 अंक कम करके 82,626 पर बंद किया, जो 0.47% की गिरावट है। साथ ही Nifty 25,327 पर आया, 97 अंक गिरते हुए 0.38% नीचे। यह दो लगातार सूचकांकों की तीन दिनों की जीत के बाद की पहिली उलटफेर थी, जिसका कारन मुख्य रूप से प्रॉफिट बुकिंग और सेक्टरल रोटेशन रहा।
बैंकिंग सूचकांक में भी बेचाव मजबूत रहा; Nifty Bank 269 अंक गिरकर 55,459 पर बंद हुआ। इस गिरावट ने निवेशकों को सावधानी बरतने पर मजबूर कर दिया। दूसरी ओर, मिडकैप इंडेक्स 21 अंक बढ़कर 59,094 पर पहुँच गया, जो छोटे‑मध्यम आकार के कंपनियों में सीमित खरीदारी का संकेत है।
ग्लोबल पक्ष में एशियाई बाजारों ने मिलेजुले संकेत दिखाए। जापान का निकेइ 0.57% बढ़ा, शंघाई कॉम्पोज़िट 0.30% उछला, जबकि हांगकांग का हैंग सैंग स्थिर रहा। भारतीय बाजार की गिरावट को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के निकास और वैश्विक आर्थिक संकेतों का असर माना जा रहा है।
सभी शेयरों के बीच Adani Enterprises ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की। 5.08% की तेज़ी से यह गेनर सूची के शीर्ष पर आया, जिससे समूह के अन्य शेयरों में भी सकारात्मक भावना फैल रही है। इसका उलटा पक्ष HCL Tech था, जो 1.77% गिरकर शीर्ष हारने वाला बन गया, जिससे IT सेक्टर की कमजोरी स्पष्ट हुई।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में मिश्रित संकेत मिले। GST कट के प्रभाव को लेकर निवेशकों में अनिश्चितता बनी रही, जिससे Mahindra & Mahindra जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर गिरते दिखे। हालांकि, कुछ मध्य‑स्तर की ऑटो कंपनियों में वैकल्पिक खरीदारी देखी गई, जो नीति समर्थन के बावजूद सेक्टर के भीतर विविधतापूर्ण रुचि को दर्शाती है।
सेक्टर‑व्यापी रोटेशन ने लाभांश घटते हुए वित्तीय और IT कंपनियों को पीछे धकेला, जबकि मिडकैप और कुछ व्यक्तिगत बड़े‑कैप स्टॉक्स में चुनिंदा समर्थन मिला। व्यापारियों ने आज के Gift Nifty Futures को 0.12% नीचे, 25,428 पर समाप्त होते देखा, जो निकट भविष्य में निरंतर दबाव की संभावना को दर्शाता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि अब निवेशकों को दो प्रमुख कारकों पर नजर रखनी होगी: वैश्विक सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति दिशा और भारतीय कंपनियों की कमाई रिपोर्ट। त्योहारी मौसम की खपत प्रवृत्ति और विदेशी फंड की प्रवाह भी बाजार की दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
एक टिप्पणी लिखें