अगर आप छोटा व्यापारी या स्टार्ट‑अप चला रहे हैं, तो बैंक का भरोसा अक्सर नहीं मिलता। ऐसे में सरकार की क्रेडिट गारंटी योजना आपके लिए फाइनेंसिंग का आसान रास्ता बन जाती है। ये योजनाएँ आपका बैकअप देती हैं – अगर आप भुगतान नहीं कर पाए भी, तो गारंटी संस्था बैंकों को पैसा देती है, इसलिए बैंक डरते नहीं और आपको लोन दे देते हैं।
भारत में दो बड़े स्कीम्स खासे लोकप्रिय हैं:
इन सभी योजनाओं की मंजूरी प्रोसेस तेज़ और दस्तावेज कम रखी गई है, इसलिए छोटे व्यवसायियों को देर नहीं लगती।
1. **उपयुक्त योजना चुनें** – अगर आपका कारोबार 5 क्रोड़ तक का है तो CGTMSE बेहतर रहेगा, जबकि 10‑20 क्रोड़ प्रोजेक्ट के लिए स्टैंड अप इंडिया देखें।
2. **डॉक्यूमेंट तैयार करें** – पहचान प्रमाण (Aadhaar), पैन कार्ड, व्यापार पंजीकरण, बैलेंस शीट और पिछले दो सालों का टैक्स रिटर्न चाहिए।
3. **बैंक या वित्तीय संस्थान के पास जाएँ** – गारंटी एजेंसी की लिस्ट आधिकारिक साइट पर मिल जाएगी, वहाँ से निकटतम शाखा चुनें।
4. **ऑनलाइन फॉर्म भरें** – कई बैंकों ने अब डिजिटल एप्लिकेशन लॉन्च किया है; बस कुछ मिनट में सब अपलोड कर दें।
5. **स्वीकृति और डिस्बर्समेंट** – दस्तावेज़ ठीक रहेंगे तो 7‑10 कार्यदिवस में लोन आपके खाते में आ जाएगा।
ध्यान रखें, गारंटीड लोन मिलने के बाद भी समय पर भुगतान करना जरूरी है, नहीं तो भविष्य में आपकी क्रेडिट स्कोर घट सकती है और नई फाइनेंसिंग मुश्किल हो जाएगी। साथ ही, कई राज्य सरकारें इस योजना के तहत ब्याज सब्सिडी या टैक्स रिबेट देती हैं – इनका लाभ उठाने के लिए अपने अकाउंटेंट से पूछ लें।
सारांश में, क्रेडिट गारंटी योजनाएँ छोटे उद्यमियों को बैंक का भरोसा दिलाती हैं और बिना बड़ी जमानत के फंडिंग आसान बनाती हैं। अगर आप अभी तक इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे, तो ऊपर बताए गए चरणों को फॉलो करके जल्दी से आवेदन कर सकते हैं। याद रखें, सही योजना चुनना और दस्तावेज़ी तैयारियों पर ध्यान देना ही सफलता की कुंजी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की। ₹100 करोड़ की क्रेडिट गारंटी योजना, MUDRA लोन सीमा में वृद्धि, और MSMEs के लिए विभिन्न वित्तीय सहायता को बजट में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
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