कल रात 11 बजे से अगले दिन की सुबह 4 बजे तक सौरग्रहण 2025 का दृश्य होगा। यह ग्रहण आश्विन महीने की अमावस्या के दिन, कन्या राशि के भीतर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जहाँ सूर्य, चंद्रमा और बुध एक ही रेखा में संरेखित होंगे। शनि का प्रभाव मीन राशि से जोड़कर देखा जाएगा, जबकि राहु इस समय तीव्र परिवर्तन की स्थिति में होगा। बृहस्पति की राहु पर दृष्टि सामान्यतः सुरक्षा देती है, पर इस विशेष क्षण में वह जटिल परिस्थितियों का निर्माण कर सकती है।
भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक अवधि मान्य नहीं मानी जाती। फिर भी ग्रहों की स्थिति अंतरराष्ट्रीय ज्योतिषीय प्रभाव डालती है, और सभी राशियों पर, विशेषकर मिथुन के जातकों पर, इसका असर गहरा रहेगा। संकेतों के अनुसार, अगले पंद्रह दिनों में मिथुन लोगों को कई क्षेत्रों में सतर्क रहना पड़ सकता है।
ग्रहों की चाल को देखते हुए, मिथुन जातकों को सुबह के टाइम में अतिरिक्त परिश्रम करना फायदेमंद रहेगा। इस दौरान छोटे‑छोटे प्रोजेक्ट या नई सीख को साकार करने का समय है। दोपहर का समय, विशेषकर जब शुक्र और सूर्य की संधि होगी, तब प्रगति की गति तेज़ हो सकती है, पर यह भी एक चुनौतीपूर्ण दौर रहेगा क्योंकि निर्णय लेना कठिन हो सकता है।
आध्यात्मिक प्रश्नों का उभरना स्वाभाविक है; कई लोगों को धर्म या आध्यात्मिक पथ चुनने में दुविधा महसूस हो सकती है। इस परिस्थिति में निरपेक्ष सलाहकार या गुरु की मदद लेना समझदारी होगी।
समग्र रूप से कहा जाए तो यह सौरग्रहण एक परिवर्तन का संकेत देता है। मिथुन राशि के लोग यदि धैर्य और समझदारी से इस अवधि को संभालेंगे, तो संभावित चुनौतियों को अवसर में बदल सकते हैं। इस दौरान किए गए छोटे‑छोटे कदम भविष्य में बड़े फ़ायदे में बदल सकते हैं।
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