मुशफिकुर रहीम ने अपने 100वें टेस्ट मैच में ठीक 100 रन बनाकर क्रिकेट के 146 साल के इतिहास में एक अद्वितीय मील का पत्थर रच दिया। यह जानकारी बांग्लादेश और आयरलैंड के बीच खेले गए टेस्ट सीरीज के दौरान एक यूट्यूब शॉर्ट्स वीडियो में सामने आई, जिसमें इसे '100 पर 100' प्रदर्शन कहा गया। इस तरह, वह ऐसे केवल 11वें बैटर बन गए, जिन्होंने अपने 100वें टेस्ट में सदी पूरी की है। यह उपलब्धि न सिर्फ व्यक्तिगत अर्जन है, बल्कि बांग्लादेश क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक पल है।
मुशफिकुर रहीम बांग्लादेश के एक अनूठे विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं, जिन्होंने 2005 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। अब तक उन्होंने 100 से अधिक टेस्ट मैच खेले हैं, और उनकी टेस्ट कैरियर की औसत 39 से अधिक है। उन्होंने अपने खेल में निरंतरता और दबाव में शांति बरकरार रखने के लिए जाने जाते हैं। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के लिए लगभग 20 साल तक खेलने के बाद, वह अब टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाजों में से एक हैं। उनकी यह उपलब्धि उनकी टीम के लिए भी एक बड़ा आत्मविश्वास का संकेत है।
मुशफिकुर रहीम से पहले दुनिया भर में केवल 10 बल्लेबाज ही अपने 100वें टेस्ट में सदी बना पाए थे। इनमें भारत के सुनील गावस्कर, ऑस्ट्रेलिया के अलन बॉर्डर, इंग्लैंड के जो रूट, और श्रीलंका के महेला जयवर्धने शामिल हैं। ये सभी खिलाड़ी अपने-अपने देशों के लिए अलग-अलग युगों में खेले और अपने समय के सर्वश्रेष्ठ माने गए। गावस्कर ने 1987 में इस उपलब्धि को हासिल किया था, जबकि रूट ने 2021 में इसे दोहराया। मुशफिकुर की यह उपलब्धि एशिया के दूसरे खिलाड़ी के रूप में आई है, जो इस बात को साबित करती है कि आधुनिक क्रिकेट में विकेटकीपर-बल्लेबाज भी इतिहास बना सकते हैं।
यह टेस्ट सीरीज बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट आयरलैंड के बीच खेली गई थी, जो दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ थी। आयरलैंड ने 2018 में टेस्ट स्टेटस प्राप्त किया था, और यह उनका दूसरा टेस्ट सीरीज था। बांग्लादेश ने 2000 के दशक में टेस्ट क्रिकेट में प्रवेश किया था, और अब यह टीम अपने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस सीरीज का मैच धाका के नेशनल स्टेडियम में खेला गया, जहां मुशफिकुर ने अपने घरेलू मैदान पर यह ऐतिहासिक शतक लगाया।
100 टेस्ट मैच खेलना ही एक बड़ी उपलब्धि है — इसके लिए लगातार 15 से 20 साल तक शारीरिक और मानसिक रूप से स्थिर रहना पड़ता है। इनमें से केवल 11 ने सदी भी बनाई। यह एक ऐसा संयोग है जो आमतौर पर नहीं होता। अक्सर खिलाड़ी अपने 100वें मैच के बाद अपना अंतिम टेस्ट खेलते हैं, लेकिन मुशफिकुर ने इसे एक जश्न में बदल दिया। यह उनकी टीम के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा है। बांग्लादेश के लिए, जो अभी भी टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बना रहा है, यह उपलब्धि उनके विकास का प्रतीक है।
नहीं, बांग्लादेश के लिए यह नया नहीं है। पहले ही शाकिब अल हसन ने 2022 में अपने 100वें टेस्ट में 50+ रन बनाए थे। लेकिन एक सदी बनाना अलग कहानी है। यह उनके बल्लेबाजी कौशल की गहराई को दर्शाता है। अगर हम देखें तो बांग्लादेश के टेस्ट इतिहास में केवल 12 खिलाड़ियों ने 100 से अधिक टेस्ट खेले हैं। उनमें से केवल तीन ने सदी बनाई है — मुशफिकुर, शाकिब और ताहीर अहमद। इसलिए यह उपलब्धि बांग्लादेश क्रिकेट के लिए एक नई ऊंचाई है।
मुशफिकुर अभी भी टीम के लिए जरूरी खिलाड़ी हैं। वह अगले छह महीनों में बांग्लादेश की दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में खेलने की उम्मीद हैं। उनके लिए अब लक्ष्य अपने 100वें टेस्ट के बाद भी टीम के लिए योगदान देना है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने इस उपलब्धि को ऑफिशियल तौर पर स्वीकार कर लिया है, और अगले महीने एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा, यह उपलब्धि आयरलैंड के लिए भी एक शिक्षाप्रद अनुभव रही — उन्होंने एक ऐसे खिलाड़ी के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसने इतिहास रच दिया।
टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 15 मार्च, 1877 को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न में हुई थी। आज तक लगभग 2,500 खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट खेला है, लेकिन केवल 11 ने अपने 100वें मैच में सदी बनाई। यह आंकड़ा बताता है कि यह उपलब्धि कितनी दुर्लभ है। यह सिर्फ बल्लेबाजी कौशल का नहीं, बल्कि लगातार उच्च स्तर पर प्रदर्शन करने की लगन का भी परिणाम है। आज के समय में, जब टी-20 क्रिकेट अधिक लोकप्रिय है, तो ऐसी उपलब्धियां और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
मुशफिकुर रहीम ने बांग्लादेश के घरेलू मैदान, धाका के नेशनल स्टेडियम में आयरलैंड के खिलाफ अपने 100वें टेस्ट मैच में 100 रन बनाए। उन्होंने 172 गेंदों पर 11 चौकों और एक छक्का लगाकर इस शतक को पूरा किया। वह दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे और 225 रन की पारी का आधार बने।
क्रिकेट के 146 साल के इतिहास में केवल 11 बल्लेबाज ही अपने 100वें टेस्ट मैच में सदी बना पाए हैं। यह उपलब्धि केवल उन्हीं को मिलती है जो लगातार 15-20 साल तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते रहें और दबाव में भी शांत रहें। यह उपलब्धि अपने आप में एक जीवनकाल की उपलब्धि है।
अभी तक केवल तीन ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके 95+ टेस्ट हैं और वे सदी बनाने की ओर बढ़ रहे हैं — शाकिब अल हसन, नजमुल होसैन शांतो और ताहीर अहमद। लेकिन उनमें से कोई भी अभी तक 100वें टेस्ट में शतक नहीं बना पाया है। यह उपलब्धि बहुत कम होती है, इसलिए अगला खिलाड़ी बनने में कई साल लग सकते हैं।
हां, यह बांग्लादेश के लिए एक नया रिकॉर्ड है। वह पहले बांग्लादेशी खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने 100वें टेस्ट में शतक बनाया। इससे पहले शाकिब अल हसन ने 2022 में अपने 100वें टेस्ट में 78 रन बनाए थे, लेकिन शतक नहीं। यह उपलब्धि बांग्लादेश के टेस्ट इतिहास में एक नया अध्याय खोलती है।
बिल्कुल। बांग्लादेश अभी भी टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान बना रहा है। मुशफिकुर की यह उपलब्धि टीम के लिए एक बड़ा आत्मविश्वास का संकेत है। यह दिखाता है कि वे न सिर्फ टेस्ट मैच खेल सकते हैं, बल्कि इतिहास भी बना सकते हैं। यह युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है।
हां, यह मैच 2023-25 आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के दौरान खेला गया था। बांग्लादेश ने इस सीरीज को 2-0 से जीता, और इस शतक ने टीम को टूर्नामेंट में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की। यह उपलब्धि टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में ऊपर जाने का एक बड़ा कारण बनी।
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