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धर्म: तुलसी विवाह, शालिग्राम और आध्यात्मिक उपायों की पूरी जानकारी

जब बात आती है धर्म, भारतीय संस्कृति में दैनिक जीवन, रीति-रिवाज और आस्था का आधार की, तो ये सिर्फ एक विश्वास नहीं, बल्कि जीवन का एक तरीका है। इसी धर्म के अंतर्गत तुलसी विवाह, हिंदू परंपरा में तुलसी के पौधे का शालिग्राम के साथ चिह्नित विवाह एक ऐसा अनुष्ठान है जो सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि घर की शुभता और विवाहित जीवन की स्थिरता का प्रतीक भी है। ये विवाह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संकेत है कि जब चतुर्मास खत्म होता है, तो विवाहों का समय आ जाता है।

इस अनुष्ठान के पीछे छिपा है एक गहरा विश्वास — शालिग्राम, विष्णु के रूप में माना जाने वाला प्राकृतिक चक्रीय पत्थर और तुलसी, विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का अवतार मानी जाने वाली पवित्र लता का गठबंधन घर में शांति और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। जिन घरों में विवाह समस्याएं हैं, उनके लिए ये दोनों का संगम एक शक्तिशाली उपाय माना जाता है। ये उपाय कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि सदियों पुरानी ज्ञान-परंपरा है, जिसे आज भी करोड़ों लोग अपनाते हैं। कार्तिक शुक्ला द्वादशी की ये तिथि, जो 2025 में 2 नवंबर को पड़ रही है, इसी शुभ अवसर को चिह्नित करती है।

इस धर्म के तहत कई छोटे-छोटे उपाय भी हैं, जिन्हें आप घर पर ही कर सकते हैं। तुलसी की पत्तियाँ दान करना, शालिग्राम को गंगाजल से धोना, या रोज सुबह तुलसी के चारों ओर घूमकर प्रणाम करना — ये सब असल में एक शांत वातावरण बनाने के लिए हैं। ये काम आपको तुरंत नतीजा नहीं देंगे, लेकिन लगातार करने से घर की ऊर्जा बदल जाती है।

इस कैटेगरी में आपको ऐसे ही वास्तविक, आध्यात्मिक और जीवन में लागू होने वाले उपाय मिलेंगे — जो आपको सिर्फ त्योहारों की तारीख नहीं, बल्कि उनके असली मतलब और उन्हें कैसे अपनाएं, ये सब समझाएंगे।

Tulsi Vivah 2025: 2 नवंबर को होगा शुभ विवाह, विवाह समस्याओं के लिए 5 उपाय
Abhishek Rauniyar

Abhishek Rauniyar

Tulsi Vivah 2025: 2 नवंबर को होगा शुभ विवाह, विवाह समस्याओं के लिए 5 उपाय

तुलसी विवाह 2025 2 नवंबर को मनाया जाएगा, जो चतुर्मास के अंत और विवाह ऋतु की शुरुआत का संकेत है। विवाह समस्याओं के लिए शालिग्राम और तुलसी का गठबंधन और दान उपाय अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

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