लगातार करीब दो हफ्ते तक सूखे मौसम के बाद मध्य प्रदेश में आखिरकार फिर से मध्य प्रदेश मौसम का मिजाज बदल गया है। बंगाल की खाड़ी में नया लो प्रेशर बनते ही राज्य के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में बारिश का सिलसिला तेज हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में 11 जिलों में 4.5 इंच (लगभग 114 मिलीमीटर) तक बारिश का अलर्ट घोषित किया है। मंगलवार सुबह ही दमोह और मैहर में तेज बारिश हो गई। भोपाल में बादलों की घनी चादर छाई रही और उमरिया जिले में महज 9 घंटे के भीतर 2.5 इंच (करीब 63.5 मिमी) बारिश दर्ज की गई, जिससे कई जगह जलभराव देखने को मिला।
इसके अलावा, छतरपुर के नौगांव में सोमवार को 2.3 इंच पानी गिरा। दतिया, ग्वालियर, पचमढ़ी, दमोह, खजुराहो, सतना और सिवनी में भी हल्की बौछारें पड़ीं। फिलहाल सबसे भारी बारिश के खतरे की सूची में छतरपुर, सतना, पन्ना, रीवा, मैहर, दमोह, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। इन जिलों में अगले 24 घंटे हालात बिगड़ सकते हैं। मौसम विभाग ने साफ कहा है कि और भी जिलों मसलन नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, अनूपपुर, डिंडोरी, सीधी, मौगंज और रीवा में 13 अगस्त से भारी बारिश आने के आसार हैं।
बारिश के लौटते ही प्रशासन अलर्ट मोड में है। राज्य आपदा प्रबंधन टीमें संबंधित जिलों में हाई अलर्ट पर हैं। सभी कलेक्टर्स को निर्देश है कि निचले इलाकों, नदी किनारों और डैम क्षेत्रों पर अति निगरानी रखें क्योंकि बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। कई छोटे-छोटे इलाकों में पानी भरने और सड़कों के टूटने की घटनाएं सामने आ सकती हैं, इसलिए खासतौर पर ग्रामीण इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों के लोग सतर्क रहें।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बने इस लो प्रेशर सिस्टम की वजह से मानसून फिर से तेज हुआ है और इसका असर सीधे मध्य भारत के राज्यों पर पड़ रहा है। अनेक गांवों और कस्बों में बांधों, जलाशयों के जलस्तर अचानक बढ़ सकते हैं। चूंकि किसानों के लिए भी यह बारिश सुखद खबर लाएगी, खेतों में सूखे के हालात दूर होने की संभावना भी बन रही है।
इन हालात में जिन इलाकों में पहले ही पानी भर चुका है, वहां लोगों को घर से बाहर अनावश्यक न निकलने की सलाह दी गई है। उधर, प्रशासन लगातार अलर्ट जारी कर रहा है, बांधों और जलाशयों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है। तेजी से बदलते मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।
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