तेलुगु मीडिया के स्तंभ रमोजी राव का निधन
तेलुगु भाषा के लोकप्रिय मीडिया हाउस ETV नेटवर्क और प्रसिद्ध रमोजी फिल्म सिटी के संस्थापक रमोजी राव का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन हैदराबाद में हुआ जहां उन्हें उनके अंतिम समय तक चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही थी। उनकी मृत्यु की खबर सुनते ही पत्रकारिता और फिल्म उद्योग में शोक की लहर छा गई।
रमोजी राव का जीवन और करियर
रमोजी राव का जन्म 16 नवंबर 1936 को हुआ था। बचपन से ही उनके मन में लेखन और पत्रकारिता के प्रति गहरा रूझान था। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से तेलुगु भाषा के क्षेत्र में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। 1974 में उन्होंने 'ईनाडु' नामक अखबार की स्थापना की, जो जल्द ही तेलुगु राज्यों में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला समाचार पत्र बन गया।
उनकी दूरदर्शिता और साहस ने 1995 में ईटीवी नेटवर्क की नींव रखने में मदद की। यह नेटवर्क आज तेलुगु समेत अन्य भाषाओं में भी अत्यधिक लोकप्रिय है। इसके साथ ही रमोजी राव ने 'रमोजी फिल्म सिटी' की स्थापना की, जो दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी में से एक है। इस फिल्म सिटी में हर साल असंख्य फिल्मों और टीवी सीरियलों की शूटिंग होती है।
जी किशन रेड्डी ने जताई संवेदना
रमोजी राव के निधन की खबर पर वरिष्ठ भाजपा नेता जी किशन रेड्डी ने गहरा दुख व्यक्त किया। रेड्डी ने कहा कि राव का योगदान तेलुगु मीडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अविस्मरणीय है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से राव के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों की सराहना की।
रमोजी राव के योगदान की चर्चा
रमोजी राव का जीवन केवल व्यवसाय तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज को भी अपनी विभिन्न पहलों से प्रेरित किया। रमोजी ग्रुप के तहत उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके द्वारा स्थापित शिक्षा संस्थान और अस्पताल आज भी उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
रमोजी राव ने पत्रकारिता के उच्च मानकों को स्थापित किया और अपने अखबार तथा चैनलों के माध्यम से निष्पक्ष और तथ्यात्मक समाचार प्रदान करने की कोशिश की। उनकी इस प्रतिबद्धता ने उन्हें लाखों लोगों का विश्वास जीतने में मदद की।
आर्थिक विकास में योगदान
रमोजी राव ने अपने मीडिया ग्रुप के माध्यम से केवल सामाजिक सेवाओं तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके मीडिया हाउस ने हजारों लोगों को रोजगार प्रदान किया और अनगिनत युवा पत्रकारों को अपने करियर की शुरुआत करने के अवसर दिए।
रमोजी फिल्म सिटी ने भी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए। इस फिल्म सिटी में अत्याधुनिक सुविधाएं और उपकरणों ने भारत के फिल्म उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। यहां के विविध शूटिंग सेट और प्राकृतिक दृश्य भारत और विदेशों के फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
रमोजी राव का निधन एक युग के अंत का प्रतीक है। उनके द्वारा की गई पहल और उनके आदर्श उनके समर्थकों और परिवार के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। तेलुगु मीडिया और फिल्म उद्योग में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा। उनकी सफलता की कहानियां नई पीढ़ी के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेंगी। उनके जीवन की कहानी सिखाती है कि मेहनत, समर्पण और विशवास के साथ किसी भी ऊंचाई पर पहुँचा जा सकता है।
आखरी अलविदा
रमोजी राव के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक सार्वजनिक समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें उनके प्रशंसक, सहयोगी और परिजन भाग लेंगे। यह समारोह उनकी अद्वितीय यात्रा और अचीवमेंट्स का सम्मान करने का एक अवसर होगा। तेलुगु मीडिया के इस महानुभाव को एक भावभीनी विदाई दी जाएगी।
टिप्पणि
Ashish Pundir
8 जून 2024रमोजी राव का काल समाप्त, उनका मॉडल अब अति पुराना है।
gaurav rawat
12 जून 2024भाइ, उनके काम ने कई लोगों को प्रेरित किया है 😊 ये देख कर अच्छा लगता है कि इतना बड़ा नाम छोड़ गए।
Vakiya dinesh Bharvad
15 जून 2024तेलुगु कला की धरोहर में उनका योगदान अमूल्य है :) उनका काम अभी भी नई पीढ़ी को असर देता है।
Aryan Chouhan
19 जून 2024सच में, एतना बड़का सिडी बना कर भी कछु नई सोची? बुहत बोरिंग।
Tsering Bhutia
22 जून 2024रमोजी राव ने भारतीय मीडिया के परिदृश्य को नई दिशा दी। उनका संस्थापक दिमाग ETV को राष्ट्रीय स्तर पर ले गया। उन्होंने स्थानीय समाचार को पेशेवर मानक तक पहुँचाया। साथ ही उनकी फिल्म सिटी ने अनेक युवा कलाकारों को मंच दिया। उनकी विरासत आज भी कई चैनलों में परिलक्षित होती है।
Narayan TT
26 जून 2024उनकी उपलब्धियों को अतिरंजित किया जाता है। वास्तविकता में उनका प्रभाव सीमित रहा।
SONALI RAGHBOTRA
29 जून 2024रमोजी राव का निधन निश्चित ही एक बड़ी क्षति है। उनका सफर 1936 में शुरू हुआ, जब उन्होंने छोटी उम्र से ही शब्दों के प्रति आकर्षण दिखाया। उन्होंने शुरुआती दिनों में स्थानीय पत्रिकाओं में लेख लिखे और धीरे-धीरे अपना मंच बनाया। 1974 में उन्होंने 'इनादु' अखबार की स्थापना की, जो जल्द ही पाठकों के बीच लोकप्रिय हो गया। इस सफलता ने उन्हें बड़े मीडिया उद्यम के लिए तैयार किया। 1995 में ईटीवी नेटवर्क का जन्म हुआ, जो आज कई भाषाओं में प्रसारित होता है। इस नेटवर्क ने न केवल समाचार बल्कि मनोरंजन में भी नई दिशा दी। उनकी फिल्म सिटी ने भारतीय सिनेमा को विश्व मानचित्र पर रखा। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्में वहाँ बनाई गईं। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई संस्थान स्थापित किए, जिससे समाज को प्रत्यक्ष लाभ मिला। उनके द्वारा निर्मित नौकरी के अवसरों ने लाखों युवाओं को जीवनयापन का साधन दिया। उनका प्रबंधन शैली सख्त लेकिन न्यायसंगत थी, जिससे कर्मचारी प्रेरित रहते थे। कई वरिष्ठ पत्रकार उनके मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत करते हैं। उन्होंने हमेशा सच्ची खबरों को प्राथमिकता दी और फेक न्यूज के खिलाफ आवाज उठाई। उनका कार्यसिद्धांत आज भी कई मीडिया हाउस में लागू है। अंत में, उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो बताता है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
sourabh kumar
3 जुलाई 2024सही बात है, हम सबको मिलजुल कर उनका सम्मान करना चाहिए और उनकी सीख को आगे बढ़ाना चाहिए।
khajan singh
6 जुलाई 2024रमोजी राव की सुसंगत रणनीति और इन्फॉर्मेटिव कंटेंट ने मीडिया इकोसिस्टम को पुनर्रचना किया :) उनका व्यावसायिक मॉडल अब भी कई उद्योग विश्लेषकों द्वारा केस स्टडी के रूप में उपयोग किया जाता है।
Dharmendra Pal
10 जुलाई 2024रमोजी राव ने पत्रकारिता के उच्च मानकों को स्थापित किया और उनका प्रभाव आज भी प्रासंगिक है।
Balaji Venkatraman
13 जुलाई 2024ऐसे काम से समाज में नैतिक गिरावट आती है।
Tushar Kumbhare
16 जुलाई 2024चलो हम भी उनके उत्साह को अपनाकर नई पहल शुरू करें! 🚀
Arvind Singh
20 जुलाई 2024ओह, आपने तो रमोजी राव को ही ईश्वरीय बना दिया, जैसे उनका हर कदम पर जादू चालता हो। सिवाय इस बात के कि अब कोई नया दिग्गज नहीं उभरेगा।