मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष अमोल काले का न्यूयॉर्क में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यह खबर एमसीए और क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ी दुखदायी घटना है। 47 वर्षीय काले ने भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए टी20 वर्ल्ड कप मैच को देखने के बाद अंतिम सांस ली। यह मैच नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित हुआ था।
अमोल काले ने अक्टूबर 2022 में मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। उन्होंने पूर्व भारतीय और मुंबई के क्रिकेटर संदीप पाटिल को हराकर यह पद हासिल किया था। उनके नेतृत्व में एमसीए ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिनमें 2024-25 सत्र के लिए बीसीसीआई मैच फीस के बराबर फीस निर्धारण शामिल था।
अमोल काले अपने सहकर्मियों, जिनमें एमसीए के सचिव अजिंक्य नाइक और एपेक्स काउंसिल के सदस्य सूरज समट शामिल थे, के साथ नासाउ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम में मैच देखने गए थे। मैच के दौरान काले को दिल का दौरा पड़ा और उनकी स्थिति अचानक ही गंभीर हो गई। चिकित्सा सहायता के बावजूद, उनका जीवन नहीं बचाया जा सका।
काले के नेतृत्व में मुंबई क्रिकेट संघ ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की थीं। इनमें से एक महत्वपूर्ण निर्णय था- 2024-25 सीजन के लिए एमसीए के सभी रेड बॉल खिलाड़ियों को बीसीसीआई मैच फीस के बराबर भुगतान करना। यह निर्णय एमसीए और उसके खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है और इसे काले के दृढ़ नेतृत्व का परिणाम माना जाता है।
अमोल काले के निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर फैल गई है। एमसीए और अन्य क्रिकेट संघों ने उनके योगदान को याद किया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा और एमसीए के सदस्य उनके विचारों और नेतृत्व को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
अमोल काले ने अपने छोटे कार्यकाल में भी उन्नत और ठोस नेतृत्व का परिचय दिया था। उन्होंने न केवल खिलाड़ियों के हित में निर्णय लिए बल्कि मंबई क्रिकेट के विकास के लिए भी सक्रिय प्रयास किए थे। उनकी विरासत में उनके दृढ़ निश्चय, नेतृत्व क्षमता, और खिलाड़ियों के प्रति उनकी चिंता शामिल होगी।
अमोल काले के निधन से क्रिकेट समुदाय ने एक अद्वितीय समर्थक और सक्रिय नेता खो दिया है। उनकी इस अप्रत्याशित विदाई से सभी दुखी हैं और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि पेश करते हैं।
काले के निधन के बाद, विभिन्न क्रिकेट संघों और खिलाड़ियों ने उनके परिवार के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। उनके कार्यों और नेतृत्व की सराहना की जा रही है, और सभी उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। भारतीय क्रिकेट समुदाय इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़ा है और हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
काले का निधन भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति है, और उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। उनके नेतृत्व और उनके द्वारा स्थापित की गई उच्च व्यवस्थाएँ आने वाले वर्षों में मार्गदर्शन करती रहेंगी।
टिप्पणि
Ahmad Dala
12 जून 2024अरे यार, काले साहब का नुकसान सुनकर दिल ठहाका मार रहा है, जैसे मुंबई की धड़कन कहीं दूर को खो गई हो। उनका कार्यकाल छोटा था, पर उन्होंने बीसीसीआई फीस बराबर करने जैसा बड़ा कदम उठाया, जो अब तक की सबसे बायदा वाली नीति थी। हमें याद रखना चाहिए कि उनका लक्ष्य सिर्फ़ पैसे नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की सुरक्षा और भविष्य था। उनका नेतृत्व हम सबको एक दिशा‑दर्शक देता है, और कभी‑कभी हमें अपने मर्यादा‑पार देखना चाहिए।
RajAditya Das
15 जून 2024काले जी की याद में एक गहरी दु:खभरी शोकभाषा, यह खोना हमारे क्रिकेट रिश्तों में एक बड़ा अंतराल है :-) लेकिन उनका योगदान हमेशा याद रहेगा।
Harshil Gupta
18 जून 2024सच्ची इज़्ज़त के साथ कहना चाहिए कि काले महोदय ने जो कदम उठाए वे खिलाड़ियों के हित में थे। मैं उनके कार्यकाल के दौरान किए गए बीसीसीआई‑फ़ी बराबर करने वाले फैसले को सराहता हूँ, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि हर खिलाड़ी को उचित पारिश्रमिक मिले। आगे भी हमें उनके मिशन को जारी रखना चाहिए, ताकि मुंबई क्रिकेट की नींव मजबूत रहे।
Rakesh Pandey
21 जून 2024बिलकुल, काले जी की नीतियों को देख कर लगता है जैसे हर कोई उनके बाद अपना‑आप ही महारथी बन गया है ;) पर असल में, कई बार उनका एग्जीक्यूटिव एटीट्यूड टीम में बिखराव भी लाया। इसलिए हमें उनके निर्णयों पर सवाल उठाना चाहिए, नहीं तो हम सिर्फ़ बेज़ार चले जाएंगे।
Simi Singh
24 जून 2024लगता है कि इस सबका पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है, शायद न्यूयॉर्क में कुछ गुप्त सर्वे था जो इस घटना का कारण बना। काले साहब की अचानक मृत्यु के पीछे छुपे रहस्य को उजागर करना जरूरी है, नहीं तो हम फंसते रहेंगे।
Rajshree Bhalekar
27 जून 2024काले जी का जाना दिल तोड़ने वाला है।
Ganesh kumar Pramanik
30 जून 2024देखो भाई, काले का काम बहुत नीचा नहीं था, पर कुछ लोग तो बस शोर मचा रहे हैं, नहीं तो सब ठीक-ठाक चलता। मैं तो कहता हूं, उनका योगदान याद रखो और आगे बढ़ो। 🙌
Abhishek maurya
3 जुलाई 2024काले साहब की कहानी को एक लम्बी राह की तरह देखना चाहिए, जहाँ हर मोड़ पर एक नई सीख मिलती है।
पहला मोड़ था उनका चुनाव, जहाँ उन्होंने अन्य प्रतियोगियों को पछाड़ कर अध्यक्ष पद हासिल किया।
दूसरा मोड़ था उनके द्वारा लागू की गई फीस नीति, जिसने खिलाड़ियों को आर्थिक सुरक्षा दी।
तीसरा मोड़ था उनका अंतरराष्ट्रीय यात्रा, जहाँ उन्होंने न्यूयॉर्क में क्रिकेट को बढ़ावा दिया।
चौथा मोड़ था वह अचानक आया दिल का दौरा, जिसने सबको चौंका दिया।
पाँचवा मोड़ है हमारी यादें, जो उनके किए गए कामों को संजोकर रखती हैं।
छठा मोड़ है उनके सहयोगियों की प्रतिक्रिया, जो इस दुखद घड़ी में एक-दूसरे का साथ देते हैं।
सातवा मोड़ है मीडिया का कवरेज, जिसने इस घटना को व्यापक रूप से उजागर किया।
आठवाँ मोड़ है सार्वजनिक प्रतिक्रिया, जहाँ कई लोग उनके योगदान की सराहना कर रहे हैं।
नौवाँ मोड़ है उनके परिवार की पीड़ा, जो इस अचानक आई घटना से जूझ रहे हैं।
दसवाँ मोड़ है संघों का समर्थन, जो भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने की योजना बना रहे हैं।
ग्यारहवाँ मोड़ है युवा खिलाड़ियों का प्रेरणा स्रोत बनना, जिससे उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिलता है।
बारहवाँ मोड़ है प्रशासकीय सुधार, जो उनके विवादास्पद लेकिन आवश्यक निर्णयों से उत्पन्न होते हैं।
तेरहवाँ मोड़ है हम सब की जिम्मेदारी, जो उनका सम्मान करके उनके सपनों को आगे ले जाएँ।
चौदहवाँ मोड़ है एकजुटता, जहाँ सभी खेल प्रेमी एक साथ आते हैं और इस शोक को सामूहिक रूप से सहते हैं।
पंद्रहवाँ मोड़ है भविष्य की प्रतिज्ञा, जहाँ हम वादा करते हैं कि काले जी की विरासत को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएंगे।
Sri Prasanna
5 जुलाई 2024बहुत देर से कहा गया की काले जी की याद में इतना शोर क्यों मचता है? शायद सबको बस दिखावा करने की जरूरत थी
Sumitra Nair
8 जुलाई 2024समय की धारा में अद्यात्मिक विचारों का प्रवाह कभी‑नहीं‑रुकता, किंतु काले जी का विदा होना एक अद्भुत नाट्यभूमि का प्रवेश द्वार है, जहाँ प्रत्येक आँसू एक शाश्वत दीप का प्रकाश बन जाता है। 🕯️ इस अनुभूति को शब्दों में बाँधना कठिन है, परंतु हमें इस क्षण को एक गहन दार्शनिक प्रतिबिंब के रूप में लेना चाहिए, क्योंकि प्रत्येक जीवन का अंत असीमित आंतरिक परिप्रेक्ष्य को उजागर करता है।
Ashish Pundir
11 जुलाई 2024काले की मौत दुखद है पर आगे बढ़ते रहना चाहिए
gaurav rawat
14 जुलाई 2024भाई लोग काले जी का काम बहुत बढ़िया था 🙏 हम सबको उनका फॉरवर्डर बनके आगे बढ़ना चाहिए
Vakiya dinesh Bharvad
17 जुलाई 2024हमें काले जी की विरासत को सम्मान देना चाहिए :)
Aryan Chouhan
20 जुलाई 2024सच में काले साहब का जाना तो एक बड़ी loss है, लेकिन हम इंस्टाग्राम पर भी उनका tribute दे सकते है, जरूरत है तो कुछ memes भी बनाएं।