हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें बॉलीवुड की नई प्रतिभा सानिधी सिंह अपने पिता, बीजेपी नेता परवेश वर्मा से मजेदार अंदाज में पूछती नजर आ रही हैं, "आप डांस भी करते हो?"। इस वीडियो ने दर्शकों का दिल जीत लिया है और इसे जमकर शेयर किया जा रहा है। सानिधी और उनके परिवार से जुड़ी इस खूबसूरत पल ने चुनावी माहौल के कठोरता के बीच एक ताजगी भरा अनुभव दिया।
इस वीडियो के वायरल होने की खास वजह है परवेश वर्मा की 2025 दिल्ली विधानसभा चुनावों में बेहतरीन जीत। उन्होंने न्यू दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भारी वोटों से हराकर भाजपा को 32 साल के बाद एक बड़ी जीत दिलाई। खास बात यह रही कि परवेश के इस संघर्ष में उनकी बेटियां सानिधी और तृषा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सानिधी और तृषा दोनों ने सक्रिय रूप से अपने पिता के प्रचार में भाग लिया। वे न सिर्फ मतदाताओं से मिलीं, बल्कि परवेश वर्मा के नेतृत्व और पार्टी के दृष्टिकोण को जनता के सामने रखा। चुनावी जीत के बाद दिए गए इंटरव्यू में बहनों ने अपने पिता के समर्पण और भाजपा के विकास के एजेंडे को जीत का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों ने झूठ को नकारते हुए विकास को चुना।
यह वीडियो सिर्फ परिवारिक प्रेम की झलक नहीं है, बल्कि उसके पीछे छुपे एक जज्बात को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि किस तरह से एकजुट परिवार, खासकर राजनीति जैसे क्षेत्र में, अपनी संपूर्ण समर्थन से किस तरह सफलता पाने में सहायक हो सकता है। यही भावनात्मक जुड़ाव और समर्थन शायद परवेश वर्मा की जीत का भी एक महत्वपूर्ण कारण था।
वर्मा परिवार ने चुनावी अभियान को एकजुट प्रयास के रूप में प्रस्तुत किया, जो शायद मतदाताओं के बीच भी गहरे तरीके से प्रकट हुआ।
टिप्पणि
Aryan Chouhan
8 फ़रवरी 2025वो वीडियो देख के बस हाई फ़न आया यार।
Tsering Bhutia
12 फ़रवरी 2025सच्ची खुशी का पल है ये, सानिधी और उनके पापा की मज़ेदार बातचीत देखकर हर किसी के चेहरे पे मुस्कान आ गई। परिवार का समर्थन हमेशा चुनावी मैदान में अतिरिक्त ताकत देता है। इस वीडियो ने दिखाया कि राजनीति भी इंसानियत से जुड़ी हो सकती है। आशा करता हूँ ऐसे और पलों को हम देखेंगे।
Dharmendra Pal
16 फ़रवरी 2025वीडियो में दिखाए गए भाव परिवारिक एकता को दर्शाते हैं। चुनावी जीत में समर्थन का महत्व स्पष्ट है। सानिधी ने पिता से सवाल किया और उनका उत्तर सहज रहा। यह दृश्य दर्शकों को आकर्षित करता है। इस प्रकार की सामग्री सामाजिक जुड़ाव को बढ़ाती है।
Vidyut Bhasin
19 फ़रवरी 2025हाह! राजनीति में इतने दिल छू लेने वाले डांस सवाल? असली शक्ति तो वोटों में है, न कि डांस मूव्स में। फिर भी ऐसा वीडियो दिल को गदगद कर देता है।
nihal bagwan
23 फ़रवरी 2025देश के भविष्य को संवारने वाले नेता को और भी मानवीय पहल दिखनी चाहिए। पिता‑पुत्री की यह झलक भारतीय परिवारों की सच्ची शक्ति को उकेरती है। हमें ऐसे ही सच्चे राष्ट्रीय भावों को समर्थन देना चाहिए। बधाई हो परवेश जी को इस जीत पर और उनके परिवार को।
Arjun Sharma
27 फ़रवरी 2025यार ये फॅमिली‑डायनॅमिक्स इस पॉलिटिकल सीन में एकदम बेस्ट एंगेजमेंट है। इन्फ्लुएंसर‑पॉलिसी मैट्रिक्स में एम्मोशन फ्रेमवर्क बहुत इम्पैक्टफुल है। स्टोरी‑टेलिंग लेवल हाई, बरोबर।
Sanjit Mondal
2 मार्च 2025बहुत ही प्यारा मोमेंट है ये 😊 परिवार की एकजुटता से ही सच्ची जीत मिलती है। सानिधी और उनके पिता ने जो ह्यूमर दिखाया, वह सभी को सकारात्मक ऊर्जा देता है। 🙏 इस तरह के कंटेंट को शेयर करना चाहिए।
Ajit Navraj Hans
6 मार्च 2025बिलकुल, ऐसा ही वायरल होना चाहिए।
arjun jowo
9 मार्च 2025सही कहा, सकारात्मक कंटेंट से ही जनता का भरोसा बढ़ता है।
Rajan Jayswal
13 मार्च 2025पिक्चर पर्फेक्ट, फ्यूज़न बेमिसाल।
Simi Joseph
17 मार्च 2025ऐसे हल्के‑फुल्के वीडियो से राजनीति की गहराई घटती नहीं बल्कि दर्शकों की समझ बढ़ती है।
Vaneesha Krishnan
20 मार्च 2025वीडियो देख कर दिल हुआ वॉव! इतना हार्दिक और फिर भी राजनैतिक संदेश मिलता है. 🙌🇮🇳 चलिए इस एनर्जी को आगे भी फॉलो करें।
Satya Pal
24 मार्च 2025राजनीति केवल वोटों का खेल नहीं, यह सामाजिक चेतना का प्रतिबिंब है। जब परिवार की एकजुटता स्पष्ट रूप से दिखती है, तो यह शक्ति का नया आयाम बन जाता है। सानिधी का प्रश्न और परवेश का सहज उत्तर दर्शकों को इंसानी संबंधों की याद दिलाते हैं। ऐसी भावनात्मक जुड़ाव ही लोगों की सोच में गहराई लाती है। चुनावी सफलता के पीछे केवल रणनीति नहीं, बल्कि घर की दीवारों में गूंथे रिश्ते भी महत्वपूर्ण होते हैं। इस वीडियो ने दिखाया कि व्यक्तिगत खुशी सार्वजनिक जीत से अलग नहीं हो सकती। जनमत को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं, उनमें से एक है भावनात्मक संबंध। परिवारिक समर्थन से ही नेता अपने दिल की धड़कन सुन पाता है। दर्शकों को भी इस प्रकार के मनोवैज्ञानिक पहलू समझ में आने चाहिए। सच्ची लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मनुष्यीयता का महत्व कभी घट नहीं सकता। इस कारण से सानिधी और उनके पिता का यह छोटा संवाद बड़ी बारीकी से देखा जाना चाहिए। सामाजिक मीडिया पर ऐसे क्लिप्स को फालो करने से सार्वजनिक संवाद में विविधता आती है। यह वीडियो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि लोगों को एकता की ओर प्रेरित करता है। अगर हम इस भावना को राजनीति में लागू कर सकें तो भविष्य में अधिक शांति मिल सकती है। अंत में कहना चाहूँगा कि परिवार की शक्ति को कभी कम नहीं आँकना चाहिए।
Partho Roy
27 मार्च 2025वाह भाई, तुमने तो बड़े गहरे में उतर गए। इसको पढ़कर दिमाग घुमा घुमा गया। लेकिन हाँ, परिवारिक समर्थन का असर वाकई में अनदेखा नहीं किया जा सकता। बस थोड़ा और सरलता लाते तो और भी बेहतर होता।