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केंद्रीय बजट 2024: तारीख की उलझन समाप्त, जुलाई 23 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी पूर्ण बजट
Abhishek Rauniyar

Abhishek Rauniyar

केंद्रीय बजट 2024: तैयारी और तारीख की पुष्टि

केंद्रीय बजट 2024 की तारीख को लेकर हाल में बहुत सी अटकलें थीं, लेकिन अब वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यह स्पष्ट हो चुका है कि बजट 23 जुलाई को प्रस्तुत किया जाएगा। पहले समझा जा रहा था कि यह 22 जुलाई को पेश किया जाएगा, लेकिन अब यह तय माना जा रहा है कि 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा और पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश होगा।

यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा, जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए उनका सातवां बजट होगा। इससे पहले वह छह और बजट पेश कर चुकी हैं, जिसमें से एक अंतरिम बजट भी शामिल है। बजट तैयारियों में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई है, वित्त मंत्री लगातार विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर रही हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण और संसद का सत्र

आर्थिक सर्वेक्षण और संसद का सत्र

23 जुलाई को पेश होने वाले बजट से एक दिन पहले 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने की संभावना है। 22 जुलाई को ही संसद का मॉनसून सत्र भी शुरू होगा। संभावना है कि इस दिन आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा और उसके अगले दिन केंद्रीय बजट पेश होगा। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन वित्त मंत्रालय के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यही तारीखें तय मानी जा रही हैं।

अर्थव्यवस्था के लिए उम्मीदें

वित्तीय वर्ष 2024-25 का यह बजट कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा। सबसे पहले यह देखना रोचक होगा कि वित्त मंत्री बजट में किन-किन क्षेत्रों को प्राथमिकता देती हैं। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और उद्योग सभी की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही संकेत दिया है कि इस बार बजट में सतत विकास, सामाजिक सुरक्षा, और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

आम जनता की अपेक्षाएं भी इस बजट से जुड़ी होंगी। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने, और आर्थिक विकास को स्थिर करने के उपायों की उम्मीद की जा रही है। कृषि क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बढ़िया बजट आवंटन, और छोटे उद्योगों के विकास के लिए राहत पैकेज की भी संभावनाएं हैं।

वित्त मंत्रालय की चुनौतियां

हालांकि बजट तैयार करना कोई सहज काम नहीं होता। हर मंत्रालय और विभाग अपनी-अपनी मांगें लेकर आता है। इधर आम जनता की उम्मीदें भी बहुत होती हैं। वित्त मंत्री के लिए यह चुनौती भी होती है कि हर क्षेत्र को संतुलित तरीके से सुविधा प्रदान करें। यही वजह है कि बजट तैयार करने का काम बहुत व्यवस्थित और संगठित तरीके से होता है।

निर्मला सीतारमण और उनकी टीम विभिन्न उद्योगों, अर्थशास्त्रियों, और विशेषज्ञों से लगातार परामर्श ले रही हैं ताकि बजट को सभी दृष्टिकोणों से संतुलित और समावेशी बनाया जा सके। वित्त मंत्री के लिए यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि पिछले बजट के कार्यान्वयन में क्या वास्तविकताओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उन समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकेगा।

आर्थिक सर्वेक्षण की भूमिका

आर्थिक सर्वेक्षण की भूमिका

आर्थिक सर्वेक्षण, जो 22 जुलाई को पेश किया जाएगा, बजट तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इस सर्वेक्षण में हमारी आर्थिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण होता है और इसमें आने वाले वर्ष के लिए योजनाओं और सुझावों का खाका होता है। यह सर्वेक्षण बजट प्रस्तावों का आधार भी बनता है।

आर्थिक सर्वेक्षण में आर्थिक वृद्धि दर, मुद्रास्फीति, रोजगार के आंकड़े, सरकारी वित्तीय स्थिति, और विभिन्न क्षेत्रों की प्रदर्शन पर विस्तारित जानकारी होती है। यह देखा जाएगा कि इस साल के आर्थिक सर्वेक्षण में किस प्रकार के सिफारिशें और विश्लेषण किए गए हैं और वे बजट प्रस्तावों में किस प्रकार से परिलक्षित होते हैं।

उम्मीदें और संभावनाएं

उम्मीदें और संभावनाएं

इस बार का बजट जनता और व्यापारियों के लिए विशेष किंतु महत्वपूर्ण नजरियों से देखा जाएगा। आर्थिक मंदी के इस दौर में यह देखना रोचक होगा कि सरकार किन नीतियों और योजनाओं के माध्यम से आर्थिक वृद्धि दर को पुन: संचालित करने का प्रयास करती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रमुख विषयों में सरकारी निवेश, कर सुधार, व्यापारिक प्रोत्साहन, और जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, आम जनता के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का और भी अधिक प्रभावी होना अत्यंत आवश्यक है।

वित्त मंत्री के लिए अपेक्षित दिशा-रेखाएं

निर्मला सीतारमण के लिए यह बजट एक महत्वपूर्ण अवसर होगा जिसमें वे देश को आर्थिक संकुचन से उबारने के लिए अपनी योजनाएं प्रस्तुत करेंगी। वित्त मंत्री के सामने एक चुनौती यह भी होगी कि कैसे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले कदमों को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार करें।

सरकारी खर्चों को नियंत्रित करने, नई योजनाओं के लिए वित्तीय आवंटन, और सरकारी राजस्व बढ़ाने के उपायों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक होगा।

कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट 2024-25 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा, जो न केवल आर्थिक नीतियों का निर्धारण करेगा बल्कि सरकार की प्राथमिकताओं और दृष्टिकोण को भी प्रतिबिंबित करेगा।

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टिप्पणि

RajAditya Das

RajAditya Das

3 जुलाई 2024

बजट की तारीख फिर से बदल दी, अब कौन‑सा दिन सही है 😒

Harshil Gupta

Harshil Gupta

13 जुलाई 2024

बजट की तारीख तय हो गई है तो थोडा आराम मिल गया। पिछले कुछ हफ़्तों में अफवाहों की लहरें आ रही थीं, लेकिन अब स्पष्टता आई है। उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर ठोस कदम उठाएंगी। सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ हुई मीटिंग्स से तैयारियों में कमियों का पता नहीं चला।

Rakesh Pandey

Rakesh Pandey

24 जुलाई 2024

अरे भाई, इतनी सहजता से सब को समझा रहे हो, पर असली मुद्दा तो बजट में कहाँ है? आम जनता की समस्याओं को हल करने के लिए क्या कोई नई स्कीम है 😏

Simi Singh

Simi Singh

4 अगस्त 2024

ये सब दिखावा है, सरकार के पीछे के बड़े खिलाड़ी बजट को अपने फायदे के लिए मोड़ते हैं। असली तथ्य तो पीछे के दस्तावेजों में छिपे हैं, यूँ नहीं कि हर साल यही घोटालों का खेल चलता रहे।

Rajshree Bhalekar

Rajshree Bhalekar

15 अगस्त 2024

मैं तो बस यही चाहता हूँ कि मेरे परिवार की ज़रूरतें इस बजट में शामिल हों। उम्मीद है सरकार सुन लेगी।

Ganesh kumar Pramanik

Ganesh kumar Pramanik

26 अगस्त 2024

बजट की डेट फिक्स हो गयी, अब देर नहीं होगी। चलो देखते हैं कौन‑से सेक्टर में चमकता है 🚀।

Abhishek maurya

Abhishek maurya

6 सितंबर 2024

इस बार का बजट कई लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए क्योंकि आर्थिक मंदी की चिंगारी अभी भी जारी है।
किसानों को राहत पैकेज दिलाने के लिये विशेष कृषि निधि की बात कही गई है।
शिक्षा क्षेत्र में नई स्कीम्स की घोषणा करके नौजवानों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने का इरादा दिखाया गया है।
स्वास्थ्य में खर्च बढ़ाकर रोगी केंद्रों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की योजना बनायी गयी है।
छोटे उद्योगों के लिए लो-कर्ज सुविधा और सुल्क राहत की घोषणा भी बजट में शामिल है।
सरकार ने डिजिटल लेन‑देन को बढ़ावा देने के लिये टैक्स कटौतियों की योजना बनायी है।
सामाजिक सुरक्षा के तहत वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि की बात कही गई है।
रोजगार सृजन के लिये नई स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को विकसित करने के लिये फंड स्थापित किया जाएगा।
व्यापार अनुकूलन के लिये निर्यातक को सब्सिडी और कस्टम ड्यूटी में छूट दी जाएगी।
पर्यावरण संरक्षण के लिये स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को फंडिंग मिलने की संभावना है।
राजकोषीय घाटे को कम करने हेतु अप्रभावी खर्चों को काटने की पहल की जाएगी।
बजट दस्तावेज़ में ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को सुधारने के लिये सड़कों और जल आपूर्ति पर खर्च बढ़ाने की योजना है।
इस बजट में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये माइक्रो‑कर्ज और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उल्लेख है।
सरकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि पर भी चर्चा हुई है जिससे खाता‑पुस्तक में कुछ हल्का पड़ेगा।
कुल मिलाकर, यह बजट आर्थिक स्थिरता और विकास के लिये एक व्यवस्थित कदम दिखाता है, लेकिन इसका वास्तविक प्रभाव समय के साथ ही स्पष्ट होगा।

Sri Prasanna

Sri Prasanna

16 सितंबर 2024

सही कहा पर बजट में तो हमेशा शब्द बहुत होते हैं पर असली काम नहीं दिखता

Sumitra Nair

Sumitra Nair

27 सितंबर 2024

आर्थिक परिप्रेक्ष्य में इस बजट का महत्व अविस्मरणीय है; यह न केवल विकासशील लक्ष्यों को रेखांकित करता है, बल्कि सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को भी सुदृढ़ करता है 🌟।

Ashish Pundir

Ashish Pundir

8 अक्तूबर 2024

बजट तय़ हो गया, अब देखेंगे क्या बदलाव होते हैं

gaurav rawat

gaurav rawat

19 अक्तूबर 2024

बजट में कई अच्छे आइडिया हैं, बस फॉलो‑अप पे ध्यान देना चाहिए 🙌। चलो साथ में देखेंगे कैसे लागू होते हैं।

Vakiya dinesh Bharvad

Vakiya dinesh Bharvad

30 अक्तूबर 2024

बजट की नई तारीख ने सबको राहत दी :)

Aryan Chouhan

Aryan Chouhan

10 नवंबर 2024

देखते है ये बजट कितना काम का निकलेगा, अभी तक तो बस वादे ही हैं।

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