जब बात जम्मू शिक्षा विभाग, जम्मू‑कश्मीर में शैक्षिक नीतियों, स्कूल संचालन और छात्र कल्याण की देखरेख करने वाली सरकारी संस्थान. इसे अक्सर शिक्षा मंत्रालय भी कहा जाता है, तो समझना आसान हो जाता है कि यह विभाग किन‑किन पहलुओं को संभालता है। यह विभाग स्कूल, शिक्षा के मूलभूत संस्थान जहाँ कक्षा‑स्तर की पढ़ाई होती है की मानकों को सेट करता है, शिक्षक, वह प्रोफेशनल जो छात्रों को ज्ञान और कौशल सिखाता है के प्रशिक्षण को अनिवार्य बनाता है, और सरकारी शिक्षा योजना, राज्य‑स्तर के कार्यक्रम जो छात्र अभिलेख, बुनियादी सुविधाएँ और विशेष सहायता प्रदान करते हैं को लागू करता है। इन सबके बीच छात्र, सिखने वाले युवा जो शिक्षा प्रणाली के मुख्य लाभार्थी हैं का भविष्य सीधे जुड़ा है।
जम्मू शिक्षा विभाग के कार्य का विस्तार दो मुख्य क्षेत्रों में दिखता है: शैक्षणिक गुणवत्ता और पहुँच। गुणवत्ता के संदर्भ में, विभाग नियमित रूप से शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है ताकि अध्यापकों के शिक्षण‑पद्धति में नवीनतम तकनीक और पेडागॉजिकल अपडेट शामिल हो सकें। साथ ही, विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड, जैसे डिजिटल क्लासरूम और विज्ञान लैब, छात्रों को व्यावहारिक सीखने के अवसर प्रदान करते हैं। पहुँच की बात करें तो, दूरदराज़ क्षेत्रों के स्कूलों को बिजली, इंटरनेट और पुस्तकालय सामग्री से सुसज्जित करने के लिए विशेष योजनाएँ चल रही हैं। यह स्पष्ट है कि सरकारी शिक्षा योजना के बिना इन सुधारों की कल्पना मुश्किल है; ये योजनाएँ फंडिंग, मॉनिटरिंग और समय‑समय पर मूल्यांकन पर निर्भर करती हैं।
पिछले साल विभाग ने स्कूल छुट्टियों की टाइम‑टेबल, स्थानीय कैलेंडर जो छात्रों को ब्रेक और परीक्षा की तैयारी में मदद करता है को अपडेट किया, जिससे रूटीन में लचीलापन आया। इस बदलाव ने अभिभावकों को छुट्टियों की सही तिथियों का भरोसा दिया और छात्रों को शैक्षणिक योजना बनाने में सहूलियत मिली। दूसरे बड़े कदम में, विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क एन्क्लोजर लाइब्रेरी शुरू की, जिससे छात्र, मुख्य रूप से सीमित संसाधनों वाले बच्चे को अतिरिक्त सीखने के संसाधन मिले। इन प्रयासों ने ऋजु‑संकुचन को कम किया और शिक्षण‑समग्री की समान वितरण को बढ़ावा दिया।
इन सभी प्रयासों का समग्र लक्ष्य यह है कि जम्मू‑कश्मीर में शिक्षा का स्तर राष्ट्रीय औसत के बराबर हो और प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापूर्ण सीखने का अवसर मिले। अब आप नीचे दिए गए लेखों में विस्तार से देखेंगे कि कैसे ये नीतियाँ वास्तविकता में लागू हो रही हैं, स्नातक परीक्षाओं के परिणाम, नई तकनीकी पहल और आगामी योजनाओं की रूपरेखा। आगे पढ़ते हुए आपको मिलेगा वे जानकारी जो आपके शिक्षण या सीखने की यात्रा को ठोस दिशा देगी।
दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश और जम्मू में 6‑7 अक्टूबर को मौसम के कारण स्कूल बंद हुए, साथ ही वैल्मीकी जयंती का अवकाश भी मिला, जिससे छात्रों को लंबा ब्रेक मिला।
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