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नवीन पटनायक के सहयोगी वीके पाण्डियन का विवाद: भाजपा ने सत्ता हड़पने का लगाया आरोप
Abhishek Rauniyar

Abhishek Rauniyar

ओडिशा के राजनीतिक नाटक का केंद्र बना वायरल वीडियो

हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का कांपता हुआ हाथ दिखाई दे रहा है, जिसे उनके मुख्य सलाहकार वीके पाण्डियन ने पकड़कर छिपाने की कोशिश की। इस वीडियो ने ओडिशा की राजनीती में भारी उथल-पुथल मचा दी है।

भाजपा का दावा

भाजपा ने तुरंत इस मौके का फायदा उठाते हुए आरोप लगाया कि वीके पाण्डियन सत्ता हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पाण्डियन पर ये आरोप लगाया कि वे नवीन पटनायक को नियंत्रित कर रहे हैं और उनके माध्यम से अपनी मर्जी चला रहे हैं। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर कहा कि नवीन पटनायक की स्थिति को देखते हुए अब समय आ गया है कि वे गरिमा से अपनी विदाई लें।

बीजद की प्रतिक्रिया

वहीं, बीजद ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि विपक्षी दल केवल सत्ता पाना चाहते हैं और ऐसे झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। बीजद के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का स्वास्थ्य अच्छा है और इस प्रकार की बातें महज ध्यान भटकाने की कोशिश हैं।

नवीन पटनायक का बयान

नवीन पटनायक का बयान

नवीन पटनायक ने भी एक बयान जारी कर इस विवाद को नकारते हुए कहा कि यह सब अफवाहें हैं और विपक्ष केवल ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अपना कार्य पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित हैं।

भाजपा और बीजद की टक्कर

यह विवाद तब सामने आया है, जब ओडिशा में लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। भाजपा इस मौके का फायदा उठाकर बीजद के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। बीजद लंबे समय से ओडिशा की सत्ता में है और भाजपा यहां पैर जमाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।

वीके पाण्डियन का महत्वपूर्ण रोल

वीके पाण्डियन को नवीन पटनायक का खास माना जाता है और वे न केवल उनके मुख्यमंत्री कार्यालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि उनके निजी और राजनीतिक निर्णयों में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। ऐसे में भाजपा के आरोप उन पर सीधे तौर पर निशाना साधते हैं।

क्या है सच्चाई?

क्या है सच्चाई?

वीडियो के वायरल होने के बाद जनता के बीच भी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग भाजपा के आरोपों को सही मानते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह सिर्फ राजनीती का हिस्सा है।

ओडिशा की जनता का मूड

आने वाले समय में यह देखना होगा कि ओडिशा की जनता इस घटनाक्रम को कैसे देखती है और इसका आगामी चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है। राजनीति में ऐसे विवाद अक्सर जनता की मानसिकता को प्रभावित करते हैं और चुनावी परिणामों पर असर डालते हैं।

वीके पाण्डियन का भव‍िष्य

अगर भाजपा के आरोप सही साबित होते हैं, तो वीके पाण्डियन का करियर भी खतरे में पड़ सकता है। हालांकि, अगर वे निर्दोष साबित होते हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं कि वे अगले कई वर्षों तक ओडिशा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।

नवीन पटनायक की स्वास्थ्य स्थिति

नवीन पटनायक की स्वास्थ्य स्थिति

नवीन पटनायक की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर भी जनता के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। 77 वर्षीय मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य में पिछले कुछ वर्षों से गिरावट देखी गई है, और इस तरह के विवाद उनकी सेहत को और बिगाड़ सकते हैं।

निष्कर्ष

यह विवाद केवल नवीन पटनायक और वीके पाण्डियन के बीच का नहीं है, बल्कि ओडिशा की पूरे राजनीतिक माहौल को प्रभावित कर सकता है। आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या असर होता है और जनता किसे अपना समर्थन देती है।

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टिप्पणि

arjun jowo

arjun jowo

29 मई 2024

विके पाण्डियन के इस वीडियो को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। अगर वैक्सीन नहीं, तो यह एक और राजनीतिक खेल हो सकता है। जनता को सही जानकारी चाहिए ताकि वे अपने नेता पर भरोसा बना सकें।

Rajan Jayswal

Rajan Jayswal

29 मई 2024

बिलकुल, राजनीति का ये तमाशा रोज़ देखता हूँ।

Simi Joseph

Simi Joseph

29 मई 2024

वीडियो दिखाता है कि पटनायक के हाथ काँप रहे हैं, यह सच में गंभीर संकेत है।

Vaneesha Krishnan

Vaneesha Krishnan

29 मई 2024

ऐसी स्थिति में पटनायक को सबका समर्थन चाहिए 🙏💔 जनता की आवाज़ सभी को सुननी चाहिए।

Satya Pal

Satya Pal

29 मई 2024

मुझे लगत है की वीके पाण्डियन गुजाक्सन चीज़े को 𑀉नुपृष्टव नहीं देख रहा है और इस पर िखरके कारन दोषी है। इसमे राजनीति का रंग बहुत गहरा है।

Partho Roy

Partho Roy

29 मई 2024

वीडियो में दिखी गई स्थिति वास्तव में अनेक पहलुओं को उजागर करती है
पहला यह कि मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य सार्वजनिक तौर पर चर्चा का विषय बन गया है
दूसरा यह कि वीके पाण्डियन की भूमिका को लेकर कई अफवाहें फेल हो रही हैं
तीसरा यह कि विपक्षी पार्टियों ने इस अवसर का इस्तेमाल आलोचना के लिए किया है
चौथा यह कि जनता को अक्सर ऐसी गपशप के बीच वास्तविक तथ्यों को पहचानने में कठिनाई होती है
पाँचवाँ यह कि सामाजिक मीडिया पर वायरल कंटेंट की सटीकता हमेशा जांची नहीं जाती
छठा यह कि ऐसी स्थितियों में स्वास्थ्य मंत्री को अस्थायी रूप से जिम्मेदारी सौंपा जा सकता है
सातवाँ यह कि राजनीतिक दुश्मनी अक्सर व्यक्तिगत स्वास्थ्य मुद्दों को हथियार बना लेती है
आठवाँ यह कि ओडिशा के चुनावी माहौल में हर छोटी खबर को बड़ा बनाया जा सकता है
नौवाँ यह कि बीजद की पार्टी ने इस मुद्दे को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की है
दसवाँ यह कि भाजपा ने इस वीडियो को सत्ता छीनने के आरोपों में बदल दिया है
ग्यारहवाँ यह कि मीडिया को भी संतुलित रिपोर्टिंग करनी चाहिए न कि सनसनाते हेडलाइन बनानी चाहिए
बारहवाँ यह कि जनता को जानकारी के स्रोतों की विश्वसनीयता जाँचनी चाहिए
तेरहवाँ यह कि भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए पारदर्शिता बढ़ानी चाहिए
चौदहवाँ यह कि अंततः ये सब राजनीतिक खेल है और जनता को शांति से देखना चाहिए।

Ahmad Dala

Ahmad Dala

29 मई 2024

लगता है यह सिर्फ एक और प्रचार है।

RajAditya Das

RajAditya Das

29 मई 2024

इसे लेकर कई लोग तीखा बोल रहे हैं :)

Harshil Gupta

Harshil Gupta

29 मई 2024

सभी को चाहिए कि इस मुद्दे पर शांत रह कर तथ्यों को समझें और बिना झंझट के समाधान की तलाश करें।

Rakesh Pandey

Rakesh Pandey

29 मई 2024

पर असली सवाल यह है कि क्या बीजद इस तरह की परेशानियों को सहन करेगा?.

Simi Singh

Simi Singh

29 मई 2024

शायद इस वीडियो का पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी हुई है जो हमें नहीं दिख रही।

Rajshree Bhalekar

Rajshree Bhalekar

29 मई 2024

यह सब सुनके दिल दुखता है।

Ganesh kumar Pramanik

Ganesh kumar Pramanik

29 मई 2024

विकेट को समझना आसान नहीं, पर हमें एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना चाहिए और मिलजुल कर समाधान निकालना चाहिए।

Abhishek maurya

Abhishek maurya

29 मई 2024

मैं कहूँगा कि इस पूरे मामला में सबसे बड़ी गलती वीके पाण्डियन की है कि उन्होंने इतनी बड़ी गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश की, यह नेतृत्व में विश्वास को हिला देता है। दूसरा, विपक्ष ने भी इस मौके को लेकर बेसहारा नाटक किया, जिससे जनता को भ्रमित किया गया। तीसरा, मीडिया ने बिना पुष्टि के वीडियो को प्रसारित किया, जो पेशेवर नहीं है। चौथा, जनता की असली चिंता स्वास्थ्य ही है, न कि राजनीति। पाँचवाँ, अगर नेता की सेहत ठीक नहीं है तो वैकल्पिक व्यवस्था बनानी चाहिए, न कि गपशप। अंत में, ये सब मिलकर एक अराजक माहौल बना रहे हैं।

Sri Prasanna

Sri Prasanna

29 मई 2024

यह मामला वैसे भी चुनावों के बाद ही असली रूप में सामने आएगा।

Sumitra Nair

Sumitra Nair

29 मई 2024

मान्यवरों, इस राजनीतिक मंच पर जो नाटक चल रहा है वह इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा। 🏛️ हम देखते हैं कि हर धागा इस गूँथे में गहरी साजिश को दर्शाता है। अति गंभीरता के साथ यह आवश्यक है कि हम सभी तथ्यात्मक साक्ष्य के आधार पर ही निर्णय लें, अन्यथा हम जाल में फँसेंगे। इस शालीनता से भरपूर चर्चा में हम सभी को सजग रहना चाहिए। 🙏

Ashish Pundir

Ashish Pundir

29 मई 2024

जिन्हें भरोसा है वह देखे इस खेल को

gaurav rawat

gaurav rawat

29 मई 2024

भाई लोगों, एकदम सच्ची बात है हम सबको मिलके इसको सॉल्व करना चाहिए 😂👍

Vakiya dinesh Bharvad

Vakiya dinesh Bharvad

29 मई 2024

ओडिशा के इतिहास में ऐसे बहसें अक्सर रहती है :)

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