2025 में यूट्यूब पर पैसे कमाने का रास्ता अब और भी स्पष्ट हो गया है — लेकिन एक बड़ा ट्विस्ट है। अगर आप रिएक्शन वीडियो बनाते हैं, किसी के क्लिप्स को जोड़कर टेक्स्ट-टू-स्पीच नैरेशन देते हैं, या AI से बनाई गई सामग्री को बिना किसी असली जोड़ टीका के अपलोड करते हैं, तो आपकी चैनल को मोनेटाइज करने की अनुमति नहीं मिलेगी। यूट्यूब ने 15 जुलाई, 2025 को अपने यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसका असर लाखों छोटे क्रिएटर्स पर पड़ रहा है। यूट्यूब के क्रिएटर लाइएज़ रेने रिची ने स्पष्ट किया: "यह बदलाव केवल एक छोटी सी अपडेट नहीं है — यह उन सामग्रियों को पहचानने की कोशिश है जो असल में मूल नहीं हैं।"
मोनेटाइजेशन के लिए क्या जरूरी है?
अभी भी वही तीन शर्तें हैं — लेकिन अब उन्हें पूरा करना ज्यादा मुश्किल हो गया है। यूट्यूब मोनेटाइजेशन के लिए आपको चाहिए:
- 1,000 सब्सक्राइबर्स
- या तो पिछले 12 महीनों में 4,000 घंटे के वैध पब्लिक वॉच टाइम
- या पिछले 90 दिनों में 10 मिलियन वैध पब्लिक शॉर्ट्स व्यूज
ये संख्याएं अब भी बरकरार हैं, जैसा कि द टाइम्स ऑफ इंडिया ने 18 जून, 2025 को रिपोर्ट किया। लेकिन अब यूट्यूब इन संख्याओं के पीछे छिपी सामग्री की गुणवत्ता को भी चेक कर रहा है।
क्या बदला 15 जुलाई के अपडेट ने?
यूट्यूब ने अब स्पष्ट कर दिया है कि "मूल सामग्री" का मतलब क्या है। अगर आप किसी फिल्म के क्लिप्स को जोड़कर एक वीडियो बनाते हैं, और उस पर बस AI आवाज़ से बोलते हैं कि "इस दृश्य में नायक बहुत गुस्सा हुआ" — तो यह अब मूल सामग्री नहीं है। ऐसे वीडियो अब डीमोनेटाइज हो सकते हैं, या फिर मोनेटाइजेशन के लिए अप्लाई करने पर रिजेक्ट हो सकते हैं।
यह बदलाव खासकर उन क्रिएटर्स को निशाना बनाता है जो रिएक्शन वीडियो, ट्यूटोरियल कॉम्पिलेशन, या "ट्रेंडिंग टॉप 10" जैसे फॉर्मूला वीडियो बनाते हैं। अब यूट्यूब चेक करेगा कि क्या आपने कोई असली विश्लेषण, अपना व्यक्तित्व, या अनूठा कॉन्टेक्स्ट जोड़ा है। अगर नहीं, तो आपका वीडियो "अथेंटिक" नहीं माना जाएगा।
भारत और विकासशील देशों के लिए क्या है अलग?
अच्छी खबर यह है कि यूट्यूब ने कुछ विकासशील देशों — जिनमें भारत भी शामिल है — के लिए शर्तें आसान कर दी हैं। यहां अब केवल 500 सब्सक्राइबर्स और 1,000 घंटे के वॉच टाइम (पिछले 12 महीनों में) काफी हैं। यूला.कॉम ने 10 दिसंबर, 2024 को इस बात की पुष्टि की है।
लेकिन ध्यान रखें — यह सिर्फ मोनेटाइजेशन के लिए है। फैन फंडिंग (जैसे सुपर चैट, सुपर स्टिकर्स) के लिए अभी भी 500 सब्सक्राइबर्स, 3 नए वीडियो और 3 मिलियन शॉर्ट्स व्यूज (90 दिनों में) जरूरी हैं, जैसा कि इंफ्लुएंसर मार्केटिंग हब ने नवंबर 2024 में बताया।
अप्लाई कैसे करें? कितना समय लगता है?
अप्लाई करने का तरीका सीधा है — YouTube Studio में जाएं, मोनेटाइजेशन टैब पर क्लिक करें, अपनी प्रगति देखें, और जब सभी शर्तें हरी हो जाएं, तो YPP के नियम स्वीकार करें। फिर अपना Google AdSense अकाउंट लिंक करें।
लेकिन यहां बड़ी बात है — अप्लाई के बाद चैनल की मैन्युअल रिव्यू होती है। यूट्यूब आपके सबसे लोकप्रिय वीडियो, आपके चैनल का थीम, और आपके कॉम्यूनिटी गाइडलाइंस का रिकॉर्ड चेक करता है। यह प्रक्रिया 1 से 7 दिन ले सकती है। अगर आपका अप्लाई रिजेक्ट हो जाए, तो आप 30 दिन बाद फिर से अप्लाई कर सकते हैं।
अगर आप बहुत मेहनत करें, तो 4-6 महीने में भी मोनेटाइज हो सकते हैं। लेकिन अधिकांश नए क्रिएटर्स के लिए यह रियलिस्टिक टाइमलाइन 6-12 महीने है। Onewrk.com के अनुसार, प्रोफेशनल हेल्प लेने से यह समय आधा हो सकता है।
कमाई कितनी होती है?
एक बार मोनेटाइज हो जाने के बाद, औसतन आप 1,000 व्यूज पर $3 से $5 कमा सकते हैं। लेकिन यह नंबर बहुत बदलता है। अगर आपका ऑडियंस अमेरिका या यूरोप से है, तो कमाई ज्यादा होगी। अगर आपका वीडियो टेक्नोलॉजी या फाइनेंस पर है, तो CPM ज्यादा होता है। अगर आपके वीडियो की औसत देखने की अवधि 20 सेकंड से कम है, तो यूट्यूब आपके वीडियो को "कम एंगेजिंग" मान लेता है — और आपकी कमाई भी कम हो जाती है। यूला.कॉम के अनुसार, सफल चैनल्स का औसत व्यू डिप्टी 80%-100% होता है।
क्या AI वीडियो अब बैन हैं?
नहीं, AI वीडियो बैन नहीं हैं। लेकिन अब आपको बताना होगा कि वीडियो में AI का इस्तेमाल हुआ है। अगर आप एक AI आवाज़ से बोल रहे हैं, या AI से बनाई गई इमेजेज़ का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वीडियो के शुरुआत में एक टेक्स्ट बॉक्स या आवाज़ में बताना जरूरी है: "यह वीडियो AI टूल्स का उपयोग करके बनाया गया है।" अगर आप छिपाते हैं, तो यह धोखा माना जाएगा — और आपकी चैनल पर कार्रवाई हो सकती है।
अन्य जरूरी शर्तें
- आपके चैनल पर कोई एक्टिव कम्युनिटी गाइडलाइंस स्ट्राइक नहीं होनी चाहिए
- 2-स्टेप वेरिफिकेशन चालू होना चाहिए
- आपका Google AdSense अकाउंट वैध और लिंक्ड होना चाहिए
ये सभी शर्तें अब बहुत सख्त हैं। यूट्यूब अब चैनल की जांच करते समय सिर्फ व्यूज और सब्सक्राइबर्स नहीं, बल्कि उसकी "सांस्कृतिक और नैतिक वैधता" को भी देख रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या रिएक्शन वीडियो अब मोनेटाइज नहीं हो सकते?
रिएक्शन वीडियो तब तक मोनेटाइज हो सकते हैं जब तक आप बस क्लिप दिखाकर नहीं बोलते। अगर आप अपनी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया, विश्लेषण, या अनुभव जोड़ते हैं — जैसे कि "इस दृश्य में अभिनेता के चेहरे पर भाव इसलिए बदले क्योंकि उसने अपने बचपन में ऐसा ही अनुभव किया था" — तो यह मूल सामग्री मानी जाएगी। बस क्लिप्स जोड़कर AI आवाज़ चलाना अब नहीं चलेगा।
क्या भारत में नए क्रिएटर्स के लिए नए नियम लागू होते हैं?
हां, भारत जैसे विकासशील देशों में मोनेटाइजेशन के लिए शर्तें कम हैं — केवल 500 सब्सक्राइबर्स और 1,000 घंटे के वॉच टाइम। लेकिन यह छूट केवल मोनेटाइजेशन तक सीमित है। फैन फंडिंग के लिए अभी भी 3 मिलियन शॉर्ट्स व्यूज और 3 अपलोड की जरूरत है। इसलिए नए क्रिएटर्स को धीरे-धीरे बढ़ने की रणनीति बनानी चाहिए।
मोनेटाइजेशन अप्लाई के बाद कितने दिन लगते हैं?
अप्लाई सबमिट करने के बाद चैनल रिव्यू का समय 1 से 7 दिन होता है। अगर आपका चैनल अच्छी तरह से ऑर्गनाइज्ड है, तो अक्सर 2-3 दिन में अप्रूवल हो जाता है। लेकिन अगर आपके वीडियो में कोई रिपीटेड कंटेंट है, तो यह रिव्यू लंबी हो सकती है। अगर आपको रिजेक्शन मिले, तो 30 दिन बाद फिर से अप्लाई कर सकते हैं।
क्या शॉर्ट्स के जरिए मोनेटाइजेशन आसान हो गया है?
शॉर्ट्स ने नए क्रिएटर्स के लिए एक नया रास्ता खोला है — 10 मिलियन व्यूज 90 दिनों में बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन यह भी शर्त है कि शॉर्ट्स भी मूल सामग्री हों। अगर आप दूसरों के शॉर्ट्स को काट-छांटकर अपने नाम से अपलोड करते हैं, तो यह अवैध माना जाएगा। यूट्यूब अब शॉर्ट्स की भी ऑरिजिनलिटी चेक करता है।
क्या AI वीडियो के लिए अलग से अनुमति चाहिए?
नहीं, अलग अनुमति की जरूरत नहीं है। लेकिन आपको अपने वीडियो में AI के इस्तेमाल का खुलासा करना होगा। यह एक जानकारी देने का नियम है — न कि एक बैन। अगर आप बिना बताए AI का इस्तेमाल करते हैं, तो यह धोखा माना जाएगा। यूट्यूब ने इसे "अथेंटिकनेस" के नियम का हिस्सा बना दिया है।
क्या एक बार मोनेटाइज हो जाने के बाद फिर कभी डीमोनेटाइज हो सकता है?
हां, बिल्कुल। अगर आपके चैनल पर बाद में कोई नया क्लेम आता है, या आपके वीडियो को अन्य यूजर्स द्वारा रिपीटेड कंटेंट के रूप में रिपोर्ट किया जाता है, तो यूट्यूब आपकी मोनेटाइजेशन रद्द कर सकता है। यह एक लाइव रिव्यू सिस्टम है — एक बार अप्रूवल नहीं, बल्कि निरंतर पालन की जरूरत है।
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