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URL जांच कैसे करें – तेज़ और सुरक्षित तरीका

जब आप कोई वेबसाइट खोलते हैं तो अक्सर नहीं सोच पाते कि वह साइट भरोसेमंद है या नहीं। अगर आपके पास सही टूल्स हों, तो आप कुछ ही मिनटों में पता लगा सकते हैं कि लिंक में क्या खतरा छुपा है। इस लेख में हम सरल तरीके बताएंगे जिससे आप अपनी रोज़ की ब्राउज़िंग को सुरक्षित बना सकें।

क्यूँ करना ज़रूरी है URL जाँच?

अक्सर फ़िशिंग, मैलवेयर और स्पैम लिंक आपको धोखा दे सकते हैं। ऐसे में बिना जांचे क्लिक करने से आपका व्यक्तिगत डेटा चोरी हो सकता है या डिवाइस पर वायरस आ सकता है। एक त्वरित URL स्कैन करके आप ये जोखिम घटा सकते हैं और समय बचा सकते हैं। यह खासकर तब महत्वपूर्ण होता है जब आप ईमेल, सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप्स में अजनबी लिंक देखते हैं।

बेस्ट मुफ्त ऑनलाइन टूल्स for URL जाँचना

कई फ्री साइटें उपलब्ध हैं जो आपके लिंक को कई सुरक्षा डेटाबेस के साथ तुलना करती हैं। VirusTotal, Sucuri SiteCheck और Google Safe Browsing सबसे लोकप्रिय हैं। इनको इस्तेमाल करने का तरीका बहुत आसान है: बस URL कॉपी‑पेस्ट करें, ‘Scan’ बटन दबाएँ और परिणाम देखें। अधिकांश टूल्स आपको बताएंगे कि लिंक में मैलवेयर, फ़िशिंग या स्पैम चेतावनी है या नहीं।

अगर आप जल्दी जांच चाहते हैं तो ब्राउज़र एक्सटेंशन भी काम आते हैं। Chrome और Firefox के लिए “URLVoid” या “Web of Trust (WOT)” जैसी extensions एक क्लिक में सुरक्षा रेटिंग दिखा देती हैं। इन्हें इंस्टॉल करने के बाद आपको हर बार लिंक पर होवर करने की ज़रूरत नहीं, बस टूलबार में संकेत देखिए।

एक और टिप है कि हमेशा HTTPS वाले URLs को प्राथमिकता दें। ‘https://’ का मतलब है कि साइट ने डेटा एन्क्रिप्शन किया हुआ है, जिससे आपका कनेक्शन सुरक्षित रहता है। लेकिन ध्यान रखें, HTTPS सिर्फ एक बेसिक सुरक्षा स्तर है; फिर भी फ़िशिंग साइट्स इसे इस्तेमाल कर सकती हैं, इसलिए उपरोक्त टूल्स से दोबारा जांचना बेहतर रहेगा।

कभी-कभी URL बहुत लंबा या गड़बड़ दिखता है – जैसे कि कई ‘%20’ या अजीब अक्षर हों। ऐसे में आप URL को छोटा करने वाले सेवाओं (जैसे bit.ly) से बचें, क्योंकि वे वास्तविक साइट की जानकारी छिपा सकते हैं। अगर लिंक संक्षिप्त हो तो पहले उसे डिकोड करके असली पता देखें और फिर स्कैन करें।

अंत में याद रखें: कोई भी टूल 100% सुरक्षा नहीं देता, लेकिन नियमित जाँच से खतरा काफी घट जाता है। अपने ब्राउज़र की सेटिंग्स में ‘Safe Browsing’ को एनेबल करना, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर अपडेट रखना और अनजान लिंक पर क्लिक न करना मिलकर एक मजबूत बचाव बनाते हैं। अब जब भी कोई नया लिंक आए, बस ऊपर बताए गए चरणों का पालन करें और बेफिक्री से ब्राउज़ करें।

बीबीसी न्यूज़ लेख तक पहुँचने की समस्या: URL की अनुपलब्धता से सूचना का संकट
Abhishek Rauniyar

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बीबीसी न्यूज़ लेख तक पहुँचने की समस्या: URL की अनुपलब्धता से सूचना का संकट

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