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झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर तीसरी बार हेमंत सोरेन की वापसी की सम्भावना
अभिनव निर्मल

अभिनव निर्मल

हेमंत सोरेन की तीसरी बार मुख्यमंत्री पद पर वापसी

झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। यह निर्णय एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया, जो रांची में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर आयोजित हुई थी। इस बैठक में जेएमएम और उसके सहयोगी दलों के सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को जेएमएम विधायक दल का नेता चुना।

राजनीतिक परिदृश्य

झारखंड राज्य, जो 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर अस्तित्व में आया था, वहां हेमंत सोरेन की इस वापसी को लेकर गहन चर्चा हो रही है। हेमंत सोरेन अगर शपथ लेते हैं, तो वे झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री बनेंगे। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब हेमंत सोरेन को 28 जून को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहाई मिली थी, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जोड़ा गया था।

चंपई सोरेन का इस्तीफा

झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जिन्होंने 2 फरवरी को 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, संभवतः जल्द ही अपने पद से इस्तीफा देंगे। यही वह समय था जब सभी विधायकों ने सम्मति व्यक्त की और हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के लिए चुना।

सहयोगी दल और संख्या बल

झारखंड में जेएमएम के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी शामिल हैं। इस गठबंधन के पास कुल मिलाकर 45 विधायक हैं: जेएमएम के 27, कांग्रेस के 17 और राजद का एक विधायक। वहीं, झारखंड विधानसभा की वर्तमान सदस्यों की संख्या 76 है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 24 सदस्य हैं।

विधायकों की स्थिति

जेएमएम ने अपने दो विधायकों, बिशुनपुर विधायक चामरा लिंडा और बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है, जिन्हें अभी विधानसभा से इस्तीफा देना है। इसी प्रकार, भाजपा ने मंडु विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को भी पार्टी से निष्कासित किया था, जिनका कांग्रेस में शामिल होकर लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार बनने की योजना थी और उन्हें अभी भी विधानसभा से इस्तीफा देना है।

इस राजनीतिक परिदृश्य में हेमंत सोरेन की तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की संभव वापसी आगामी समय में झारखंड की राजनीति में कई बदलाव ला सकती है। जेएमएम के विधायकों की सहमति और उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि झारखंड के भविष्य में एक नई दिशा की शुरुआत हो सकती है।

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