अगर आप रेसिंग की बात सुनते हैं तो अक्सर टोतो वोल्फ का नाम सुनते ही दिल तेज़ धड़कने लगता है। वो मर्सिडीज‑एजी टीम के मुख्य प्रिंसिपल हैं, लेकिन उनका सफर सिर्फ़ इस नौकरी तक नहीं रुका। एक छोटे ऑस्ट्रियाई परिवार से निकलकर उन्होंने विश्व के सबसे बड़े मोटरस्पोर्ट इवेंट में अपना मुकाम बनाया। आज हम देखेंगे कि वो कैसे बने और फ़ॉर्मूला 1 को किस तरह नया रूप दे रहे हैं।
टोतो ने १९७० में ऑस्ट्रिया के एक छोटे कस्बे में जन्म लिया। बचपन में ही कारों की धूमधाम उन्हें आकर्षित करती थी, इसलिए उन्होंने मोटरस्पोर्ट्स में भाग लेना शुरू किया। शुरुआती वर्षों में वो रेसिंग ड्राइवर थे, लेकिन जल्दी ही समझा कि उनका असली टैलेंट मैनेजमेंट और रणनीति में है। २००४ में वे श्मिड्ट के पास मर्सिडीज टीम में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने तकनीकी सलाहकार का काम किया।
2009 में वोल्फ ने टीम को प्रिंसिपल बना दिया और तब से ही उनकी बारीकियों पर नज़र रह गई। २०११‑२०२० के बीच मर्सिडीज ने लगातार फॉर्मूला 1 विश्व चैंपियनशिप जीत ली, और इसका बड़ा कारण टोतो की रणनीति थी – पिट‑स्टॉप टाइम कम करना, रेस प्लानिंग में लचीलापन और ड्राइवरों को भरोसा देना। उनके बिना टीम का इस स्तर पर पहुँचना मुश्किल था।
अब जब एंजेलो सिस्सा, चार्ल्स लेक्लेयर और जॉर्ज रसेल जैसे युवा ड्राइवर टीम में आ गए हैं, वोल्फ ने तकनीकी नवाचार पर ध्यान दिया है। उन्होंने कार के एरोडायनामिक्स को सुधारने के लिए डेटा‑ड्रिवन एनालिटिक्स अपनाए हैं, जिससे हर मोड़ पर तेज़ी से टायर बदलना संभव हुआ। साथ ही वे टिकाऊपन की दिशा में भी कदम बढ़ा रहे हैं – रेसिंग फ्यूल की खपत घटाने के प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाया है।
उनकी टीम‑बिल्डिंग शैली भी काफ़ी अनोखी है। वह अक्सर ड्राइवरों और इंजीनियर्स के बीच खुला संवाद बनाते हैं, जिससे हर कोई अपने विचार रख सके। इस कारण मर्सिडीज में तनाव कम रहता है और रेस में तेज़ निर्णय लिये जाते हैं। यही कारण है कि फैंस भी टीम को ‘वोल्फ का परिवार’ कहते हैं।
भविष्य की बात करें तो टोतो ने कहा है कि एआई‑आधारित सिमुलेशन और हाइब्रिड टेक्नॉलॉजी पर भारी निवेश करेंगे। उनका लक्ष्य केवल रेस जीतना नहीं, बल्कि फॉर्मूला 1 को पर्यावरण‑फ्रेंडली बनाना भी है। अगर आप इस बदलावों को देखेंगे तो समझ पाएँगे कि वोल्फ सिर्फ़ एक प्रबंधक नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के दिशा-निर्देशक हैं।
सार में कहा जाए तो टोतो वोल्फ ने रेसिंग की दुनिया में अपने नाम को इतना मजबूत बना लिया है कि उनके बिना मर्सिडीज‑एजी का भविष्य अधूरा लगता है। चाहे वो पिट‑स्टॉप टाइम हो, ड्राइवर मैनेजमेंट या तकनीकी नवाचार – हर पहलू में उनका हाथ रहता है। अगले सिजन में देखेंगे कैसे उनकी रणनीति फिर से रेस ट्रैक को हिला देती है।
मर्सिडीज के टीम प्रिंसिपल टोतो वोल्फ ने लुईस हैमिल्टन की ब्रिटिश ग्रैंड प्रिक्स जीत को 'एक परीकथा' बताया। यह जीत हैमिल्टन के लिए मर्सिडीज के साथ उनके अंतिम घरोरी रेस में पहले खिताब जैसी थी। 2021 के दिसंबर से यह उनकी पहली जीत थी।
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