ग्लोबल अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा के मुद्दे हर साल G7 देशों की टेबल पर आते हैं. अगर आप जानना चाहते हैं कि इस साल का एजनडा क्या है और कौन‑से फैसले सामने आए, तो पढ़िए ये लेख.
इस बार के शिखर में सबसे बड़ी चर्चा ऊर्जा की कीमतों पर रही. यूरोप के कई देश अभी भी उच्च गैस मूल्य से जूझ रहे हैं, इसलिए सभी ने सस्ती और साफ़ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया. साथ ही, विश्व भर में बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए टैक्स नीति, डिजिटल कर और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता पर भी बात हुई.
जलवायु परिवर्तन ने हर सरकार को सतर्क किया है. इस साल G7 ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को आधा कम करने का लक्ष्य दोबारा ज़ोर दिया. नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और एशिया‑पैसिफ़िक देशों के साथ सहयोग भी एजेंडा में था.
भू-राजनीतिक तनावों को लेकर भी चर्चा हुई. यूरोपीय संघ ने रूस‑यूक्रेन स्थिति, चीन की व्यापार नीतियों और Indo‑Pacific क्षेत्र की सुरक्षा पर अपने विचार रखे. इस मंच से कई बाइलेटरल मुलाक़ातें हुईं, जिसमें भारत के प्रतिनिधि भी शामिल थे.
भारत ने G7 में एक सहयोगी के रूप में भाग लिया और अपनी आर्थिक वृद्धि व जलवायु लक्ष्यों को साझा किया. भारतीय प्रतिनिधियों ने बताया कि कैसे "अटल ऊर्जा सुरक्षा" योजना से देश का गैस आयात घटाया जा रहा है. साथ ही, भारत की स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने वाले पहल को भी सराहा गया.
एक खास बात जो इस साल सामने आई, वो थी डिजिटल टैक्स पर सामंजस्य। भारत ने बताया कि कैसे अपने टेक कंपनियों के लिए समान नियम बनाकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पारदर्शिता लाना चाहता है. G7 देशों ने इस दृष्टिकोण को सकारात्मक रूप से लिया और आगे की बातचीत का वादा किया.
अगर आप भारतीय दर्शकों के लिये इस शिखर के असर को समझना चाहते हैं, तो ध्यान देना होगा कि आर्थिक सहयोग, निवेश अवसर और पर्यावरणीय पहलें भारत में कैसे लागू हो सकती हैं. कई बड़ी कंपनियों ने G7 से प्रेरित होकर भारत में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की घोषणा भी कर दी है.
समाप्ति में, G7 शिखर सम्मेलन सिर्फ बड़े नेताओं का मंच नहीं, बल्कि आम लोगों के रोज़मर्रा जीवन को प्रभावित करने वाले फैसले लेता है. आप चाहे निवेशक हों, पर्यावरण कार्यकर्ता हों या सामान्य पाठक, इस शिखर से निकलने वाली खबरें आपके निर्णयों में मदद कर सकती हैं.
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इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने G7 शिखर सम्मेलन के दौरान मेहमानों का भारतीय पारंपरिक 'नमस्ते' से स्वागत किया। सोशल मीडिया पर इस वीडियो ने धूम मचा दी और लोगों ने भारतीय अभिवादन की सराहना की। यह घटना कोरोनावायरस महामारी के समय के दौरान गैर-शारीरिक अभिवादन की यादें ताजा करती है।
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