जब Bitcoin ने 5 अक्टूबर 2025 को $125,689 का नया रिकॉर्ड बनाया, तो संयुक्त राज्य अमेरिका में चल रहा सरकारी शटडाउन बाजार को हिलाते हुए एक बड़ी सुरक्षा‑आश्रय कहानी बन गया। यह कीमत एशिया सत्र के दौरान छूयी, जबकि जोशुआ लिम, FalconX के सह‑मुखिया मार्केट्स ने कहा: “सुरक्षित‑आश्रय की माँग और डॉलर की डिबेसमेंट कथा का मिश्रण ही इस उछाल का मुख्य कारण है।”
शटडाउन बुधवार, 2 अक्टूबर को शुरू हुआ और अभी भी जारी है, जिससे कई सरकारी सेवाओं का बंद होना और अमेरिकी डॉलर में अनिश्चितता पैदा हुई। निवेशक इस अस्थिरता के बीच बिटरकॉइन को एक ‘सेफ‑हैवन’ के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि अन्य जोखिम‑सम्पन्न एसेट्स जैसे इक्विटीज़ और सोना भी इस माह में नए हाई के करीब पहुंच रहे हैं।
क्रिप्टो‑समुदाय ने ‘Uptober’ नामक परम्परा को पिछले दशक से मनाया है—अक्टूबर में बिटकॉइन आमतौर पर उच्च प्रदर्शन करता है। वास्तव में, पिछले दस वर्षों में नौ बार कीमत में बढ़त देखी गई। इस साल का अक्टूबर अब तक 30% से अधिक बढ़ा है, जिससे यह साल पहले से ही सबसे तेज़ वृद्धि वाला महीना बन गया।
बिटकॉइन ने पिछले रिकॉर्ड $124,514 (14 अगस्त 2025) को शर्त पर तोड़ते हुए $125,689 का नया शिखर हासिल किया। भारतीय बाजार में इसे ₹11,136,787 (INR) पर दर्ज किया गया, जबकि उसी दिन की कीमत ₹10,941,615.98 थी। इस आंकड़े का मतलब है कि भारतीय निवेशकों को 2012‑2025 के बीच औसत 3,963,596% का जबरदस्त रिटर्न मिल चुका है।
फैल्कनएक्स के जोशुआ लिम ने बताया कि “डॉलर की डिबेसमेंट कथा, यानी अमेरिकी फेड की मौद्रिक नीति में ढीलापन, निवेशकों को बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट की ओर धकेल रही है।” वही जियोफ केंड्रिक, Standard Chartered Plc के ग्लोबल हेड ऑफ डिजिटल एसेट्स ने कहा, “पिछली बार 2018‑2019 के शटडाउन में बिटकॉइन इस तरह नहीं चला, इस बार की स्थितियां अलग हैं।”
एक और बड़ा कारक है संस्थागत संस्थाओं का निरंतर इन-फ़्लो। माइकल सेयर्ल (Michael Saylor) के नेतृत्व में MicroStrategy ने अपने ट्रेज़री में बिटकॉइन को जोड़ना जारी रखा, जिससे अन्य कंपनियों के लिए यह एक ‘ब्लू‑चिप’ डिजिटल एसेट बन गया। यह कदम छोटे क्रिप्टोकरेंसी जैसे इथीरियम के लिए भी आकर्षण बढ़ा रहा है।
MicroStrategy ने अब तक कुल 150,000 बिटकॉइन (लगभग $25 बिलियन) जमा किए हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इस कदम ने कई Fortune 500 कंपनियों को भी बिटकॉइन‑बेस्ड टैलेंट रिवार्ड या ट्रेज़री स्ट्रैटेजी अपनाने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, एशिया‑पैसिफिक में कई हेज फंड ने अपनी पोर्टफोलियो में बिटकॉइन को ‘कोर होल्डिंग’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
वित्तीय नियामक भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। भारतीय सिक्योरिटीज़ डिपार्टमेंट ने अक्टूबर के मध्य में “डिजिटल एसेट्स पर नियामक ढांचा” जारी किया, जो निवेशकों को साक्ष्य‑आधारित सुरक्षा प्रदान करने का वादा करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि शटडाउन के अंत तक, अगर अमेरिकी कांग्रेस समय पर समझौता नहीं करती, तो फेड की मौद्रिक छंटनी और अधिक गहरी हो सकती है, जिससे बिटकॉइन की कीमत में और उछाल बरकरार रह सकता है। हालांकि, जोखिम‑संचित निवेशकों को चेतावनी दी जा रही है कि अत्यधिक अस्थिरता के कारण कीमतें तेज़ी से गिर भी सकती हैं।
एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, “बिटकॉइन अब सिर्फ एक डिजिटल सोना नहीं, बल्कि एक वैश्विक रिज़र्व एसेट बनता जा रहा है,” कहते हैं जियोफ केंड्रिक। यदि संस्थागत अपनाना जारी रहा, तो अगले साल तक कीमत $150,000 को भी छू सकती है।
अक्टूबर में इतिहासिक रूप से क्रिप्टो‑मार्केट में मौसमी उच्चता देखी जाती है। इस वर्ष अमेरिकी शटडाउन के कारण जोखिम‑आसानी से बचते निवेशकों ने बिटकॉइन को ‘सेफ‑हैवन’ माना, जिससे मांग में उछाल आया। साथ ही माइकल सेयर्ल की MicroStrategy जैसी कंपनियों द्वारा बड़े‑पैमाने पर खरीदारी ने कीमत को आगे धकेला।
हाँ, भारतीय रुपये में बिटकॉइन का मूल्य ₹11,13,678 (INR) तक पहुंच गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में 3,96 लाख प्रतिशत से अधिक रिटर्न दर्शाता है। हालांकि, टैक्स और नियामक पहलुओं को समझना आवश्यक है, क्योंकि इन नियमों में बदलाव संभावित जोखिम पैदा कर सकता है।
शटडाउन से अमेरिकी डॉलर की स्थिरता पर सवाल उठे हैं, जिससे निवेशक वैकल्पिक एसेट्स की ओर पलटे। इस कारण बिटकॉइन को सुरक्षा‑आश्रय के रूप में देखा गया, जिससे उसकी कीमत में तीव्र वृद्धि हुई। विशेषज्ञ मानते हैं कि शटडाउन के अंत तक बाजार में असंतोष बना रहेगा।
MicroStrategy ने अपने ट्रेज़री में बिटकॉइन को प्रमुख एसेट बनाकर संस्थागत स्वीकृति का संकेत दिया है। यह कदम छोटे‑मोटे कंपनियों को भी समान रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे पूरे बाजार में निवेश फीडबैक बढ़ता है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि यदि मौजूदा प्रवृत्तियाँ जारी रहती हैं और संस्थागत अपनाना बढ़ता है, तो 2026 के अंत तक बिटकॉइन $150,000 से ऊपर जा सकता है। लेकिन अत्यधिक अस्थिरता और नियामकीय बदलाव इसे उलटा भी कर सकते हैं, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए।
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Urmil Pathak
5 अक्तूबर 2025बिटकॉइन की यह नई ऊँचाई दर्शाती है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं में डिजिटल संपत्तियों की माँग बढ़ रही है।
MD Imran Ansari
5 अक्तूबर 2025🚀 बिटकॉइन की इस शानदार उड़ान को देखते हुए, निवेशकों को तुरंत समझना चाहिए कि यह सिर्फ एक अस्थायी ट्रेंड नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक संपत्ति का रूप है। 🌟💰
walaal sanjay
6 अक्तूबर 2025भारत की तकनीकी महारथी इस झप्पी को देखिए!!! अमेरिकी आर्थिक दुविधा में बिटकॉइन की चमक हमें दिखा रही है कि हम भी डिजिटल सोने के खेल में अग्रणी हैं!!!!
Umesh Nair
6 अक्तूबर 2025भाईसाहब, ये सब hype है, असली अवसर तो अभी भी भारत में स्टार्टअप्स के पास है, बिटकॉइन का झंझट छोड़ो।
smaily PAtel
6 अक्तूबर 2025बिटकॉइन की कीमत जब $125k तक पहुँचती है, तो यह स्पष्ट हो जाता है-वित्तीय प्रणाली में बदलाव अनिवार्य है!!! यह सिर्फ एक एसेट नहीं, बल्कि एक नई मान्याता है!!!
Hemanth NM
6 अक्तूबर 2025बिटकॉइन ने फिर से इतिहास लिखा।
rin amr
6 अक्तूबर 2025भूषण उफान के साथ बिटकॉइन ने मार्केट में अपनी नई ऊँचाई पर कदम रखा है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि पारंपरिक एसेट क्लासेज़ अब पुरानी हो रही हैं।
संयुक्त राज्य के शटडाउन ने डॉलर के भरोसे को कम कर दिया है, जिससे निवेशकों ने वैकल्पिक सुरक्षा के रूप में डिजिटल गोल्ड को अपनाया।
फैल्कनएक्स के जोशुआ लिम की बातों से पता चलता है कि डॉलर की डिबेसमेंट कथा अब सिर्फ एक सैद्धान्तिक विचार नहीं बल्कि वास्तविक बाजार प्रवृत्ति बन गई है।
इसी बीच माइकल सेयर्ल की MicroStrategy जैसी संस्थाएं बड़े पैमाने पर बिटकॉइन खरीद रही हैं, जिससे संस्थागत स्वीकृति की लहरी आती जा रही है।
ऐसी घटनाएँ दर्शाती हैं कि बिटकॉइन अब केवल स्पेकुलेशन नहीं, बल्कि एक स्थायी रिज़र्व एसेट के रूप में स्थापित हो रहा है।
भारत में भी नियामक ढांचा धीरे-धीरे स्पष्ट हो रहा है, जिससे निवेशकों को अधिक भरोसा मिलता है।
हालांकि, इस तेज़ी से बढ़ते मूल्य के पीछे जोखिम भी छिपा है, जो अचानक गिरावट का कारण बन सकता है।
बाजार की मौसमी प्रवृत्ति, जैसे कि 'Uptober', इस बढ़त को और मजबूत करती है।
भविष्यवाणी यह बताती है कि यदि संस्थागत निवेश जारी रहता है, तो अगले साल बिटकॉइन $150,000 से ऊपर जा सकता है।
परन्तु, शटडाउन के अंत तक फेड की मौद्रिक नीति में बदलाव आ सकता है, जिससे फिर से गिरावट का खतरा बन सकता है।
निवेशकों को इस अस्थिरता के दौरान संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखना चाहिए।
टेक्निकल एनालिसिस से भी समर्थन मिलता है कि समर्थन स्तर मजबूत है, पर पुनः परीक्षण की संभावना मौजूद है।
सारांश में, बिटकॉइन वर्तमान में एक वैश्विक डिजिटल रिज़र्व बनते हुए दिख रहा है, परन्तु कोई भी एसेट 100% सुरक्षित नहीं है।
इसलिए, समझदारी और उचित रिस्क मैनेजमेंट के साथ ही इस डिजिटल बुलबुले में प्रवेश करना चाहिए।
Jai Bhole
6 अक्तूबर 2025जैसे हम अपने धरोहर को गर्व से संभालते हैं, वैसे ही बिटकॉइन को भी राष्ट्रीय गौरव के रूप में देखना चाहिए-वित्तीय स्वतंत्रता का प्रतीक।
rama cs
6 अक्तूबर 2025वर्तमान मार्केट में बिटकॉइन के उछाल को समझने हेतु अवशिष्ट जोखिम प्रीमियम, सिंथेटिक अल्पकालिक अस्थिरता और मैक्रो-फिड्यूशियल एलिमेंट्स का सम्मिलित विश्लेषण आवश्यक है; यह सिद्धांत ही इस एसेट की मूल्यस्थापन में गहराई प्रदान करता है।
Monika Kühn
6 अक्तूबर 2025ओह हाँ, क्योंकि हर कोई ऐसी जटिल शब्दावली से प्रभावित हो जाता है, है ना? 🙄
Surya Prakash
6 अक्तूबर 2025भविष्य की सोच रखने वाले ही इस बुलबुले में टिक पाएँगे।