बेंगलुरु के BCCI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ग्राउंड में दुलेप ट्रॉफी के सेमीफाइनल में दक्षिण ज़ोन ने उत्तर ज़ोन को 536 रन से आगे बढ़ाया। इस पारी में Narayan Jagadeesan ने 197 रन की जबरदस्त पारी लगाई। 352 गेंदों पर उन्होंने 16 चौके और दो छक्के मार कर प्रतिपक्षी गेंदबाजों को पनपे से नहीं दिया। तीन रनों से दूरी पर रहकर वह दोहरा शतक हासिल करने से चूक गए, लेकिन उनका सत्र तब तक यादगार रहेगा जब तक वह मैदान से बाहर नहीं हो गया।
जैगाड़ेसेन के साथ रिकी भुई और तानय थ्यागरजैन ने भी अर्धशतक बनाकर खेल को संतुलित किया। उनका संयोजन दक्षिण ज़ोन को एक बड़ी पहली पारी दिलाने में मददगार साबित हुआ। उत्तर ज़ोन की तेज गेंदबाज़ी बहुत जल्दी ही निष्फल हो गई, क्योंकि बॉलर्स ने पिच की मदद नहीं ली और कोई भी सार्थक गति या लुढ़क नहीं दिखा पाए।
स्पिनर निशांत सिंधु ने 48 ओवरों में 5 विकेट लिये, 5/125 के आंकड़े बनाए। वह 2022 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के विजेता टीम का भी हिस्सा रहा है। उनके अलावा अंशुल कांबोज ने दो विकेट लिये, लेकिन बाकी गेंदबाज़ों को लाखों में कोई खास सफलता नहीं मिली।
यह पारी Jagadeसन के टेस्ट करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। रिषभ पैंट की चोट और ध्रुव जूरेल को पहला विकल्प बनाते हुए, भारतीय चयनकर्ता अब दूसरे विकेटकीपर की तलाश में हैं। इस पृष्ठभूमि में Jagadeesan को भारत की वेस्ट इंडीज़ टेस्ट श्रृंखला में दूसरा विकल्प घोषित किया गया है।
इशान किशन का हालिया प्रदर्शन ठीक नहीं रहा; दक्षिण अफ़्रीका टूर के दौरान उन्होंने ब्रेक ले लिया और तब से सीमित प्रथम‑क्लास क्रिकेट खेला है। चयनकर्ता अजीत अग्रकार ने कहा कि किशन को घरेलू स्तर पर लगातार रन बनाकर ही वापसी का मौका मिलेगा। वहीं संजू सैमसन ने केरल के लिए रेड‑बॉल क्रिकेट में निरंतर भाग नहीं लिया और दुलेप ट्रॉफी में दक्षिण ज़ोन की टीम में भी नहीं चुने गए।
जैगाड़ेसेन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह आगे बढ़ते हुए दबाव नहीं चाहेंगे। उनका कहना था कि वह खेल का आनंद लेना चाहते हैं और टीम के चयन में कई कारणों का असर रहता है। कोयम्बटूर में श्री रामकृष्ण क्रिकेट ट्रस्ट अकादमी के कोच एजी गुरुस्वामी ने इस पारी के लिए उनके कड़ी मेहनत पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नेट प्रैक्टिस में उन्होंने बहुत समय बिताया और यह मेहनत अब फल में बदल रही है।
भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, यदि Jagadeesan लगातार बड़े स्कोर बनाते रहें तो उनका टेस्ट में जगह बनना लगभग निश्चित है। भारत की वेस्ट इंडीज़ सीरीज में शुरुआती दो मैचों में उन्हें ध्रुव जूरेल के साथ साझेदारी में देखना संभव हो सकता है। इस प्रकार, दुलेप ट्रॉफी में उनका यह अभूतपूर्व प्रदर्शन न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उनकी संभावनाओं को भी सुदृढ़ करता है।
एक टिप्पणी लिखें