बेंगलुरु में मार्च 2022 को आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रचा, जबकि भारत ने सिल्वर मेडल जीता। इस सफलता के पीछे कई खिलाड़ी थे, लेकिन 22 वर्षीय मध्यक्रम बल्लेबाज़ जेमीमा रोज़ेंड्र्स की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। उन्होंने लगातार बड़े‑बड़े इनिंग्स खेल कर टीम को अर्द्ध‑अंतिम और फाइनल तक पहुँचाया।
बार्बाडोस के खिलाफ वह 56* (46) बनाकर भारत को सेमी‑फाइनल में पहुंचाने में मदद की। आक्रमणकारी टोकन की आवश्यकता के बावजूद, जेमीमा ने अपनी पंक्तियों को स्थिर रखा और दबाव में भी तेज़ स्कोरिंग दर्शायी। इस इंटीर ने टीम को बड़े लक्ष्य को संभालने की नींव दी।
सेमी‑फाइनल में इंग्लैंड का सामना करते हुए उन्होंने फिर से अपनी टैक्टिकल फिनिशिंग क्षमताओं का प्रदर्शन किया। सिर्फ 31 गेंदों में 44* बनाकर उन्होंने मैच को चार रन तक का अंतर बना दिया। इंग्लैंड ने आख़िरी ओवर में कई गिरावट देखी और भारत को फाइनल में जगह दिलाई।
फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 33 रन (एक रो‑दौड़) बनाकर जेमीमा ने शुरुआती विकेटों के बाद टीम को स्थिरता प्रदान की। हालांकि उनका आउट होने का समय अनुकूल नहीं था, लेकिन उनका योगदान टीम को नौ रन अंतर से हारने के बावजूद बहादुरी से लड़ाने में अहम रहा।
इन शानदार प्रदर्शनों के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने जेमीमा को ICC महिला खिलाड़ी ऑफ द माह अगस्त 2022 के लिए नामांकित किया। इस श्रेणी में ऑस्ट्रेलिया की ताह्लिया मैग्राथ और बेथ मोनी भी शामिल थीं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जेमीमा का यह नामांकन उनके निरंतर प्रदर्शन की मान्यता है। उन्होंने पहले भी वही अवार्ड के लिए 2022 के एशिया कप में सर्वश्रेष्ठ स्कोरर बनकर नामांकन हासिल किया था, जहाँ उन्होंने 8 मैचों में 217 रन बनाए और औसत 54.25 रखा। इस बार उनका नामांकन उनके T20 अंतरराष्ट्रीय करियर की स्थिरता को दर्शाता है, विशेषकर तेज़‑गति वाले फॉर्मेट में मध्यक्रम में भरोसेमंद बट्रर के रूप में।
ICC का यह पुरस्कार केवल व्यक्तिगत आँकड़ों पर नहीं, बल्कि टीम की सफलता में खिलाड़ी की भूमिका और मैच‑स्थिति में निर्णायक योगदान को भी सरही देता है। जेमीमा के केस में, उनका हर इंटीर भारत के जीत‑समीकरण को बदलता रहा, चाहे वह एक स्थिर चेन बनाना हो या तेज़‑गति से रन जमा करना।
भविष्य में जेमीमा को भारतीय महिला क्रिकेट के ताक़तवर स्तंभ के रूप में देखना आसान है। उनके पास टैक्टिकल समझ, तेज़ रिफ्लेक्स, और दबाव में शांत रहने की क्षमता है—ऐसे गुण जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार सफल होने के लिए आवश्यक हैं। उनका नामांकन न केवल उनके व्यक्तिगत विकास को दर्शाता है, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के विस्तार और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बढ़ते उत्थान को भी संकेत देता है।
टिप्पणि
Rajan Jayswal
26 सितंबर 2025जेमीमा की बल्लेबाज़ी सच में दमदार थी
Simi Joseph
29 सितंबर 2025इन्हीं के कारण ICC की सूची में असली मूल्यवान खिलाड़ी शामिल होते हैं बाकी सब बस दिखावा है
Vaneesha Krishnan
1 अक्तूबर 2025जेमीमा ने जब दबाव संभाला तो टीम की हिम्मत बढ़ गई 😊 उसकी हर पारी में उत्साह की लहर थी 🙌
Vakiya dinesh Bharvad
4 अक्तूबर 2025भारत की महिला टीम ने इस जीत से खेल में गर्व का नया अध्याय लिखा :) जेमीमा का योगदान भारतीय संस्कृति की भावना को दर्शाता है
Aryan Chouhan
7 अक्तूबर 2025हम्म... एचते जेमीमा का अईरू बहुत ठीक नहिं रहा कदाचेत सिंगल में और करगेलते हैं
Tsering Bhutia
10 अक्तूबर 2025जेमीमा ने 56* और 44* दोनों में स्ट्राइक रेट 120% से ऊपर रखा यह आंकड़ा T20 में स्थिर मिडल ऑर्डर के लिए आदर्श है
khajan singh
12 अक्तूबर 2025फाइनिशिंग फेज़ में उसकी एन्ड ओवर पावरप्ले और रिफ्लेक्स डिफेंस एग्रेसिव वैल्यू जोड़ते हैं :)
Dharmendra Pal
15 अक्तूबर 2025आईसीसी ने जेमीमा को नामांकित करने के पीछे उनका लगातार औसत 54.25 और 217 रन का कुल स्कोर प्रमुख कारण हैं यह आंकड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व रखते हैं
Ajit Navraj Hans
18 अक्तूबर 2025अगर आप देखेंगे तो जेमीमा की इंटीर सिर्फ रन नहीं बल्कि मैच सिचुएशन को बदलने की क्षमता है यही वजह से उसे नॉमिनेशन मिला
arjun jowo
20 अक्तूबर 2025जेमीमा जैसे खिलाड़ी की कहानी नई पीढ़ी को प्रेरित करती है हम सबको उनका अनुशासन और फोकस अपनाना चाहिए
Satya Pal
23 अक्तूबर 2025जेमीमा की पावर प्ले सिर्फ रन नहीं बल्कि वक्त की समझ भी है वह दबाव में भी क्लीन शॉट्स मारती है इसको नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
Partho Roy
26 अक्तूबर 2025जेमीमा का खेल एक दार्शनिक कथा जैसा है। वह अपने पैरों में धरती को महसूस करती है। हर शॉट में वह समय के प्रवाह को पकड़ती है। जब भी वह बैटिंग करने बैठती है तो दर्शकों की सांसें रुक जाती हैं। उसका फोकस एक लेंस की तरह तीव्र होता है। वह गेंद को सिर्फ टार्गेट नहीं बल्कि रिदम समझती है। उसका स्ट्राइक रेट एक संगीत की धुन जैसा लगता है। वह बैट के साथ संवाद करती है जैसे कवि शब्दों से। उसकी पोज़िशनिंग एक वैज्ञानिक प्रयोग जैसा सटीक है। वह दबाव में भी शांति बनाए रखती है जो मनोविज्ञान की गहरी समझ दर्शाता है। उसकी हर पारी में एक नया आयाम जुड़ता है। वह केवल रन नहीं बनाती बल्कि टीम के मनोबल को भी ऊँचा करती है। उसकी तकनीक और टैक्टिक एक सिम्बायोसिस हैं। जब वह फाइनल में खेलती है तो इतिहास उसके कदमों को याद रखता है। इस कारण ही वह नॉमिनेशन पाती है और भविष्य में और भी बड़े मंचों पर चमकेगी।
Ahmad Dala
29 अक्तूबर 2025जेमीमा का नामांकित होना सिर्फ एक लोकप्रिय वोट नहीं बल्कि एक शिल्पात्मक उपलब्धि है यह दर्शाता है कि महिला क्रिकेट में शिल्पी प्रतिभा को मान्यता मिल रही है
RajAditya Das
31 अक्तूबर 2025नामांकन से कोई फर्क नहीं पड़ता अगर प्रदर्शन नहीं बना रहे तो ये सिर्फ नाम की ढाल है 😐
Harshil Gupta
3 नवंबर 2025जेमीमा को आगे भी ऐसे ही मानसिक दृढ़ता और तकनीकी सुधार के साथ खेलना चाहिए ताकि वह भारतीय महिला क्रिकेट का स्थायी स्तंभ बन सके