पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। इस बदलाव की घोषणा मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा की गई है। उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ ही समाप्त होगा या फिर अगले आदेशों तक जारी रहेगा। वे डॉ. पी के मिश्रा के साथ काम करेंगे, जो प्रधान सचिव-1 की भूमिका निभाते रहेंगे।
शक्तिकांत दास ने हाल ही में यानी दिसंबर 2023 में आरबीआई गवर्नर के रूप में अपनी छह साल की अवधि पूरी की, जिसे उन्होंने दिसंबर 2018 में उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद संभाला था। आरबीआई में उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें COVID-19 महामारी के दौरान आर्थिक प्रभावों का प्रबंधन भी शामिल था। वे विशेष रूप से महामारी के आर्थिक प्रभाव का सामना करने के लिए पैसे की आपूर्ति और मौद्रिक नीतियों के माध्यम से स्थिति संभालने के लिए पहचाने गए थे।
शक्तिकांत दास 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वे तमिलनाडु कैडर से हैं। उनके पास अनेक सरकारी भूमिकाओं का व्यापक अनुभव है, जिसमें आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव और उर्वरक सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। उनकी शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में हुई है। दास की इस नई नियुक्ति से सरकार की आर्थिक नीतियों और निर्णयों पर उनका प्रभाव जारी रहेगा।
शक्तिकांत दास की इस नियुक्ति के बारे में चर्चा इस बात पर केंद्रित है कि उनका अनुभव और निर्णय लेने की क्षमता प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के तहत भविष्य में आने वाली आर्थिक चुनौतियों को कैसे सामना करेगी।
टिप्पणि
Simi Singh
27 फ़रवरी 2025नए प्रधान सचिव-2 की नियुक्ति के पीछे क्या कोई छुपी मंशा तो नहीं है? सरकार लगातार आर्थिक मोड्यूल को बदलती रहती है, लेकिन असली मकसद बहुत गहरा हो सकता है। यह व्यक्ति पहले RBI में था, तो अब क्या वह वित्तीय नीति को सीधे दबाव में लाएगा? यह सवाल कई लोगों के दिमाग में है, लेकिन सार्वजनिक तौर पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता। इस प्रक्रिया में कुछ बड़े कुटिल खेल चल रहे हों, यह संभावना नहीं खोई जा सकती।
Rajshree Bhalekar
8 मार्च 2025शक्तिकांत दास की नियुक्ति से दिल बहुत खुश हुआ।
Ganesh kumar Pramanik
16 मार्च 2025देखो भाई लोग, दास साहब का अनुभव तो कमाल का है, पर कभी-कभी उनका अंदाज़ थोड़ा टनटने वाला लगता है। उन्होंने RBI में कई बड़े फैसले लिये, पर क्या ये अब मंत्री के पास भी वही ढंग से काम करेंगे? मैं सोचता हूँ, इस नई पोस्ट में उन्हें ज्यादा सक्रिय रहना पड़ेगा, नहीं तो मौजूदा समस्याएँ और जटिल हो सकती हैं। कभी‑कभी टाइपिंग में छोटी‑छोटी गल्तियाँ भी आ जाती हैं, पर समझ में आता है कि सबको संभालना आसान नहीं। कुल मिलाकर, उनके पास काफी बौद्धिक भंडार है, बस इसे सही दिशा देना ज़रूरी है।
Sri Prasanna
24 मार्च 2025प्रधान सचिव की नियु्क्ति में नैतिकता का अभाव स्पष्ट है यह देखना दुखद है। सरकार के शीर्ष पदों पर ऐसे लोगों को बैठाने से समाज की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा है। यह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्य की उपेक्षा है। हमें इस तरह के निरक्षर चयन को रोकना चाहिए।
Ashish Pundir
2 अप्रैल 2025विचारशील लेकिन छोटा टिप्पणी।
Tsering Bhutia
10 अप्रैल 2025सभी को नमस्ते! 🌟
शक्तिकांत दास जी की नियुक्ति से भारत की आर्थिक दिशा में एक नई दिशा मिल सकती है। उनका RBI में अनुभव उन्हें वित्तीय नीतियों में गहरी समझ देता है। अब वे प्रधानमंत्री के साथ मिलकर आर्थिक सुधारों को तेज़ी से लागू कर सकते हैं। हमें इस अवसर को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए और उनका समर्थन करना चाहिए। यदि कोई सवाल या सुझाव है तो साझा करें, मिलकर हम बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
Partho Roy
18 अप्रैल 2025सच कहा तो, इतिहास के पन्नों में जब भी हम बड़े आर्थिक बदलाव देखते हैं, वे हमेशा कई गहरी विचारधाराओं के संगम से उत्पन्न होते हैं। शक्ति-कैंट दास जी ने RBI में कठिन समय में कई चुनौतियों का सामना किया, और वह अनुभव आज के संकटपूर्ण माहौल में अत्यंत मूल्यवान हो सकता है।
परन्तु हमारा दायित्व भी यही है कि हम इस नई जिम्मेदारी को केवल एक पद नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व मानें। इससे पहले कि हम उनका स्वागत करें, हमें यह भी समझना चाहिए कि उनकी नीति‑निर्धारण किस स्तर की पारदर्शिता रखेगी।
जब वह प्रधानमंत्री के पास काम करेंगे, तो क्या वह आर्थिक नीति में जनता की आवाज़ को अधिक प्रमुखता देंगे, या फिर वह सिर्फ तकनीकी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे? यह सवाल हमें लगातार पूछते रहना चाहिए।
इसी क्रम में, हम यह भी देख सकते हैं कि वे कैसे मौजूदा मौद्रिक नीति को मौजूदा वैश्विक आर्थिक दबावों के साथ तालमेल बिठाएंगे। निरंतर मौद्रिक आपूर्ति, बैंकों की लिक्विडिटी, और मुद्रास्फीति के नियंत्रण में उनका योगदान क्या रहेगा, यह देखना रोचक होगा।
एक और पहलू यह है कि क्या वे जलवायु परिवर्तन से जुड़ी आर्थिक नीतियों को अपनाएंगे, क्योंकि आज के समय में पर्यावरणीय स्थिरता भी आर्थिक विकास का हिस्सा बन चुकी है।
आखिरकार, सफल प्रशासन का मूल आधार जनता के साथ संवाद है, और यही वह स्थान है जहाँ हमें उनके साथ मिलकर काम करना चाहिए। अगर हम उनके साथ एक constructive संवाद स्थापित करेंगे, तो नीति निर्माताओं को भी जनता की वास्तविक समस्याओं का बोध होगा।
इसलिए, मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में हम सभी मिलकर एक संतुलित, पारदर्शी, और जनधन्य आर्थिक नीति बना सकें, जहाँ शक्ति‑कैंट दास जी जैसी अनुभवी व्यक्तियों का योगदान मुख्य भूमिका निभाए।
Ahmad Dala
26 अप्रैल 2025काफी विंडेड तकलीफ है यह नियुक्ति, मानो कुछ लोग उच्च वर्ग की मान्यता को थामे हुए हैं। लेकिन आखिरकार, यह महँगा खेल है, जो केवल वही समझ सकते हैं। पर, साथ ही एक भी बात साफ़ है-उनकी स्थितियों में संतुलन नहीं बना पाने का जोखिम है। हमें इसको सजगता से देखना चाहिए।
RajAditya Das
5 मई 2025शक्तिकांत दास को धन्यवाद 😊
Harshil Gupta
13 मई 2025सभी को नमस्कार, इस नियुक्ति में एक सकारात्मक पहल देखी जा सकती है। दास जी के पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव है, जिससे नीति निर्माण में संतुलन आएगा। यह हमारे आर्थिक भविष्य के लिए लाभकारी हो सकता है।
Rakesh Pandey
21 मई 2025सिर्फ नाम नहीं, बल्कि उनका वास्तविक काम देखने की जरूरत है, नहीं तो सब व्यर्थ रहेगा 😏
Abhishek maurya
30 मई 2025दास जी का अनुभव वास्तव में उल्लेखनीय है, और यह पद उन्हें नई चुनौतियों से रूबरू कराएगा। उनके पिछले कार्यकाल में आर्थिक स्थिरता की दिशा में कई कदम उठाए गए थे, और अब वह इसे और भी विस्तारित कर सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वह इस अवसर का पूरा लाभ उठाए और दास जी की विशेषज्ञता को नीति निर्माण में सम्मिलित करे। यह सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम है, जिसका दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है। यदि उनके पास उचित समर्थन और स्वतंत्रता होगी, तो हम आशा कर सकते हैं कि वह कमियों को दूर करने में मदद करेंगे।
Sumitra Nair
7 जून 2025विचार‑वैचारिक गहराई में प्रवेश करते हुए, मैं इस नियुक्ति को एक दार्शनिक बिंदु के रूप में देखता हूँ। इस प्रकार की उच्चतम प्रशासनिक भूमिका में, दास जी का कार्य न केवल आर्थिक नियोजन तक सीमित रहेगा, बल्कि वह समाज के समग्र कल्याण का प्रतिबिंब भी बन जाएगा। अतः, शैक्षिक एवं बौद्धिक जगत से मैं इस कदम को एक सकारात्मक अभिव्यक्ति के रूप में स्वीकार करता हूँ।🙏
gaurav rawat
15 जून 2025शक्तिकांत दास की नियुक्ति शानदार है! 👍 हमें इस बदलाव से उम्मीद रखनी चाहिए।
Vakiya dinesh Bharvad
24 जून 2025सांस्कृतिक दृष्टि से, यह चयन विविधता को दर्शाता है, एवं हमें इसे सराहना चाहिए।
Aryan Chouhan
2 जुलाई 2025अभि्यासी शाक्तिकांत को देख के बानिया डि ड्रिंक्स
khajan singh
10 जुलाई 2025दास जी के अनुशासनिक वर्कफ़्लो को देखते हुए, यह निर्णय KPI‑centric रणनीति के साथ संरेखित हो सकता है 🚀। इस प्रकार हम फाइनेंशियल मॉडलिंग में हाई‑परफ़ॉर्मेंस को एन्हांस कर सकते हैं।