अगर आप एनिमेशन पसंद करते हैं तो हायाओ मियाज़ाकी का नाम सुनते ही दिमाग में रंगीन दुनिया आती है। 2024 में उन्हें रमन मैगसेस पुरस्कार मिला, जो एशिया के नॉबेल जैसा माना जाता है। इस लेख में हम देखेंगे कि यह सम्मान क्यों महत्वपूर्ण है और मियाज़ाकी की फ़िल्मों ने किस तरह दिल जीत लिए हैं।
मियाज़ाकी ने छोटे‑छोटे गाँवों से लेकर बड़े शहरों तक कई कहानियों को स्क्रीन पर लाया है। उनके काम की खास बात यह है कि वह प्रकृति, मानवीय भावनाओं और जादू को एक साथ जोड़ते हैं। "स्पिरिटेड अवे" या "किंडरगार्टेन फेस्टिवल" जैसी फ़िल्में बच्चों से लेकर बड़े तक सबको आकर्षित करती हैं। उनका तरीका सरल है – कहानी में दिल की आवाज़ सुनना, फिर उसे चित्रों के जरिए दिखाना।
रमन मैगसेस पुरस्कार जीतने से पहले भी मियाज़ाकी कई अंतरराष्ट्रीय फ़ेस्टिवल्स में नाम कमा चुके थे। लेकिन इस साल उनका सम्मान विशेष है क्योंकि यह एशिया के सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है। युवा एनिमेटर्स ने कहा कि मियाज़ाकी की फिल्में उन्हें अपने काम में नया प्रयोग करने का हौसला देती हैं। उनकी शैली आसान नहीं, पर वही इसे खास बनाती है – छोटे‑छोटे विवरणों में बड़ी कहानी छुपी होती है।
यह पुरस्कार सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं है, बल्कि मियाज़ाकी के काम को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का जरिया भी बनता है। कई स्कूल अब उनकी फ़िल्में पढ़ाई में शामिल कर रहे हैं ताकि बच्चे कला और विज्ञान दोनों को समझ सकें। इस तरह से उनका असर शिक्षा क्षेत्र में भी दिख रहा है।
अगर आप मियाज़ाकी की फ़िल्म देखना चाहते हैं, तो सबसे आसान तरीका ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर खोज करना है। कई क्लासिक एनीमेशन अब स्ट्रीमिंग सेवाओं पर उपलब्ध हैं और कुछ नए प्रोजेक्ट्स अभी निर्माणाधीन हैं। एक बार देखें, फिर आपको पता चल जाएगा कि क्यों उनका काम हमेशा दिल को छूता है।
समाप्ति में कहें तो मियाज़ाकी की कहानी सिर्फ फिल्म नहीं, बल्कि जीवन का एक तरीका है। उन्होंने हमें सिखाया कि छोटी‑छोटी चीज़ों में भी बड़ा जादू हो सकता है। रमन मैगसेस पुरस्कार उनके इस विचार को और भी मजबूत करता है और भविष्य के कलाकारों को प्रेरित करेगा।
इंटर मियामी के स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी बाएं घुटने में लगी चोट के कारण बुधवार की रात ऑरलैंडो सिटी के खिलाफ हुए 0-0 से ड्रॉ रहे मैच में नहीं खेले। मेस्सी की अनुपस्थिति का प्रभाव अहम रहा और टीम आक्रमण पैदा करने में संघर्ष करती दिखी।
आगे पढ़ें