अगर आप भी अक्सर अपना भाग्य पढ़ाते‑पढ़ाते थक चुके हैं, तो इस साल का राहु परिवर्तन आपके लिये खास हो सकता है। राहु, जो खुद में कोई ग्रह नहीं, बल्कि दो छायाओं में से एक है, हर दो साल में अलग‑अलग राशियों में चलता है। 2025 में फिर से राहु का नया गोचर शुरू हो रहा है और इसके असर को समझना आपको जीवन के कई पहलुओं में मदद कर सकता है।
राहु को अक्सर ‘छाया ग्रह’ कहा जाता है क्योंकि यह सूर्य‑चंद्र ग्रहण के समय बनता है। जब राहु किसी राशि में जाता है, तो वह उसी राशि की ऊर्जा को थोड़ा‑बहुत उलट‑पालट देता है। इस उलट‑पालट का असर पेशे, रिश्ते, स्वास्थ्य और धन पर अलग‑अलग होता है। इसलिए राहु परिवर्तन को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए—यह आपके जिंदगी के सफ़र में एक मोड़ जैसा है।
2025 में राहु मकर/कुंभ में रहेगा, यानी यह दो साल तक इन राशियों में रहेगा। मकर राशि वालों को करियर में नई चुनौतियाँ मिलेंगी, लेकिन मेहनत से सफलता भी मिल सकती है। अगर आप मकर के अंत में या कुंभ में हैं, तो सामाजिक सम्बन्धों में बदलाव देखेंगे; नई दोस्ती या सहयोगी रिश्ते बन सकते हैं।
दूसरी ओर, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह जैसी राशियों को थोड़ा‑बहुत उथल‑पुथल का सामना करना पड़ सकता है। इन लोगों को वित्तीय निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए और अनावश्यक खर्च से बचना चाहिए। वहीं धनु और मीन को इस राहु गोचर से नई सम्भावनाएँ मिलेंगी—व्यावसायिक प्रस्ताव या निवेश के अच्छे अवसर सामने आ सकते हैं।
सिर्फ राशियों के आधार पर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जन्म कुंडली में राहु की स्थिति भी मायने रखती है। अगर आपका राहु पहले से ही मेष या तुला में है, तो यह परिवर्तन आपके लिये “पुनरावृत्ति” जैसा हो सकता है, यानी आपको वही सिखने को मिलेगा, लेकिन अनुभव अधिक होगा।
तो, इस समय आप क्या कर सकते हैं? सबसे पहले, अपनी कुंडली में राहु की स्थिति देखें—यदि आप नहीं जानते तो किसी भरोसेमंद ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं। फिर, राहु के प्रभाव को कम करने के लिये कुछ आसान उपाय अपनाएँ:
इन छोटे‑छोटे कदमों से राहु का नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है और जीवन में संतुलन बना रहता है। याद रखें, राहु परिवर्तन का मतलब यह नहीं है कि सब कुछ बिगड़ जाएगा; यह बस एक संकेत है कि आपको कुछ चीज़ों पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
अंत में, यदि आप राहु परिवर्तन के दौरान अपने लक्ष्य पर टिके रहना चाहते हैं, तो सकारात्मक सोच रखें और छोटे‑छोटे लक्ष्य तय कर उन्हें पूरा करें। इस तरह न केवल राहु का असर कम रहेगा, बल्कि आप अपने जीवन की दिशा भी स्पष्ट करेंगे। अब जब आप राहु परिवर्तन 2025 के बारे में जानते हैं, तो तैयार रहें—ताकि जब राहु आपकी राशि में आए, आप उससे डरें नहीं, बल्कि उसे दिशा देने वाला साथी बना सकें।
सितंबर 21 को रात 11 बजे से 4 बजे तक होने वाला सौरग्रहण 2025 भारत में दिखाई नहीं देगा, पर इसका ज्योतिषीय असर विश्वभर में महसूस होगा। विशेष रूप से मिथुन राशि वालों को अगले 15 दिनों में ग्रहों के बदलावों से जुड़ी चुनौतियों के लिये सतर्क रहना चाहिए। राहु के परिवर्तन, बृहस्पति की रक्षा और शनि की दृष्टि इस अवधि को जटिल बनाते हैं। काम, रिश्ते और आध्यात्मिक पहलुओं में सावधानी बरतनी जरूरी है।
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