Dream11 ने IPL के आगामी सीजन के मद्देनज़र एक खास प्रमोशनल अभियान शुरू किया है। इस प्रयास में भारतीय क्रिकेट टीम के सुपरस्टार खिलाड़ी रोहित शर्मा और ऋषभ पंत को बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता जैकी श्रॉफ के साथ जोड़ा गया है। फ़ैंस के लिए ये एक अनूठा अनुभव होगा, जहां वे न सिर्फ अपने पसंदीदा क्रिकेट खिलाड़ियों बल्कि बॉलीवुड के चहेते अभिनेता से भी रू-ब-रू हो सकेंगे।
Dream11 के इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आज के क्रिकेट फैंस को आकर्षित करना और उन्हें खेल के साथ मनोरंजन का भी बड़ा डोज़ देना है। रोहित शर्मा और ऋषभ पंत अपनी क्रिकेट की कला के लिए जाने जाते हैं, जबकि जैकी श्रॉफ की उपस्थिति इसमें मनोरंजन का जबरदस्त तड़का लगाएगी। प्रमोशन के जरिए Dream11 अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक आकर्षक प्लेटफ़ॉर्म पेश कर रहा है, जहां वे अपनी फैंटेसी क्रिकेट टीम बना सकते हैं और वो भी फिल्मी अंदाज में।
अभियान के तहत Dream11 ने कई इंटरैक्टिव इवेंट्स की योजना तैयार की हैं। इन इवेंट्स में फैंस को रोहित, पंत और जैकी दादा के साथ भाग लेने का मौका मिलेगा। ये इवेंट्स पूरी तरह से एंटरटेनमेंट और गेम के सुरमयी संगम पर आधारित होंगे। क्रिकेट क्वीज़, लाइव चैट सेशंस, और प्रतियोगिताओं के ज़रिये वे फैंस के दिलों में अपनी जगह बनाएंगे।
Bollywood की ग्लैमर और क्रिकेट की तीव्रता का ये मेल प्रशंसकों का ध्यान खींचने में सफल रहेगा। IPL सीजन तो ख़ैर हर वर्ष की तरह रोमांचक होता ही है, लेकिन Dream11 की ये पहल इसे और भी रोमांचक बना देगी। जैकी दादा की स्टाइल और क्रिकेटर्स की फील्ड प्रैजेंस कहां-कहां तक पहुंचा पाएगी, ये तो समय ही बताएगा। लेकिन इतना जरूर है कि इस अभियान ने IPL की चर्चा को एक नया आयाम दे दिया है।
टिप्पणि
Tushar Kumbhare
13 मार्च 2025वाह! रोहित और जैकी की जोड़ी देख कर दिल खुश हो गया! 😎
Arvind Singh
15 मार्च 2025चलो अब हम सब क्रिकेट और फिल्म को एक साथ बिखेर दे, जैसे कल्ली केसरी के साथ खजूर की फसल। क्या ज़रूरत है असली खेल की, जब जीत-हार के साथ चमकदार प्रमोशन मिल रहा है? लोगों को बस 'फॉलो' बटन दबाना है, पर असली खेल का आनंद कहाँ?
Vidyut Bhasin
16 मार्च 2025प्रकाशक का यह नया 'क्रिकेट-फिल्म' मिश्रण वास्तव में एक सामाजिक प्रयोग है, जिसका लक्ष्य दर्शकों को अपने ही भ्रम में उलझा देना है। पहला कारण यह है कि आज के दर्शकों को केवल तेज़-तेज़ इवेंट चाहिए, न कि खरा खेल। दूसरा, यह दर्शाता है कि खिलाड़ी खुद को ब्रॉडलैंड के अधीन कर रहे हैं, जिससे मैदान की शुद्धता ख़त्म हो रही है। तीसरा, इस तरह की मार्केटिंग से खेल की मूलभूत भावना पर सवाल उठता है। चौथा, जब जैकी दादा जैसे कलाकार खेल में प्रवेश करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि मनोरंजन ही एकमात्र लक्ष्य बन गया है। पाँचवाँ, युवा खिलाड़ी अब खेल की गरिमा से अधिक सोशल मीडिया फॉलोअर्स की बाढ़ में डूब रहे हैं। छठा, इस प्रकार के प्रॉमोशन से आम लोगों को लगता है कि उनका दायित्व केवल खेल देखने का नहीं, बल्कि भागीदारी भी बन गया है। सातवाँ, इसे एक बड़े विज्ञापन के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ खिलाड़ियों को ब्रांड एम्बेसडर बनाकर बेचा जा रहा है। आठवाँ, वास्तविक क्रिकेट प्रेमी इन अनुचित राज़ियों को नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएंगे। नौवाँ, इवेंट में 'इंटरैक्टिव क्विज़' की तरह चीज़ें जोड़ने से सिद्धांतों का उल्लंघन हो रहा है, क्योंकि खेल को केवल खेल नहीं, बल्कि एक बड़े शो के रूप में पेश किया जा रहा है। दसवाँ, जब तैयारी में खिलाड़ी मैनेजरों के साथ फ़िटनेस पर नहीं, बल्कि सेल्फी और रील्स पर ध्यान देते हैं, तो खेल का मूल उद्देश्य धुंधला हो जाता है। ग्यारहवां, यह एक संकेत है कि हम एक 'डिजिटल दिवालियापन' की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ वास्तविकता को वर्चुअल बनावट ने घेर लिया है। बारहवां, इस विचारधारा को अपनाने वाले लोग अक्सर अपने ही 'फ़ैन' बन जाते हैं, वास्तविक आलोचना को अनदेखा करते हैं। तेरहवां, यदि हम इस दिशा में चलते रहे, तो खेल का एक क्या बंजारों की तरह खंडित हो जाना स्वाभाविक है। चौदहवां, वास्तव में यह हम सभी को यह सवाल पूछने पर मजबूर करता है कि हम किस प्रकार की मनोरंजन को प्राथमिकता दे रहे हैं। पंद्रहवां, अंत में, मैं यही कहूँगा कि यदि खेल और फ़िल्म का मिश्रण इतनी सहजता से हो रहा है, तो शायद हमें ऐसा कहना चाहिए कि आज की पीढ़ी में फैंटेसी का असली अर्थ क्या है? और इस सबके बीच, हमें याद रखना चाहिए कि असली जीत हमेशा मैदान पर होती है, न कि विज्ञापन के बिलबोर्ड पर।
nihal bagwan
17 मार्च 2025देश की असली पहचान केवल क्रिकेट के मैदान से नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से बनती है; इस तरह की प्रमोशन में विदेशी शैली का मिश्रण हमें अपनी पहचान से दूर ले जाता है।
Arjun Sharma
18 मार्च 2025भाई लोग, ये Dream11 का कैंपेन पूरी तरह से लीड जेनरेशन और एंगेजमेंट की टॉप लेयर पर फोकस कर रहा है, क्रिकट फैन को साइड मीटिंग में फ्री मैटीरियल जैसा फ्रीवर्ल्ड दे रहा है।
Sanjit Mondal
19 मार्च 2025उपकरणात्मक रूप से देखें तो इस पहल में फैंटसी क्रिकेट को बॉलीवुड के साथ एकीकृत करने का दृष्टिकोण उपयोगकर्ता सहभागिता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है; हालांकि, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि खेल की अखंडता बनी रहे।
Ajit Navraj Hans
20 मार्च 2025सिर्फ बास एक्शन और सेल्फी नहीं, असली मज़ा तो टीम बैटरी में है
arjun jowo
22 मार्च 2025जैकी दादा के साथ रियल टाइम चेट सेशन में लोग सीधे सवाल पूछ पाएँगे, इससे फैंस का उत्साह दोगुना हो जाएगा और IPL का मज़ा और भी बढ़ेगा
Rajan Jayswal
23 मार्च 2025धूम मचा दो, भई!
Balaji Venkatraman
24 मार्च 2025हमें खेल को एक सामाजिक दायित्व मानना चाहिए, न कि केवल विज्ञापन का माध्यम; इस तरह के बड़े प्रमोशन से असली खेल का स्वरूप धुंधला नहीं होना चाहिए।
Simi Joseph
25 मार्च 2025ओह, Dream11 का नया ब्लेंड तो बिलकुल कॉकटेल पार्टी जैसा लग रहा है, जहाँ क्रिकेट के साथ साथ अभिनेता की चमक भी मिलती है, ज़रूर असली फ़ैन का ध्यान नहीं भटकता।
Vaneesha Krishnan
26 मार्च 2025बहुत बढ़िया आइडिया! फ़ैन को अब न केवल मैच देखना है, बल्कि स्टार्स के साथ बातचीत भी करनी होगी, एकदम इमर्सिव एक्सपीरियंस 😍
Satya Pal
27 मार्च 2025इक नयी प्रमोशन वसतव में फैनको एंटेरटेनमेंट दे रहे है पर क्रीकेट की सच्ची दीवानगी कभि दूर न होेगी।
Partho Roy
29 मार्च 2025सच में, आपने एक दिलचस्प बिंदु उठाया है-अक्सर विज्ञापन का ढाँचा फैंस की असली इच्छा को दबा देता है। लेकिन अगर हम इस पहल को एक मंच मानें जहाँ फैंस को स्टार्स के साथ सीधे इंटरेक्ट करने का मौका मिले, तो यह एक नई संभावनाओं की दरवाज़ा खोल सकता है। फिर भी, हमें यह देखना होगा कि यह इंटरैक्शन वास्तव में फैंस को खेल से जुड़ाव महसूस कराता है या सिर्फ एक शॉर्ट‑लाइफ़ एंटरटेनमेंट बन जाता है। इस बीच, Dream11 को यह भी देखना चाहिए कि कौन सा कंटेंट फैंस को स्थायी रूप से आकर्षित करता है, न कि केवल एक बार का उत्सव। एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाकर ही हम खेल के मूल्यों को सुरक्षित रख सकते हैं। अंत में, यदि इस कॉम्बिनेशन से फैंस को अधिक रोचक सामग्री मिलती है, तो यह एक जीत-जीत की स्थिति हो सकती है।
Abhishek maurya
30 मार्च 2025मैं इस पूरे परिदृश्य को एक बड़े वैधता प्रश्न के रूप में देखता हूँ-क्या खेल को इस हद तक कॉमर्शियलाइज करना वाकई में उचित है? कई बार हम देख चुके हैं कि अत्यधिक प्रमोशन ने खेल की आत्मा को क्षीण कर दिया है, जिससे खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से अधिक विज्ञापन के प्रति संवेदनशील हो गए हैं। इस प्रकार की पहल, जहाँ बॉलीवुड के सितारे खेल के साथ मिलकर एक हाइब्रिड प्रॉडक्ट बनाते हैं, दर्शाती है कि हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों को कितनी आसानी से बेच सकते हैं। यदि फैंस को सिर्फ चमक-धमक और सेल्फी की ख़ुशी से ही संतुष्ट किया जाता है, तो कहीं न कहीं खेल का वास्तविक आकर्षण कमज़ोर पड़ता है। मैं यह भी कहूँगा कि इस तरह की रणनीति, एक समय के लिए लोकप्रिय तो होगी, पर दीर्घकालिक प्रभाव में यह खेल के एथोस को नुकसान पहुँचा सकती है। इसलिए, नियामकों को इस दिशा में सख्त नियम बनाकर खेल को अपने मूल स्थान पर वापस लाना चाहिए।