छत्तीसगढ़ बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CGBSE) ने 2025 के 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम 7 मई को जारी कर दिए। इस बार बोर्ड का रिजल्ट न सिर्फ विद्यार्थियों के लिए बड़ा मौका लेकर आया, बल्कि पूरे राज्य में बच्चों की मेहनत और लगन की मिसाल भी सामने आई। रिजल्ट आने के साथ ही स्कूलों और परिवारों में जश्न जैसा माहौल बन गया है। सबसे बड़ी बात ये रही कि इस बार बोर्ड की दोनों कक्षाओं में कड़ी टक्कर देखने को मिली।
बोर्ड ने रिजल्ट्स को ऑनलाइन जारी किया। छात्र अपना परिणाम CGBSE 2025 रिजल्ट के पोर्टल cg.results.nic.in पर रोल नंबर और जन्म तिथि डालकर देख सकते हैं। स्कोरकार्ड भी वहीं से डाउनलोड किए जा सकते हैं, जो आगे कॉलेज एडमिशन, स्कॉलरशिप या अन्य प्रक्रियाओं के लिए जरूरी रहेगा।
अगर बात करें 10वीं के टॉपर्स की, तो इस बार इशिका बाला (शासकीय HS स्कूल, कोंडामेर, कांकेर) और नमन कुमार खूंटिया ने बाजी मारी। दोनों ने 99.17% अंक हासिल कर पूरे जिले और राज्य में अपना नाम रोशन किया। इशिका और नमन की सफलता ने लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए प्रेरणा पेश की है, जिससे आने वाले छात्रों को भी आगे बढ़ने का हौसला मिलेगा।
टॉपर्स की लिस्ट में सिर्फ इशिका और नमन ही नहीं, बल्कि लिव्यांश देवांगन (99.00%), रिया केवट, हेमलता पटेल, और टिपेश प्रसाद यादव (तीनों 98.83%) ने भी अपना नाम टॉप 5 में दर्ज कराया। यह प्रदर्शन न सिर्फ विद्यार्थियों की मेहनत का नतीजा है, बल्कि शिक्षकों और परिजनों के सहयोग का भी उदाहरण है। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के छात्र टॉपर्स में देखने को मिले हैं।
12वीं में भी कमाल देखने को मिला। इस बार अखिल सेन ने टॉप किया है। भले ही अन्य टॉपर्स के डिटेल्स की प्रतीक्षा है, लेकिन इतना जरूर पता चल चुका है कि रिजल्ट्स आने के बाद छात्रों में जबरदस्त उत्साह है। इस साल विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों ही संकायों से कड़ी चुनौती रही।
रिजल्ट के बाद कुछ सवाल भी खड़े हुए हैं—कई बच्चों ने बेहतर नंबर लाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तैयारी में बराबर मेहनत की। कोविड के बाद बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न बदला, तो बच्चों की स्ट्रेटजी, समय प्रबंधन और तनाव से निपटने के तरीके भी बदल गए।
डिजिटल मार्कशीट का सिस्टम छात्रों के लिए एक राहत की तरह है। अब उन्हें कॉलेज एडमिशन या स्कॉलरशिप एप्लाई करते वक्त भटकना नहीं पड़ेगा। मार्कशीट डाउनलोड करना और सेव रखना आगे की प्रक्रियाओं के लिए बेहद जरूरी है।
छत्तीसगढ़ बोर्ड के रिजल्ट्स हर साल सिर्फ स्कोरशीट नहीं होते, ये पूरे राज्य के शैक्षिक माहौल को परखने का आईना भी बनते हैं। टॉपर्स के नाम और उनकी मेहनत की चर्चा गांव, स्कूल, और घर-घर में गूंजने लगती है। अब पूरी नज़र इस बात पर रहेगी कि कॉलेज एडमिशन और काउंसलिंग में ये टॉपर्स आगे कैसा प्रदर्शन करते हैं।
टिप्पणि
Arvind Singh
8 मई 2025ऐसे तो हर बार बोर्ड का रिज़ल्ट देखकर ही हमारे अंदर 'रिहर्सल' का मोड ऑन हो जाता है।
Vidyut Bhasin
22 मई 2025विज्ञान, वाणिज्य और कला-तीनों में टॉपर्स का आकाश छू लेना किसी फ़िलॉसफ़ी क्लास का निचला बिंदु लगता है।
क्या यह असल में शिक्षा का विकास है या बस एक बड़े शर्मिलापन को छुपाने का तरीका?
शिक्षकों की मेहनत को नज़रअंदाज़ करके हम सिर्फ अंकों की गिनती में फँस रहे हैं।
इतने सारे टॉपर्स को देखकर लगता है कि परीक्षा का उद्देश्य भी अब केवल अंक हासिल करना बन गया है।
समाज में यह मान्यता बढ़ रही है कि नंबर ही सब कुछ है, बाकी सब फालतू।
पहले की जो शहादतें थीं, अब सब हाई‑डेटा में बदल गईं हैं।
डिजिटल मार्कशीट का सिस्टम तो बस एक नया रूप है, पुराने झूठे प्रोत्साहन को और भी ऊँचा करने का।
जब हम काउंसलिंग के लिए इन नंबरों को देखेंगे, तो क्या हम वास्तविक क्षमता देख पाएँगे?
शायद नहीं।
एसा लगता है कि बोर्ड ने ही इस प्रक्रिया को एग्ज़ीक्यूशन करने के लिए एक कमांड सेंटर बना दिया है।
परंतु क्या इस कमांड सेंटर ने सच्ची शिक्षा को बंद कर दिया है?
हर शहर में एक ही आवाज़: "अंक ही सब कुछ है"-ऐसा स्वर भविष्य का बवंडर बन सकता है।
हमकेन चहिए कि हम इन सारे नकलमय उत्सव को एक बार पुनर्विचार करें।
टॉपर्स के नाम तो रोशन हो रहे हैं, पर क्या उनकी मेहनत वास्तविक शिक्षा प्रणाली में प्रतिबिंबित होगी?
हमें सोचना चाहिए कि क्या यह प्रतिस्पर्धा हमें बेहतर बनाती है या बस दिखावे का मंच बनाती है।
निष्कर्ष में, इस तरह की तेज़-तर्रार अंकीय दौड़ हमें सच्चे ज्ञान की ओर ले जाने की बजाय, केवल अंक‑परिणाम की ही ओर धकेल रही है।
nihal bagwan
5 जून 2025हमारे राज्य की शैक्षिक प्रगति को देख कर गर्व महसूस होता है, परंतु यह गर्व तभी सार्थक है जब उसका निहितार्थ राष्ट्रीय अभिमान में बदल जाए।
छत्तीसगढ़ के टॉपर्स ने साबित कर दिया कि ग्रामीण‑शहरी अंतर अब केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि मानसिक भी नहीं रहना चाहिए।
इनकी उपलब्धियां न केवल व्यक्तिगत प्रयास का परिणाम हैं, बल्कि राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति की दिशा का संकेत भी हैं।
हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस सफलता को राष्ट्र की प्रगति के साथ जोड़कर आगे बढ़ाया जाए।
अगर हम इस उत्सव को केवल व्यक्तिगत स्तर पर सीमित रखेंगे, तो हमारी राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का वास्तविक लक्ष्य अधूरा रहेगा।
इसलिए, इन छात्रों को भविष्य में राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के रूप में देखें, जो भारत के शैक्षणिक माहौल को और ऊँचा ले जाएँगे।
Arjun Sharma
19 जून 2025भाई लोग, रिजल्ट देख के तो मैं बिल्कुल भी फ्रीज़ नहीं हुआ, बस थ्रेड में नया डेटा लगाते लगाते थक गया!
इशिका और नमन का प्रतिशत एकदम हाई‑फ़्रिक्शन, माईक्रो‑मैनेजमेंट की लाइबिलिटी नापते‑नापते लोग थकते हैं।
वो सब ग्रिड‑कनेक्शन वरतीबेस्ड टॉपर्स हैं, अब इनको हम एन्हांसमेंट मॉड्यूल में इंटेग्रेट करेंगे।
Sanjit Mondal
3 जुलाई 2025आदरणीय उपयोगकर्ताओं, यदि आप डिजिटल मार्कशीट डाउनलोड करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, तो कृपया निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. आधिकारिक पोर्टल (cg.results.nic.in) पर जाएँ।
2. अपना रोल नंबर तथा जन्म तिथि दर्ज करें।
3. ‘स्कोरकार्ड डाउनलोड’ बटन पर क्लिक करें।
4. PDF फ़ाइल को अपने डिवाइस में सुरक्षित स्थान पर सहेजें।
यदि फिर भी समस्या आती है, तो तकनीकी सहायता टीम से संपर्क करें। इस प्रकार आप अपनी आगे की एडमिशन प्रक्रिया में किसी भी देरी से बच सकते हैं।
Ajit Navraj Hans
17 जुलाई 2025सभी को बताता हूँ, बोर्ड की वेबसाइट पर रेज़ल्ट देखना इतना आसान नहीं है जितना कहा जाता है।
अगर आप रोल नंबर सही नहीं डालते तो आपको एरर मिलता है और फिर डीबगिंग में घंटों लग जाते हैं।
पोर्टल की सर्वर लोड का भी ध्यान रखें, विंडो ओपन रखने से तेज़ी से लोड हो सकता है।
arjun jowo
30 जुलाई 2025सभी टॉपर्स को बधाई! अब आगे का रास्ता कठिन हो सकता है, पर आपमें ऊर्जा है, इसलिए खुद को भरोसे में रखें।
Rajan Jayswal
13 अगस्त 2025शाबाश, आगे भी ऐसे ही चमको!
Simi Joseph
27 अगस्त 2025अरे भाई, ये बोर्ड का रिज़ल्ट वही पुरानी “अंक‑बिक्री” की कहानी है, कोई नई बात नहीं।
एक बार फिर से हमें दिखा दिया गया कि नंबरों की पूजा में असली पढ़ाई का क्या मतलब?
आख़िर में, हम सब एक ही चीज़ से थक जाते हैं-सिर्फ अंक दिखाने के लिए ये सब कराते हैं।