किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाने वाली भीड़ हिंसा के बाद भारतीय दूतावास और पाकिस्तान के मिशन ने छात्रों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। यह हिंसा किर्गिज और मिस्र के छात्रों के बीच एक लड़ाई के बाद शुरू हुई, जिसे रिकॉर्ड किया गया था और 13 मई को वायरल हो गया था। इसके बाद चिकित्सा विश्वविद्यालयों के छात्रावासों पर हमले किए गए जहां भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छात्र रहते हैं।
भारतीय दूतावास ने कहा है कि फिलहाल स्थिति शांत है, लेकिन छात्रों से फिलहाल घर के अंदर रहने का अनुरोध किया है। पाकिस्तान के दूतावास ने कुछ पाकिस्तानी छात्रों को हल्की चोटें लगने की बात कही है, लेकिन मौत या बलात्कार की कोई पुष्टि नहीं हुई है। किर्गिस्तान में लगभग 14,500 भारतीय छात्र और 10,000 पाकिस्तानी छात्र पढ़ रहे हैं।
अधिकारी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। पाकिस्तान के किर्गिस्तान में राजदूत स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
किर्गिस्तान सरकार ने इस हिंसा को रोकने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और उन लोगों की गिरफ्तारी शुरू कर दी गई है जो हिंसा में शामिल थे।
भारतीय और पाकिस्तानी दूतावासों ने अपने-अपने छात्रों को निम्नलिखित सलाह दी है:
किर्गिस्तान में बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्र अध्ययन करते हैं, विशेष रूप से मेडिकल की पढ़ाई के लिए। यहां लगभग 14,500 भारतीय छात्र और 10,000 पाकिस्तानी छात्र पढ़ रहे हैं। इसके अलावा बांग्लादेश, नेपाल और अन्य देशों से भी छात्र हैं।
किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई लोकप्रिय है क्योंकि यहां की शिक्षा गुणवत्तापूर्ण और अपेक्षाकृत सस्ती है। लेकिन हाल के हिंसक घटनाक्रम ने छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं। अधिकारियों और दूतावासों द्वारा उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी और छात्र सुरक्षित रूप से अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे।
इस हिंसा ने किर्गिस्तान में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा के प्रति एक गंभीर खतरे को उजागर किया है। आवश्यक है कि किर्गिस्तान सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे पर ध्यान दें और छात्रों को एक सुरक्षित और समावेशी माहौल प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और छात्रों के गृह देशों को भी इस मामले पर किर्गिस्तान के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। छात्रों की सुरक्षा और कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही, सांस्कृतिक समझ और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास करने चाहिए ताकि विभिन्न देशों और संस्कृतियों के छात्रों के बीच सामंजस्य बना रहे।
यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष मिलकर एक सकारात्मक समाधान तक पहुंच पाएंगे और छात्र भविष्य में भी किर्गिस्तान में सुरक्षित और सुखद तरीके से अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे।
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