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व्रत – क्या है, कब रखें और कैसे मनाएं?

भाईयों और बहनों, हर साल हमारे जीवन में कई बार ऐसा आता है जब हम कुछ समय के लिए खाना-पीना रोकते हैं – इसे ही कहते हैं व्रत। चाहे वह नवरात्रि का अष्टमी व्रत हो या शरद ऋतु का करवा चौथा, सभी का एक ही मकसद होता है: आत्मा को शुद्ध करना और मन को शांत रखना. लेकिन कई बार हमें नहीं पता कि कब कौन‑सा व्रत रखना चाहिए या इसे सही तरीके से कैसे निभाना है। इसलिए हमने इस लेख में सबसे जरूरी बातें इकट्ठी कर दी हैं, ताकि आप बिना किसी उलझन के अपने व्रत की तैयारी शुरू कर सकें.

आगामी प्रमुख व्रत और उनकी तिथियां

2025 में कई बड़े‑बड़े व्रत आने वाले हैं। सबसे पहले, विनायक चतुर्थी का व्रत 13 अप्रैल को होगा, जिससे लोग गणेश जी की आराधना के साथ उपवास रखते हैं। अगले महीने, 14 मई को गुड़ी पड़वा के साथ मकर संक्रांति भी मनाते हैं, लेकिन कई लोग इस दिन हल्का व्रत रख कर शुद्धता चाहते हैं। फिर 10 जुलाई को हरियाली तीज़ का व्रत है, जो महिलाओं द्वारा अपने ससुराल में शुभ कामना के लिए रखा जाता है। इन सभी तिथियों को आप हमारे कैलेंडर सेक्शन से भी देख सकते हैं और रिमाइंडर सेट कर सकते हैं.

सही तरीके से व्रत रखने के आसान टिप्स

व्रत का सबसे बड़ा नियम है – इरादा साफ़ रखें. अगर आपका लक्ष्य शारीरिक डिटॉक्स या आध्यात्मिक उन्नति है, तो इसे लिख लें और रोज़ सुबह दोहराएँ. दूसरा, पानी की मात्रा बढ़ा दें; उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत ज़रूरी है. तीसरा, हल्का फल‑फूल जैसे सेब, नाशपाती या पपीता खाएं – ये पेट को शांत रखते हैं और ऊर्जा देते हैं. चौथा, अगर आप पूरी तरह भोजन नहीं ले रहे हैं तो शुद्ध जूस या नारियल पानी पी सकते हैं; इससे इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बना रहता है। पाँचवा, शाम के समय हल्का स्नैस रखें जैसे मूंग दाल का चिल्का या सूखे मेवे – ये जल्दी पचते हैं और रात को नींद में मदद करते हैं. इन टिप्स को अपनाकर आप व्रत को आरामदायक और असरदार दोनों बना सकते हैं.

एक बात ध्यान रखने वाली है कि अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, जैसे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही व्रत रखें. बहुत से लोग बिना जांचे-परखे तेज़ उपवास करने के कारण कमजोरी या चक्कर महसूस करते हैं। इसलिए अपने शरीर की सुनें और जरूरत पड़ने पर हल्का विकल्प चुनें.

व्रत को सोशल मीडिया पर भी शेयर करना अब आम बात है. आप #Vrat2025 टैग से अपनी तैयारी, रेसिपी और अनुभव दूसरों के साथ बांट सकते हैं. इससे न सिर्फ़ मोटिवेशन मिलता है, बल्कि नई-नई रेसिपी जैसे ‘साबूदाना खिचड़ी’ या ‘खजूर के लड्डू’ भी मिलते रहते हैं.

आशा करते हैं कि यह छोटा गाइड आपके लिये मददगार साबित होगा. अब जब आप जानते हैं कब‑कब व्रत है और कैसे रखें, तो रिमाइंडर सेट करिए, तैयारी शुरू कीजिए और अपने मन‑स शरीर को शुद्ध करने का ये मौका न गंवाएँ.

देवशयनी एकादशी 2024: पूजा मंत्र और महत्त्व
Abhishek Rauniyar

Abhishek Rauniyar

देवशयनी एकादशी 2024: पूजा मंत्र और महत्त्व

देवशयनी एकादशी, आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह पर्व चार माह के चातुर्मास काल की शुरुआत का प्रतीक है, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस समय को आध्यात्मिक साधना और भक्ति क्रियाओं के लिए पवित्र माना जाता है। इस लेख में पूजा मंत्र, व्रत विधि और चातुर्मास का महत्व विस्तार से बताया गया है।

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