2024 का पेरिस ओलम्पिक अब करीब आ रहा है, और हर दिन नई ख़बर आती रहती है। अगर आप खेल के शौकीन हैं या भारत की टीम को सपोर्ट करना चाहते हैं, तो इस लेख में आपको सभी ज़रूरी जानकारी मिल जाएगी—इवेंट कब होते हैं, कैसे देख सकते हैं, और हमारे खिलाड़ियों पर क्या उम्मीदें रखी जा सकती हैं।
पेरिस ओलम्पिक्स में कुल 32 खेल शामिल हैं, जिनमें एथलेटिक्स, तैराकी, जिम्नास्टिक और नई एंट्री सर्फिंग प्रमुख हैं। पहला दिन 26 जुलाई को खुलेगा, जब एथलेटिक्स के स्टेडियम दैट्स‑ड'अक्विटीन में शुरुआती दौड़ें होंगी। अगर आप सुबह जल्दी उठने वाले नहीं हैं तो शाम की स्विमिंग फाइनल या रात्रि के बास्केटबॉल मैच देख सकते हैं—इनका समय भारत में रात 7 बजे से 11 बजे तक रहेगा.
सभी इवेंट्स का टाइमटेबल आधिकारिक ओलम्पिक साइट पर उपलब्ध है। आप ‘ऑनलाइन शेड्यूल’ सेक्शन में देश‑विशिष्ट समय सेट कर सकते हैं, जिससे आपको हर मैच की अलार्म मिल जाएगी। मोबाइल ऐप डाउनलोड करना भी आसान विकल्प है—ऐप में रीयल‑टाइम नोटिफ़िकेशन और रिज़ल्ट अपडेट दोनों होते हैं।
भारत ने पिछले ओलम्पिक्स में कई आश्चर्यजनक जीतें दर्ज की हैं, जैसे मीरा बैरू का तीरंदाज़ी में गोल्ड और निकिता लेह्री का एथलेटिक जंप में सिल्वर। इस बार भी उम्मीदें बड़ी हैं। ध्वनि विज्ञान में नयी तकनीकों से लैस हमारे शौटिंग टीम के लिए बेहतर लक्ष्य सेट किया गया है, और बॅडमिंटन की दिग्गज पी.वी. सिंधु ने फिर से मेडल जीतने का इरादा जाहिर किया है.
यदि आप अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को लाइव फॉलो करना चाहते हैं तो YouTube के आधिकारिक ओलम्पिक चैनल या भारत में Star Sports की स्ट्रीमिंग सेवा सबसे भरोसेमंद विकल्प हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर #Paris2024 टैग से आप त्वरित अपडेट और ब्यूटिन्स भी देख सकते हैं.
अंत में एक छोटी सी सलाह—ओलम्पिक देखते समय स्नैक्स और रिफ्रेशमेंट रख लें, क्योंकि कुछ इवेंट्स दो‑तीन घंटे तक चल सकते हैं। अगर आपके पास टेलीविजन नहीं है तो मोबाइल डेटा के बजाय Wi‑Fi कनेक्शन बेहतर रहेगा, ताकि स्ट्रीमिंग में कोई लॅग न हो.
तो तैयार हो जाइए—पेरिस ओलम्पिक 2024 का हर रोमांच आपसे सिर्फ कुछ क्लिक दूर है। अपनी पसंदीदा टीम को जयकारें और जीत की खुशियाँ मिलकर मनाएँ!
भारतीय फ्रीस्टाइल रेसलर निशा दहिया को पेरिस ओलंपिक्स में 68 किग्रा वर्ग की बाउट के दौरान चोट लगी। उनके कोच ने इस घटना पर निराशा और आश्चर्य जताया। चोट के बाद निशा की संभावित खेल उपस्थिति पर सवालिया निशान लग गया है। इस घटना ने खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर चिकित्सा समर्थन की आवश्यकता पर चर्चा छेड़ दी है।
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