आपने शायद इलेक्ट्रिक कारों के बारे में बहुत सुना होगा, लेकिन हाइड्रोजन कार भी उतनी ही रोचक है। ये गाड़ी पानी से निकलती ऊर्जा को इस्तेमाल करती है और धुँआ नहीं छोड़ती। अगर आप पर्यावरण की चिंता करते हैं या फ्यूल खर्च कम करना चाहते हैं, तो हाइड्रोजन कार पर एक नज़र जरूर डालें।
सबसे पहले समझते हैं कि ये गाड़ी किसे ऊर्जा देती है। हाइड्रोजन को बैटरी की जगह ईंधन सेल में रखा जाता है। जब आप गैस पेडल दबाते हैं, तो हाइड्रोजन और हवा (ऑक्सीजन) मिलकर रासायनिक प्रतिक्रिया करती है। इस प्रक्रिया से बिजली बनती है और मोटर चलती है। मुख्य बात यह है कि आउटपुट सिर्फ पानी के वाष्प होते हैं, इसलिए कोई प्रदूषण नहीं।
ईंधन सेल में हाइड्रोजन को स्टोर करने का तरीका हाई प्रेशर टैंक होता है, जो सुरक्षित रूप से 700 बार तक दबाव सह सकता है। रिफिलिंग स्टेशन पर गाड़ी भरने में सिर्फ पाँच मिनट लगते हैं – पेट्रोल या डीज़ल की तरह तेज़। फिर भी बैटरी वाली इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले हाइड्रोजन का ऊर्जा घनत्व अधिक होता है, इसलिए लंबी दूरी बिना चार्ज की चिंता तय की जा सकती है।
अभी भारत में हाइड्रोजन स्टेशन बहुत कम हैं, लेकिन सरकार ने इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं। राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत 2030 तक देश भर में सैकड़ों रिफिलिंग पॉइंट स्थापित करने की योजना है। अगर आप इस क्षेत्र में निवेश या नौकरी ढूंढ़ रहे हैं, तो यह एक बड़ा अवसर बन सकता है।
हाइड्रोजन कारों के फायदे स्पष्ट हैं – शून्य उत्सर्जन, तेज़ रिफिल, और लंबी ड्राइविंग रेंज। लेकिन चुनौतियाँ भी हैं: टैंक का निर्माण महंगा है, हाइड्रोजन को स्टोर करना कठिन है, और अभी तक उत्पादन की लागत बहुत अधिक है। फिर भी कई ऑटो कंपनियां इसे भविष्य के क्लीन मोबिलिटी समाधान मान रही हैं।
अगर आप एक शुरुआती खरीदार हैं, तो सबसे पहले अपने रोज़मर्रा के उपयोग को देखिए। अगर आपके पास लंबी दूरी का सफर है और रिफिलिंग स्टेशन आपके नजदीक हों, तो हाइड्रोजन कार आपके लिए बेहतर हो सकती है। दूसरी तरफ, यदि आप शहर में छोटे ट्रिप करते हैं, तो इलेक्ट्रिक कार अभी भी सस्ती विकल्प रह सकती है।
आखिरकार, हाइड्रोजन कार को अपनाना एक व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन इसका पर्यावरणीय लाभ बहुत बड़ा है। जब भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होगी, तब यह तकनीक मुख्यधारा में आ जाएगी। इस बीच आप जानकारी जमा रखें, टेस्ट ड्राइव लें और देखिए कि क्या ये गाड़ी आपके जीवनशैली से मेल खाती है।
हाइड्रोजन कार के बारे में आपका अनुभव या सवाल नीचे कमेंट में लिखें – हम मिलकर इस नई टेक्नोलॉजी को समझेंगे और भविष्य की सफ़र को साफ़ बनायेंगे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टॉयोटा मिराई हाइड्रोजन FCEV से भारत में हरित परिवहन को आगे बढ़ाया। यह कार एक बार फ्यूल पर 1300 किमी चली, और अब बिहार के डिप्टी सीएम के पास है। इस पहल से भारत में हाइड्रोजन ईंधन का भविष्य और बुनियादी ढांचे की संभावनाएं खुल रहीं हैं।
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