जब Roger Binny, एक भारतीय क्रिकेटर हैं जो 1980‑90 के दशक में तेज़ गेंदबाज़ी और दमदार बैटिंग दोनों में निखरे, रॉजर बिन्नी का नाम सुनते हैं, तो याद आता है 1983 का वर्ल्ड कप और उस टीम की बेजोड़ जीत। इस पेज पर हम उनके करियर की प्रमुख बातें, प्रमुख रिकॉर्ड और आज उनके योगदान का असर समझेंगे। साथ‑साथ World Cup 1983, वह टूर्नामेंट जहाँ भारत ने पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता और All‑rounder, ऐसे खिलाड़ी जो बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में बराबर दक्षता रखते हैं को भी देखें तो पता चलता है कि Roger कैसे इस श्रेणी में फिट होते हैं।
Roger की बल्लेबाज़ी शैली सरल लेकिन प्रभावी थी—सीधी लाइन पर छक्का मारने की क्षमता उनके खेल की पहचान बन गई। शुरुआती दौर में उन्हें मुख्य रूप से तेज़ गेंदबाज़ के रूप में देखा जाता था, लेकिन 1983 के वर्ल्ड कप में उन्होंने 17 विकेट लेकर टॉप विकेट‑टेकर बनकर साबित किया कि वह ऑल‑राउंडर हैं। यह वही करिश्मा था जिसने भारतीय टीम को पाकिस्तान और इंग्लैंड जैसी ताकतों के खिलाफ जीत दिलाई। उनके 5‑विकेट हाइलाइट्स दर्शाते हैं कि एक गेंदबाज़ भी कैसे मैच का मोड़ बदल सकता है।
Roger ने अपने 42 ODI में 22.99 की औसत से 185 विकेट लिए—एक ऐसा आंकड़ा जो उनके समय में सबसे शानदार माना जाता था। 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ उनका 5/27 एक यादगार क्षण है, जहाँ उन्होंने विपक्षी टॉप ऑर्डर को जल्दी आउट कर दिया। घरेलू टेस्ट में उन्होंने 10‑विकेट मैच भी किया, जो उनके बहुपक्षीय कौशल का प्रमाण है। इस तरह के आँकड़े यह दिखाते हैं कि वह सिर्फ एक पिच‑साइड प्लेयर नहीं, बल्कि मैच‑विचार करने वाले खिलाड़ी थे।
उनका व्यक्तिगत जीवन भी दर्शाता है कि कैसे खेल के साथ शिक्षा और अनुशासन भी महत्त्वपूर्ण होते हैं। Roger ने अपने शुरुआती दिनों में ज़िले के छोटे क्रिकेट अकादमी में अभ्यास किया, जहाँ कोचों ने उनकी गति और स्विंग पर विशेष ध्यान दिया। बाद में दिल्ली क्लब में उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया गया। इस सफर में उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया, जिनमें उनके भाई सनी भी शामिल हैं, जो बाद में भारतीय टीम में एक प्रमुख ऑल‑राउंडर बनें।
आज के समय में कई युवा क्रिकेटर Roger Binny के खेल से सीखने की कोशिश कर रहे हैं। उनके बॉलिंग में दो‑साइड स्विंग और कमर की ताकत को देखकर कई बॉलिंग कोच अपने प्रशिक्षण में समान तकनीक अपनाते हैं। बैटिंग में उनका काउंटर‑अटैक खेलना एक सबक बन गया है—खेल के दबाव में कैसे शांत रहकर जोखिम उठाया जाए। यही कारण है कि उनके नाम को अक्सर “अधिकतम प्रभाव वाला ऑल‑राउंडर” कहा जाता है।
वर्ल्ड कप 1983 की जीत के बाद, Roger ने कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय लीगों में भाग लिया, जहाँ उनका अनुभव युवा टीमों को संभालने में मदद करता रहा। उन्होंने अपनी आखिरी ODI 1992 में खेली, फिर कोचिंग और टिप्पणीकार के रूप में भी सक्रिय रहे। यह विविधता दर्शाती है कि एक खिलाड़ी के जीवन में कई रूप होते हैं—खेल, सीखना, सिखाना और प्रेरित करना।
अगर आप Roger Binny के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं, तो नीचे के लेखों में उनके विशेष खेल स्थितियों, आँकड़ों और व्यक्तिगत कहानियों का पूरा विवरण मिलेगा। इन पोस्टों को पढ़कर आप समझ पाएँगे कि कैसे एक ऑल‑राउंडर ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास को नई दिशा दी और आज भी उनका असर कैसे महसूस किया जा रहा है। अब आप तैयार हैं उन रोमांचक कहानियों को पढ़ने के लिए जो इस पेज पर जमा हैं।
मिथुन मनहास को BCCI के 37वें अध्यक्ष चुना गया, राजीव शुक्ला बने उपाध्यक्ष। दोडा जिले के इस टॉप क्रिकेटर की नियुक्ति से खेल और राजनीति दोनों में नई ऊर्जा आएगी।
आगे पढ़ें