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सांस लेने में तकलीफ के कारण एम्स दिल्ली में भर्ती सेताराम येचुरी की स्थिति गंभीर
Abhishek Rauniyar

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सेताराम येचुरी की स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता बढ़ी

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सेताराम येचुरी की स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनका इलाज चल रहा है। 72 वर्षीय येचुरी को 19 अगस्त को फेफड़े संबंधी संक्रमण के कारण भर्ती किया गया था। शुरूआत में उनकी हालत स्थिर बताई जा रही थी और वे इलाज के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे थे, लेकिन अब उनकी स्थिति गंभीर हो चुकी है।

एम्स में गहन देखभाल

सेताराम येचुरी को आईसीयू में रखा गया है और एक मल्टी-डिसिप्लिनरी डॉक्टरों की टीम उनकी हालत पर बारीकी से नजर रख रही है। उनकी सांस लेने की समस्या के चलते उन्हें श्वास समर्थन पर रखा गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है और जरूरी उपचार मुहैया करा रही है।

पिछले कुछ समय से जारी स्वास्थ्य समस्याएं

याद दिला दें कि देचुरी की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पिछले कुछ समय से जारी हैं। हाल ही में उन्होंने मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी। इसके बावजूद उन्होंने 22 अगस्त को एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर शोक प्रकट किया था। यह वीडियो संदेश उनके द्वारा अस्पताल में भर्ती होने के बाद जारी किया गया था।

राजनीतिक जीवन और महत्वपूर्ण योगदान

सेताराम येचुरी ने 1975 में सीपीआई(एम) जॉइन की थी। वे भारतीय राजनीति के एक प्रमुख चेहरे रहे हैं। खासतौर पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में उनकी प्रसिद्धि रही है। इनके साथ, प्रकाश करात के नेतृत्व में जेएनयू में वामपंथी प्रभाव को मजबूत बनाने का श्रेय भी इन्हें जाता है।

सरकार को लेकर आलोचना

हाल ही में, येचुरी ने केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला था। उन्होंने सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों को सरकारी मशीनरी में घुसपैठ कराने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि इससे सरकार अपनी मंशा को आगे बढ़ाना चाहती है। येचुरी ने हमेशा वामपंथी विचारधारा को मजबूती से रखा है और विभिन्न मंचों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।

आने वाले चुनावों में सक्रियता

आने वाले चुनावों में सक्रियता

जम्मू-कश्मीर में आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी येचुरी सक्रिय थे। उन्होंने सीपीआई(एम), कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच एकता का संदेश दिया था। येचुरी का कहना था कि ये चुनाव देश की धर्मनिरपेक्षता, एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके संदेश में जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

येचुरी के राजनीतिक जीवन का सफर बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उनकी पार्टी और उनके समर्थक उनकी जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। इस समय सभी की नजरें एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट पर टिकी हैं। हम आशा करते हैं कि वे जल्द ही स्वस्थ होकर मैदान में वापस लौटेंगे।

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