आपने शायद टीवी पर या सोशल मीडिया में भारतीय पैरालिम्पियन की ताली देखी होगी, लेकिन उनका सफर कितनी मेहनत से बना है, यह कम लोग जानते हैं। छोटे-छोटे गाँवों से लेकर बड़े शहरों तक, ये एथलीट अपने सपनों को हकीकत बनाने के लिए दिन‑रात ट्रेनिंग करते हैं। इस लेख में हम उनके हालिया प्रदर्शन, मुख्य मेडल जीतने वाले और आने वाले इवेंट की तैयारी पर बात करेंगे – ताकि आप पूरी तस्वीर समझ सकें।
टोक्यो 2020 (2021 में हुआ) में भारत ने कुल पाँच मेडल जीते: दो सोने, एक चाँदी और दो कांस्य। सबसे बड़ी खुशी मिली अंबुज सिंह के लाइटवेट पावरलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक से – वह पहली बार भारतीय पैरालिम्पियन बन गये। फिर थे मारिया डेविस, जिन्होंने 1500 मीटर रेस में कांस्य जता कर धीरज की कहानी लिखी। इन जीतों ने देशभर में पैरालिंपिक खेल के प्रति जागरूकता बढ़ा दी।
लंदन 2012 और रियो 2016 में भी भारतीय एथलीट्स ने निरंतर प्रगति दिखायी, चाहे वह टेबल टेनिस में पदक हो या ट्रैक एंड फील्ड में व्यक्तिगत रिकॉर्ड। हर मेडल के पीछे कोचिंग, सरकारी सहायता और निजी प्रायोजकों का सहयोग रहा है, लेकिन सबसे बड़ी ताकत खुद खिलाड़ी की अडिग इच्छा रही।
पैरालिम्पिक 2024 पेरिस में भारत ने पहले से ही अपनी टीम फाइनल कर ली है। चयन प्रक्रिया में कई स्पोर्ट्स फ़ेडरेशन ने ट्रायल और रैंकिंग मैच आयोजित किए हैं, जिससे सबसे फिट एथलीट चुनें जा रहे हैं। अब बात आती है ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की – नई डिटेक्शन सेंटर, वैक्सीन‑फ्रेंडली जिम और विशेष पोषण योजना बन रही है ताकि खिलाड़ी अपने शारीरिक सीमा को पार कर सकें।
सरकार ने "पैरालिंपिक विकास योजना" के तहत फंड बढ़ाया है, जिससे एथलेटिक सपोर्ट स्टाफ, बायोमैकेनिकल एनालिसिस और साइकिलिंग ट्रैक जैसे सुविधाएँ मिल रही हैं। निजी कंपनियों की भी भागीदारी बढ़ी है; कई ब्रांड अब एथेलेट्स को इक्विपमेंट और स्कॉलरशिप दे रहे हैं। इस सहयोग से हमारे पैरालिंपियन न सिर्फ तैयारी में तेज़ होंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए मानसिक रूप से भी तैयार रहेंगे।
अगर आप इन एथलीट्स को फॉलो करना चाहते हैं तो registrationstatus.in पर उनके प्रोफ़ाइल, ट्रेनिंग शेड्यूल और लाइव अपडेट मिलते हैं। सोशल मीडिया पर #IndiaParalympics हैशटैग देखिए; यहां से आप सीधे एथलीट की कहानियों को पढ़ सकते हैं, प्रेरणा ले सकते हैं और अपने सपोर्ट को दिखा भी सकते हैं।
अंत में यही कहा जा सकता है कि भारत के पैरालिंपिक खिलाड़ी अब सिर्फ भाग्य नहीं, बल्कि मेहनत और सही समर्थन से चमक रहे हैं। आने वाले पेरिस खेलों में नई कहानियाँ लिखने की तैयारी कर रहे हैं – आपका छोटा‑सा उत्साह भी उनके लिए बड़ा मोटिवेशन बन सकता है। चलिए मिलकर इस यात्रा को सपोर्ट करें और भारत को मेडल टेबल पर देखेँ!
पेरिस पैरालिम्पिक्स 2024 में अवनी लेखरा ने इतिहास रचकर विश्वभर में भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में लगातार दूसरे स्वर्ण पदक जीतकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। भारत ने अब तक कुल पांच पदक जीते हैं, जिसमें एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं।
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