ज्योतिष वह विज्ञान है जो ग्रहों, नक्षत्रों और राशि चक्र के आधार पर हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझता है। अक्सर लोग इसे टेढ़ा-मेढ़ा समझते हैं, पर असल में यह हमारी रोज़मर्रा की समस्याओं का आसान समाधान दे सकता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि शादी, नौकरी या स्वास्थ्य में कब अच्छा समय आएगा, तो ज्योतिष आपके लिए एक भरोसेमंद साथी हो सकता है।
राशिफल पढ़ने के लिए पहले अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान का पता होना जरूरी है। इन जानकारी से बनती है आपकी जन्म कुंडली, जिसमें 12 घरों के साथ 9 मुख्य ग्रह स्थापित होते हैं। हर घर किसी न किसी जीवन क्षेत्र से जुड़ा होता है – जैसे पहला घर पहचान, पाँचवा घर भाग्य, सातवाँ घर साझेदारी। जब आप दैनिक, साप्ताहिक या मासिक राशिफल देखते हैं, तो वह इन ग्रहों की स्थितियों का सारांश होता है।
उदाहरण के तौर पर, यदि आपका सौर राशि मेष है और आज मंगल आपका अग्र भाग्य का ग्रह है, तो आपको ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि महसूस होगी। ऐसे समय में नई प्रोजेक्ट शुरू करना या फिटनेस रूटीन बदलना फायदेमंद रहेगा। इसी तरह शनि की मंद गति आपको धैर्य और अनुशासन की सीख दे सकती है, इसलिए इस अवधि में बड़े फैसले सोच-समझ कर लेना चाहिए।
ग्रहों का प्रभाव केवल भविष्यवाणी नहीं, बल्कि सुधार भी है। अगर आपका लग्न (पहला घर) मीन में है और आपको तनाव की समस्या है, तो रोज़ रात में हल्का जल या हल्दी वाला पानी पीने से शान्ति मिलती है, क्योंकि मीन जल तत्व से जुड़ा है। वैदिक ज्योतिष में ‘रक्तिक रत्न’ और ‘मंत्र’ भी मददगार होते हैं – जैसे शनि के लिए काली मूसली या शनि मंत्र का जाप।
एक और आसान उपाय है ‘सौभाग्यवृद्धि’ के लिए घर में हरी पौधियों को रखें, विशेषकर तुलसी। यह वायु को शुद्ध करता है और ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। याद रखें, ज्योतिष का असर तभी दिखता है जब आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करें।
तो अगली बार जब आप अपने दैनिक राशिफल पर नज़र डालें, तो सिर्फ पढ़ने तक सीमित न रखें। समझें कौन सा घर, कौन सा ग्रह आपके ऊपर असर डाल रहा है, और फिर उस अनुसार अपने दिन को प्लान करें। ज्योतिष को सही दिशा में इस्तेमाल करने से आप न सिर्फ भविष्य के बारे में स्पष्टता पा सकते हैं, बल्कि अपने वर्तमान को भी बेहतर बना सकते हैं।
सितंबर 21 को रात 11 बजे से 4 बजे तक होने वाला सौरग्रहण 2025 भारत में दिखाई नहीं देगा, पर इसका ज्योतिषीय असर विश्वभर में महसूस होगा। विशेष रूप से मिथुन राशि वालों को अगले 15 दिनों में ग्रहों के बदलावों से जुड़ी चुनौतियों के लिये सतर्क रहना चाहिए। राहु के परिवर्तन, बृहस्पति की रक्षा और शनि की दृष्टि इस अवधि को जटिल बनाते हैं। काम, रिश्ते और आध्यात्मिक पहलुओं में सावधानी बरतनी जरूरी है।
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