बॉलीवुड की नयी फिल्म 'युधरा' ने दर्शकों के बीच काफी उत्साह पैदा किया है। सिद्धांत चतुर्वेदी प्रमुख किरदार युधरा की भूमिका में नजर आते हैं। इस फिल्म की कहानी मुंबई के ड्रग माफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच मुठभेड़ पर आधारित है। सिनेमाघरों में इस फिल्म को लेकर एक खास उत्साह देखने को मिल रहा है। फिल्म निर्देशन की बागडोर रवि उदयावर के हाथों में है, जिन्होंने इसे बेहतरीन बनाने की पूरी कोशिश की है।
'युधरा' की कहानी एक बड़े कोकीन सौदे के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें एजेंट युधरा, जो कि एक अंडरकवर एजेंट है, ड्रग लॉर्ड फरोज़ (राज अर्जुन) और उसके बेटे शफीक (राघव जुएल) के खिलाफ लड़ाई लड़ते नजर आते हैं। युधरा का किरदार केवल एक भावुकऐक्शन हीरो तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके अतीत की भयावह घटनाओं ने उसे अत्यंत गुस्सैल व्यक्ति बना दिया है।
युधरा का किरदार शुरुआत में बहुत ही सशक्त और उग्र लगता है, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, कहानी धीरे-धीरे पूर्वानुमान के रास्ते पर चलने लगती है। हालांकि फिल्म में कुछ रोमांचक एक्शन सीक्वेंस हैं, लेकिन अंत तक जाते-जाते यह अपना ताज़गी खो देती है।
सिद्धांत चतुर्वेदी ने अपने किरदार में जान डालने की पूरी कोशिश की है। उनकी अदाकारी कायमाबी की तरफ इशारा करती है लेकिन फिर भी उनके किरदार का सीमित दायरा उन्हें एक पॉरिश सशक्त हीरो के रूप में अधिक चमकने नहीं देता। राघव जुएल का नकारात्मक किरदार भी मजबूती से पेश किया गया है, लेकिन यह किरदार उनके पिछले किरदार से इतना अलग नहीं है कि दर्शकों पर खास छाप छोड़ सके।
मलविका मोहनन, जो युधरा की बचपन की दोस्त निकहत की भूमिका निभा रही हैं, को एक ठोस चरित्र चित्रण दिया गया है। उन्होंने विशेष रूप से अपने किरदार को मजबूत करते हुए कहानी को बल दिया है। हालांकि, फिल्म में गानों का अतिरेक कहानी की गति को धीमा कर देता है, जिससे दर्शकों का अनुभव धूमिल हो जाता है।
फिल्म में गजराज राव, राम कपूर, शिल्पा शुक्ला और राज अर्जुन भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। ये सभी कलाकार अपने किरदारों में बेहद सजीव नज़र आते हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग नेचर के अनुसार शानदार है और एक्शन सीन भी ठीक ठाक हैं। परंतु, कहानी में ताजगी और नवाचार की कमी दर्शकों को बोरियत का एहसास करवा देती है।
रवि उदयावर ने फिल्म को निर्माण करने में अपनी पूरी कोशिश की है। हालांकि, उनकी प्रयासों के बावजूद, फिल्म की सुसंगठित कहानी का अभाव साफ दिखाई देता है। इसके अलावा, फिल्म में गानों का अतिरेक, विशेष रूप से रोमांटिक ट्रैक, जो कि एक्शन फिल्म में मुख्य रूप से अप्रासंगिक लगते हैं, दर्शकों की सोच को भटकाता है।
कुल मिलाकर, फिल्म 'युधरा' कुछ हद तक दर्शकों को बांधने में कामयाब होती है, लेकिन अपनी पूर्वानुमान से ग्रसित कहानी के कारण पर्याप्त मनोरंजन नहीं दे पाती।
फिल्म को दो स्टार की रेटिंग देना उचित होगा, क्योंकि यह वो उम्मीदें पूरी नहीं कर पाती जो हमने इससे बांधी थी।
टिप्पणि
Sumitra Nair
21 सितंबर 2024फ़िल्म 'युधरा' का विश्लेषण करने के बाद, मैं यह महसूस करती हूँ कि यह एक गतिशील कथा का प्रयास है, परंतु उसके अंत में संभावित नवीनता की अनुपस्थिति स्पष्ट रूप से झलकती है। सिद्धांत चतुर्वेदी ने अपने पात्र में जान डालने की कोशिश की है, परंतु वह अक्सर पूर्वानुमेय मोड़ में फँस जाता है। दृश्यमान रूप से, एक्शन दृश्य प्रभावशाली हैं, किन्तु भावनात्मक गहराई का अभाव दर्शकों को निराश कर सकता है। 🎬 इस समीक्षात्मक नजरिए से, फ़िल्म को दो‑स्टार रेटिंग देना उपयुक्त प्रतीत होता है, क्योंकि यह अपने स्वयं के संभावनाओं को पूरी तरह से साकार नहीं कर पाई।
Ashish Pundir
23 सितंबर 2024कहानी के ढाँचे में नई बात कम है।
gaurav rawat
25 सितंबर 2024bro ये फ़िल्म बहुत “meh” लागी 😂 सिचुएशन तो ठीक है पर कहानी में नई पझल नहीं मिलती
Vakiya dinesh Bharvad
28 सितंबर 2024भारत में माफिया और पुलिस के बीच का संघर्ष हमेशा दर्शकों को आकर्षित करता है पर इस बार गानों की अधिकता ने रिदम को बिगाड़ दिया
Aryan Chouhan
30 सितंबर 2024भाई फ़िल्म बोरिंग थी।
Tsering Bhutia
30 सितंबर 2024यह फ़िल्म कई ऐसी तत्वों को जोड़ने की कोशिश करती है जो सामान्य तौर पर एक सफल एक्शन थ्रिलर में देखने को मिलते हैं।
सबसे पहले, सिद्धांत चतुर्वेदी का किरदार एक अंडरकवर एजेंट के रूप में नायकत्व को दर्शाता है।
इस प्रकार के पात्र ने पिछले कुछ वर्षों में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
लेकिन कहानी में कई बार दोहरावधारी मोड़ आते हैं जो दर्शकों की जिज्ञासा को कम कर देते हैं।
उदाहरण के तौर पर, ड्रग लॉर्ड के साथ अंतिम टकराव को कई फ़िल्मों में पहले ही दिखा दिया गया है।
इसके साथ ही, फिल्म की संगीत चयन में कुछ असंगतियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
रोमांटिक गाने के बीच एक्शन सीन का अचानक बदलाव दर्शकों को भ्रमित कर देता है।
फिर भी, कुछ दृश्यों में कैमरा एंगल और एडिटिंग की प्रशंसा योग्य है।
सिनेमैटोग्राफी में शहर की धुंधली रोशनी को खूबसूरती से कैद किया गया है।
कलाकारों की परफ़ॉर्मेंस को देखना भी एक सकारात्मक बिंदु है।
मलविका मोहनन ने अपने पात्र में भावनात्मक वजन जोड़ने की कोशिश की है, जो कभी‑कभी सफल रहती है।
वहीं, गजराज राव और राम कपूर का सहयोग कहानी को थोड़ा संतुलित करता है।
कुल मिलाकर, फ़िल्म कुछ दृश्यात्मक लाभ देती है, परन्तु संपूर्ण कहानी की निरंतरता में कमी है।
यदि आप एक्शन के साथ हल्का मनोरंजन चाहते हैं तो यह फ़िल्म उपयुक्त हो सकती है।
परंतु यदि आप गहरी कहानी और नवीन मोड़ की तलाश में हैं, तो शायद आप अन्य विकल्पों को प्राथमिकता देंगे।
Narayan TT
2 अक्तूबर 2024आपकी नज़र में इतना भी नहीं दिखता, फ़िल्म खुद एक नकली कहानी का उदाहरण है।
SONALI RAGHBOTRA
5 अक्तूबर 2024फ़िल्म में एक्शन दृश्य तो काबिले तारीफ़ हैं, लेकिन कहानी की गहराई की कमी स्पष्ट है। इस कमी को दूर करने के लिए लेखकों को अधिक अनपेक्षित मोड़ शामिल करने चाहिए। कुल मिलाकर, दर्शकों को थोड़ा झकझोरने वाली फ़िल्म कहें तो कह सकते हैं।
sourabh kumar
7 अक्तूबर 2024भाइयो, अगर आप को हल्की फुल्की एक्शन चाहिए तो युधरा चलो देखो, पर कहानी के फंसाव से बचो।
khajan singh
9 अक्तूबर 2024फिल्म की प्रस्तुति में कुछ टेक्टिकल इंटेन्सिटी थी, पर ROI देखे तो निवेश पर थोड़ा कम रिटर्न मिला 😐
Dharmendra Pal
12 अक्तूबर 2024फ़िल्म का संपादन सुगम है, परंतु पटकथा में निरंतरता की कमी मुख्य कारण है जिसे सुधारना आवश्यक है।
Balaji Venkatraman
14 अक्तूबर 2024हमें यह याद रखना चाहिए कि मनोरंजन के नाम पर नैतिकता का त्याग नहीं होना चाहिए; इस फ़िल्म ने इस सिद्धांत को थोड़ा दबा दिया है।
Tushar Kumbhare
16 अक्तूबर 2024युधरा की एक्शन सीन देख कर दिल धड़कने लगा! 🔥 लेकिन गानों का ओवरलोड थोड़ा बोरिंग था।
Arvind Singh
19 अक्तूबर 2024वाह, क्या गहरी कहानी है, बिल्कुल वो ही जो हमने पहले हजार बार देखी है।
Vidyut Bhasin
21 अक्तूबर 2024सभी कहते हैं कि फ़िल्म बोरिंग है, पर मैं मानता हूँ कि यह एक सुंदर नॉस्टाल्जिक ट्रिप है।
nihal bagwan
23 अक्तूबर 2024देश के दर्शकों को ऐसी फ़िल्में पसंद नहीं आनी चाहिए जो विदेशी शैली की नकल करती हैं; हमें अपनी असली कहानी चाहिए।
Arjun Sharma
26 अक्तूबर 2024चलो मिलके इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट में कुछ नया जोड़ते हैं, शायद थोड़ा टैक्टिकल ट्विस्ट डालें।
Sanjit Mondal
28 अक्तूबर 2024फ़िल्म के तकनीकी पहलुओं को सराहना योग्य है, परंतु कथा की मौलिकता पर पुनर्विचार आवश्यक है 😊