महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे इन दिनों मूसलाधार बारिश का सामना कर रही है, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह से बाधित हो गया है। बुधवार को रात्रि भर में हुई भारी वर्षा से शहर में 200 मिमी से अधिक पानी दर्ज किया गया। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि भारत मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया। इस स्थिति को देखते हुए पुणे जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश की घोषणा की।
इस भारी वर्षा के कारण शहर में अनेक स्थानों पर पानी भर गया है, जिससे आम जनता को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोग घुटनों से लेकर कमर तक पानी में चलते हुए देखे गए। बारिश के कारण दोपहिया और चारपहिया वाहन पूरी तरह पानी में डूब गए।
भारी बारिश के चलते खडकवासला बांध से 40,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया। पुणे महानगरपालिका (PMC) और पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (PCMC) ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है। जिला कलेक्टर डॉ. सुहास दिऊसे ने स्थिति पर अपनी नजर बनाये रखी है।
शहर से गुजरने वाली मुला-मुथा नदी कई स्थानों पर उफान पर है। प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे से दूर रहने की अपील की है। लवासा और लोनावला जैसे हिल स्टेशन पर भी 300 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है।
पकड़ी और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अनेक तालुका जैसे भोर, वेल्हे, मावळ, मुळशी, हवेळी और पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली और सातारा जिले शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री और संरक्षक मंत्री अजीत पवार ने स्थिति की समीक्षा की और लोगों से सतर्क रहने की अपील की।
पुणे की इस आपात स्थिति में प्रशासन की आवाजाही और बचाव कार्य तार्किक और संगठित तरीके से चल रही है, और यह कोशिश की जा रही है कि जनजीवन पर कम से कम प्रभाव पड़े।
बारिश के कारण पुणे में जनजीवन ठप सा हो गया है। प्रशासन की मुस्तैदी और जनता की सतर्कता ही इस स्थिति से उबरने में सहायक साबित होगी। भारी बारिश के साथ तालुका और जिले की स्तर पर किये गए उपाय पर्याप्त साबित होंगे या नहीं, यह समय ही बतायेगा। एक बात स्पष्ट है, प्रकृति का प्रकोप फिर से सामान्य जीवन को प्रभावित कर रहा है।
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