झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की दिल्ली यात्रा ने राज्य की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दिया है। 18 अगस्त, 2024 को चंपई सोरेन ने दिल्ली की यात्रा की जिसमें उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाएँ जोरों पर हैं। हालांकि, चंपई सोरेन ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि यह यात्रा केवल उनके व्यक्तिगत काम के लिए थी, उन्होंने किसी भाजपा नेता से मिलने से इनकार किया है। लेकिन, राजनीतिक पंडित इस बार को इतनी आसानी से मानने को तैयार नहीं हैं।
चंपई सोरेन के दिल्ली यात्रा के बाद झारखंड में राजनीतिक वातावरण पूरी तरह से गर्म हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा एमएलए को तोड़ने और समुदायों के बीच विभाजन फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा की वो अपनी पार्टी की जीत पर पूरा भरोसा रखते हैं और भाजपा को तुरंत चुनाव कराने की चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
चंपई सोरेन का झारखंड, विशेषकर कोल्हान क्षेत्र में गहरा प्रभाव है। उनके भाजपा में जाने की खबरों से यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि इससे राज्य की राजनीतिक समीकरण किस दिशा में जाएगा। भाजपा ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वे इस मौके का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, ताकि कोल्हान क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर सकें।
दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नेतृत्वकर्ता पार्टी अपनी पकड़ को मजबूत रखने के लिए रणनीति बनाने में जुटी है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि चंपई सोरेन का समर्थन खोने के बाद भी वे अपने मजबूत आधार और विश्वास पर जमे रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के "तोड़-फोड़" की राजनीति से निपटने के लिए नई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।
झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। यहां सवाल यह है कि क्या चंपई सोरेन वास्तव में भाजपा में शामिल होंगे या यह सिर्फ एक अफवाह है? इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान नवरत्न की ओर गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में इनकी भूमिका क्या होगी।
हेमंत सोरेन ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मीडिया से कहा कि भाजपा को अगर अपनी ताकत पर यकीन है तो तुरंत चुनाव कराए। उन्होंने इसकी चुनौती दी और झारखंड की जनता में अपना समर्थन बताते हुए कहा कि वे चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करेंगे। भाजपा की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ये देखा जा सकता है कि वे किसी भी हालात में अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हुए हैं।
चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना या न होना झारखंड की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। भाजपा के कुछ सूत्रों के अनुसार, वे इस मौका को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वहीँ, JMM ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे किसी भी परिस्थिति में अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देंगे और जनता के समर्थन पर पूरा भरोसा रखते हैं।
कुल मिलाकर, झारखंड की राजनीति में आगामी दिनों में और भी अधिक दिलचस्प मोड़ आने की संभावना है। चंपई सोरेन की इस राजनीति यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि झारखंड की विधानसभा चुनाव हर किसी के लिए हिस्से का खेल है और इसमें किस की जीत होगी, यह वक्त ही बताएगा।
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