जब Novak Djokovic, दुनिया के नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी ने जुलाई 2025 में ऑल इंग्लैंड क्लब पर अपना 101वाँ जीत दर्ज किया, तो यह सिर्फ एक और मैच नहीं था – यह शत-कट की ओर एक कदम था। उसी दिन, 17‑वर्षीय रूसी आशाजनक Mirra Andreeva ने भी तीसरे दौर में जबरदस्त संघर्ष किया, जो प्रशंसकों के लिए नई उम्मीदें लेकर आया।
डजोकविच ने 1 जुलाई को Alexandre Muller को 6-1, 6-7(7), 6-2, 6-2 से हराया, लेकिन इस जीत के दौरान कई बार खुद को ठहरते देखा गया। छोटा सा एंटी‑जॉइंट एंजिया उसे खेल के मध्य में मेडिकल ब्रीफ़िंग के लिए मजबूर कर गया। "मैंने सोचा था कि मैं असहज होऊँगा, पर फिर भी कोर्ट पर खड़ा रहा," डजोकविच ने रिंच के बाद कहा।
तीसरे दौर में उनका सामना Alex de Minaur से हुआ। 1-6, 6-4, 6-4, 6-4 की उलटी स्कोरलाइन ने दर्शाया कि डजोकविच ने कैसे अपनी गति पुनः स्थापित की। इस जीत से उनका "विम्बलडन 2025" में जीतों की गिनती 101 तक पहुँची, एक आंकड़ा जो रफ़र फेडरर के 105 जीतों के निकट है।
क्वार्टर‑फ़ाइनल में Flavio Cobolli का सामना करते हुए डजोकविच ने 6-3, 6-2, 6-3 से सहजता से जीत हासिल की। उनके वैरायटी शॉट्स और तेज़ सर्विस ने कई बार विरोधी को अकलभूत कर दिया।
सेमी‑फ़ाइनल में विश्व नंबर 1 Jannik Sinner का मुकाबला एक पाबंदाकी थी। 11 जुलाई को 6-4, 6-4, 7-5 से डजोकविच हार गए, लेकिन उनके 13‑वर्षीय करियर में यह पहला सेमी‑फ़ाइनल अंतिम खेल है। पोस्ट‑मैच इंटरव्यू में डजोकविच ने कहा, "जिन्निक ने आज मुझे बहुत मुश्किल में डाल दिया, लेकिन इस पणे में मैं गर्व से कह सकता हूँ कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।"
जैसे डजोकविच ने अपनी शत‑फुटी की ओर कदम बढ़ाए, वहीं मीरा एंड्रीवा ने भी अपने करियर के सबसे बड़े मंच पर धूम मचा दी। 2 जुलाई को Miyu Kato को 7-5, 6-3 से हराकर पहला दो‑सेट जीत हासिल किया। इस जीत के बाद, वह तीसरे दौर में Jelena Ostapenko का सामना कर रही थीं।
ओस्टापेंको के खिलाफ पाँच‑सेट की दुराअभ्यासी लड़ाई में एंड्रीवा ने 4‑6, 6‑4, 6‑7(3), 7‑5, 6‑2 से जीत कर इतिहास रचा, क्योंकि वह पहली रूसी महिला बन गईं जिसने इस बड़े आयोजन में तीसरे दौर से आगे बढ़ते हुए पाँच सेट खेले। "यह मेरे लिए सपने जैसा है," एंड्रीवा ने हँसते हुए कहा, "मैं आज यहाँ तक पहुंची हूँ और अब आगे बढ़ना है।" यह जीत उनके एएफपी रैंकिंग को 38 से 27 तक ले आई, जिससे वह अगले महीने के ऑलिंपिक क्वालिफ़िकेशन में एक मजबूत दावेदार बन रही हैं।
टेनिस विश्लेषक Anand Pandey ने कहा, "डजोकविच का 101‑वाँ जीत सिर्फ संख्या नहीं है; यह धीरज और प्रौद्योगिकी का मिलन है। इसी तरह एंड्रीवा ने अपनी शारीरिक क्षमता और मानसिक दृढ़ता से साबित किया कि युवा खिलाड़ी अब बड़े मंच पर जगह बना रहे हैं।"
एक अन्य विशेषज्ञ, Sofia Mikhailova, ने रूसी टेनिस की भविष्यवाणी की: "एंड्रीवा की इस सफलता से रूसी टेनिस अकादमी को नई ऊर्जा मिली है। वह न केवल इस साल के तीसरे दौर में पहुँची, बल्कि वह अगली पीढ़ी को प्रेरित करने की क्षमता रखती हैं।"
डजोकविच के लिए, अगला लक्ष्य स्पष्ट है – फेडरर के 105 जीतों को तोड़ना। अगर वह इस साल के अंत तक वही फॉर्म बनाए रखे, तो वह केवल एक ही बड़े टूर्नामेंट में नहीं, बल्कि अपने पूरे रैंकिंग के बीच में भी एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर सकते हैं।
एंड्रीवा के लिए, अभी तक का सफर सिर्फ शुरुआत है। अगले ग्रैंड स्लैम में वह कौन सी रैंक पर पहुंचेगी, यह देखना बाकी है, परन्तु आज उनका प्रदर्शन इस बात को सिद्ध करता है कि वह भविष्य में शीर्ष 10 में जगह बना सकती हैं।
यह जीत फेडरर के 105‑जीत रिकॉर्ड के करीब है, जिससे डजोकविच को सबसे सफल ग्रैंड स्लैम खिलाड़ियों में शामिल होने का मजबूत दावेदार बनाता है। इसके अलावा, उम्र 38 पर यह परफॉर्मेंस उनकी थकान‑प्रबंधन और रणनीतिक खेल को दर्शाता है।
तीसरे दौर में एंड्रीवा को पांच‑सेट में जेलीना ओस्टापेंको का सामना करना पड़ा। वह शुरुआती दो सेट में पीछे रही, परन्तु बीच के सेटों में अपना गेम बदल कर अंत में जीत हासिल कर ली। यह लड़ाई उनकी शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक दृढ़ता को दर्शाती है।
यदि डजोकविच इस साल के शेष ग्रैंड स्लैम में अपनी वर्तमान फॉर्म बनाए रखे, तो 2025‑2026 में वह फेडरर के 105 जीत रिकॉर्ड को लकीर पर लाने के क़रीब हो सकते हैं। लेकिन यह काफी हद तक उनकी शारीरिक स्थिति और प्रतियोगियों की तैयारी पर निर्भर करेगा।
एंड्रीवा का प्रदर्शन रूसी टेनिस अकादमी को नई प्रेरणा देता है। युवा खिलाड़ी अब देख सकते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना संभव है, जिससे भविष्य में रूसी टेनिस का स्तर बढ़ने की संभावनाएँ विस्तृत होंगी।
टिप्पणि
santhosh san
6 अक्तूबर 2025डजोकविच की 101वीं जीत वाकई में इतिहास की एक नई कड़ी है। उन्होंने उम्र के बावजूद शारीरिक ताकत को बनाए रखा है। इस जीत से उनके फेडरर के रिकॉर्ड को तोड़ने का लक्ष्य और स्पष्ट हुआ। वाक्यांशों में अक्सर उनके खेल का शोरगुल सुनाई देता है। युवा खिलाड़ी एंड्रीवा को देखते हुए भविष्य उज्ज्वल दिखता है।